दोस्त सबसे पहले आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हमारी ओर से दीपावली की अनंत मंगलमय हार्दिक शुभकामनाएं . वर्ष 2021 की यह दीपावली आपके जीवन को खुशियों से भर दे ऐसी हमारी कामना है.अब अगर आप पढ़ना चाहतें है दीपावली:कुछ रोचक तथ्य diwali information in hindi दीपावली से जुड़े कुछ रोचक तथ्य तो स्वागत है आपका…
दीपावली से संबंधित कुछ बातें जो आप नहीं जानते हैं
दोस्तों कार्तिक अमावस्या की रात को मनाया जाने वाला प्रकाश पर्व दीपावली भारतीय संस्कृति में उपनिषद के आदेश असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय को चरितार्थ करने वाला महान पर्व है.जिसे हम युगों युगों से मनाते चले आ रहे हैं .हमारी संस्कृति के अध्याय के कई पन्ने दीपावली की ज्योति से प्रकाशित हो रहे हैं. यहां हम आपके लिए प्रस्तुत करने जा रहे दिवाली से संबंधित कुछ खास तथ्य जिसे जानकर आपको ख़ुशी होगी और आप रोमांचित भी होंगे .
दीपावली के धार्मिक तथ्य Dipawali Facts in Hindi
इस लेख diwali in hindi में अपनी बात शुरू करते हैं दीपावली से जुड़ी धार्मिक तथ्यों से । दीपावली हर वर्ष हिंदू पंचांग के आठवें महीने यानी कार्तिक मास की अमावस्या को ही मनाया जाता है. लोग घनघोर अंधेरी रात में दीए जलाकर अंधकार पर प्रकाश की विजय का उत्सव मनाते हैं.
दीपावली एक पर्व नहीं होकर पर्वों की श्रृंखला है जो धनतेरस से शुरू होकर भ्रातृ द्वितीया यानी भैया दूज तक मनाया जाता है. जिसमें दीपावली के दिन मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है.
देश के कुछ हिस्सों में तो इसके बाद भी छठ पूजा में भगवान सूर्य की उपासना के साथ ही यह महोत्सव खत्म होता है.
त्रेता युग में भगवान राम, रावण का वध करने के पश्चात इसी दिन मां जानकी और लक्ष्मण के साथ पुण्य भूमि अयोध्या पधारे थे.उनके आने की खुशी में नगर वासियों ने दीपों की श्रृंखला को जलाकर श्री राम के आने का पथ आलोकित कर दिया ताकि उन्हें आने में कोई कष्ट नहीं हो. यही दीपावली मनाने का मुख्य कारण माना जाता है.
भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा प्रसंग
द्वापर युग (जिसे भगवान कृष्ण का काल माना गया है) में इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक दैत्य(जिसने 16,000 स्त्रियों का अपहरण कर अपनी कैद में रखा था) का संहार किया था .नरकासुर के उत्पात से नर नारी त्रस्त थे और उसकी मृत्यु पर लोगों ने खुशी के मारे घी के दिए जलाए. इसे भी दीपोत्सव मनाने के कारणों में से एक गिना जाता है.
माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का प्रसंग
देवताओं और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था और दीपावली के दिन ही माता महालक्ष्मी तथा भगवान धन्वंतरि का आविर्भाव हुआ. लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को अपने अपने वर के रूप में स्वयं चुना. दीपावली को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी विवाह उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है.
भक्त प्रह्लाद का प्रसंग
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु ने स्वयं नरसिंह रूप में अवतार लेकर महान भक्त प्रहलाद के दुराचारी पिता हिरण्यकश्यप का वध किया था. इसी दिन से दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है. यहां आपको बताता चलूं कि हिरण्यकश्यप हिरण्यकरण वन नामक स्थान का राजा था जो वर्तमान में राजस्थान राज्य में स्थित है और हिंडौन नाम से जाना जाता है.
दरबार साहिब की स्थापना
दीपावली से जुड़े तथ्य diwali in hindi में आगे पढिए दरबार साहिब से जुड़ा प्रसंग – 1588-1589 ईस्वी में सिख धर्म के पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर जिसे दरबार साहिब भी कहा जाता है की नीव दीपावली के दिन ही रखी गई थी. सिखों के पांचवें गुरु, गुरु अर्जुन देव जी ने स्वर्ण मंदिर की नींव दीपावली के दिन ही रखी थी. कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने नीव रखने के लिए एक सूफी संत मियां मीर को लाहौर से बुलाया था. हालांकि यह एक अपुष्ट तथ्य है जिसका सत्यापन थोड़ा मुश्किल है.
जैन धर्म और दीपावली
जैन धर्म की मान्यताओं के अनुसार जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर ने कार्तिक मास की अमावस्या अर्थात दीपावली के दिन ही पावापुरी में अपना देहत्याग किया था,उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई थी. तथा इसी दिन भगवान महावीर के प्रथम शिष्य गौतम गणधर को कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसलिए दीपावली का जैन धर्म में भी विशेष स्थान है.
दीपावली के अन्य रोचक तथ्य
मोहनजोदड़ो मातृ देवी और दीपावली
दीपवाली से जुड़ी इस लेख diwali in hindi में अब बात दीपावली से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण चीजों की । शुरुआत करते हैं सिंधु घाटी के मोहनजोदड़ों से । मोहनजोदड़ो से मिली कुछ मातृ देवी की मूर्तियों के दोनों तरफ जले हुए दीप इस बात के संकेत देते हैं कि उस काल में भी लोग दीपावली का त्यौहार मनाते थे.
स्वामी दयानंद सरस्वती का देहत्याग
भारतीय ऋषि एवं सनातन परंपरा के पुरोधा एवम आर्यसमाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती ने अपना देह त्याग इसी दिन किया था.
स्वामी रामतीर्थ का प्रयाण
हिंदू सनातन परंपरा में अद्वैतवाद वेदांत दर्शन के प्रबल पैरोकार एवं अनुनायी महान सन्यासी स्वामी रामतीर्थ का महाप्रयाण भी दीपावली के दिन ही हुआ था. इन्होंने ओम शब्द का उच्चारण करते हुए गंगा में जल समाधि ले ली थी. ध्यान रखने वाली बात यह है कि इनका जन्म भी दीपावली के दिन ही पंजाब के गुजरांवाला में हुआ था जो कि अब पाकिस्तान में है.
दुनियां के अलग देशों में दीपावली
दीपावली के दिन भारत सहित नेपाल म्यानमार श्रीलंका मलेशिया सिंगापुर दुनिया के लगभग 11 देशों में सार्वजनिक अवकाश रहता है.
सिख धर्म में दीपावली का महत्व
दीपावली को सिख धर्म के लोग भी मनाते हैं. सिख धर्म में दीपावली को बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन सिखों के छठे गुरु श्री हरगोविंद सिंह महाराज जहांगीर की कैद से ग्वालियर के किले से आजाद हुए थे.
विक्रम संवत की शुरुआत
हिंदू संस्कृति के प्रतापी राजा विक्रमादित्य का राज्याभिषेक भी दीपावली के दिन ही हुआ था और विक्रमी संवत की शुरुआत भी दीपावली से ही होती है. यही कारण है कि आज भी हमारे देश में छोटे-मोटे दुकानदार अथवा व्यापारी अपने बही खातों की अदला बदली आज ही करते हैं.
ग्लोबल दिवाली
दीपावली मुख्य रूप से हिंदुओं के द्वारा बनाया जाने वाला त्यौहार है. परंतु इसे हिंदू के साथ साथ जैन एवं सिख धर्म के लोग भी मनाते हैं. इंटरनेट और तकनीकी तरक्की की वजह से ग्लोबल विलेज में बदलती इस दुनिया में भारतीय अलग-अलग देशों काम के लिए प्रवास करते हैं.
प्रवासी भारतीय जहां भी हैं दीपावली का त्यौहार मनाते हैं. जिसमें वहां के स्थानीय निवासी इस मनमोहक उत्सव में शरीक होकर आनंद उठाते हैं.
सूरीनाम,त्रिनिदादऔरटोबैगो,केन्या,मॉरीशस,तंजानिया,न्यूजीलैंड,ऑस्ट्रेलिया,नीदरलैंड,कनाडा,ब्रिटेन,UAE,इंडोनेशिया,मलेशिया,पाकिस्तान,श्रीलंका,नेपाल और सिंगापुर सहित दुनिया के अन्य देशों में भी दीपावली को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.
अरबों रूपये के पटाखे
दीपावली को पूरी दुनिया में लगभग 80 से 85 करोड लोग मनाते हैं. इतनी बड़ी संख्या अपने आप में एक रिकॉर्ड है.दुनिया के हर 7 में से एक आदमी दीपावली का पर्व मनाता है.
समूचे भारतवर्ष में दीपावली के दिन लोग लगभग 8500 करोड़ रुपए के पटाखे फोड देते हैं.
(भारत की जनसंख्या लगभग 130 करोड़ के आसपास है. हिंदुओं की जनसंख्या अगर पचासी से 85 करोड़ माना जाए. प्रत्येक व्यक्ति अगर ₹100 पटाखे में खर्च करें तो पटाखों में लगी रकम पचासी 100 करोड़ की होती है. जबकि वास्तव में कुछ लोग पटाखे नहीं भी जलाते और कुछ 10,000 से लिख ₹50,000 तक के पटाखे भी जलाते हैं.)
दक्षिण भारत में दीपावली एक दिन पहले मनाया जाता है. वस्तुतः दक्षिण भारत में नरका चतुर्दशी को मनाया जाता है. जिस दिन भगवान कृष्ण ने सत्यभामा की सहायता से नरकासुर का वध किया था. वैसे दक्षिण भारत में नरका चतुर्दशी के बाद भी दीपावली के दिन पूजा पाठ एवं उत्सव मनाया जाता है.
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उम्मीद है दीपावली से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाओं से संबंधित यह लेख Dipawali Information in Hindi, दीपावली से संबंधित कुछ कम प्रसिद्ध तथा अधिक रोचक तथ्यों की प्रस्तुति आपको अच्छी लगी होगी . आवश्यक संसोधन हेतु अपने सुझाव अथवा इस लेख पर अपने विचार रखने के लिए नीचे कमेन्ट बॉक्स में अपने विचार जरूर लिखें ।
अपने दोस्तों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए इस लेख को भी उनसे शेयर करके उन्हें दीपावली से जुड़े रोचक तथ्यों से भी परीचित करवाएं ताकि हम दीपावली को और उत्साह और उमंग से मना पाएं !
दीपावली:कुछ रोचक तथ्य पूरा पढ़ने के लिए आभार!
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