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Motivational Story-संकल्प से सफलता |Success Tips in Hindi

Written by-आर के चौधरी

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इस article में एक प्रेरक कहानी (motivational story) के माध्यम से बात सफलता, संकल्प और अभ्यास की। मुझे उम्मीद है यह कहानी आपके जीवन में जरूर कुछ value add करेगी । करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद ने कहा था – ” ब्रह्मांड की कोई भी शक्ति किसी मनुष्य को उस चीज को पाने से नहीं रोक सकती जिसका वह वास्तव में पूर्ण हकदार है ।”  पढिए आगे ..

Motivational Story:- संकल्प से सफलता

Post को आप इस video में पूरा सुन सकते हैं ।

गुरुकुल में विद्याथियों का समूह उमड़ पड़ा था | कुछ विद्यार्थी प्रसन्न थे तो कुछ के चेहरे  से मायूसी साफ झलक रही थी । ऐसा अकारण नहीं था । सफल छात्रों को जहां अगली कक्षा में प्रवेश मिलता वहीं अनुतीर्ण होने वालों को गुरुकुल से घर जाना पड़ता, बिना विद्याध्ययन पूर्ण किए ही ! 

परिणाम आने के बाद  अगली सुबह गुरुजी ने एक विद्यार्थी को अपने पास बुलाया और कहा – “ बेटा तुम वापिस घर चले जाओ ये पढ़ना लिखना तुमसे न हो पाएगा ! “

गुरु ने उसे अध्ययन अभ्यास करवाने का घोर प्रयास किया था लेकिन वो बालक कुछ खास सीख नहीं पा रहा था । 

उसे घर लौटना पड़ेगा, यह सोचकर अनेक प्रश्न उसके मन में उथलपुथल मचाए हुए थे ।जैसे – अपने माता पिता को क्या मुंह दिखाएगा ? जब लोगों को पता चलेगा कि उसे गुरुकुल से निकाल दिया गया है, तो वह उसका सामना कैसे करेगा ? आगे क्या करेगा ? आदि आदि …  उसका मन बैठा जा रहा था 

लेकिन उसे आखिरकार घर लौटना ही था तो वह धीमे कदमों से अपने गाँव की ओर चल पड़ा, … मन में उठते सवालों के भँवर में, वह अंदर ही अंदर टूट कर बिखरता जा रहा था । 

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दोपहर हो चली थी , वह अपने गाँव के समीप  पहुँच गया था । लेकिन इस प्रचंड धूप में मारे भूख और प्यास के,  उसका तन-बदन बेहाल हुआ जा रहा था । उसने घड़ीभरी  विश्राम कर आगे बढ़ने का निश्चय किया ! 

वह एक कुएं के पास पेड़ की छाँव में बैठ गया । गुरुकुल से घर के लिए निकलते समय उसे गुरु की पत्नी  ने एक पोटली देते हुए कहा था -” बेटा !  रास्ते में यदि भूख लगे तो यह  खाना ! ”

कुएं से पानी निकालने के लिए वह आगे बढ़ा लेकिन इस प्रचंड धूप में सभी पथिकों का हाल बेहाल हुआ जा रहा था , इस गर्मी से बेहाल और भी लोग जल पीने के लिए उसके पहले वहाँ खड़े थे ! 

सभी क्रमशः अपनी बारी आने पर रस्सी से बंधे जलपात्र को कुएं में डालते ,  फिर उसी रस्सी के सहारे उसे खींच कर ऊपर लाते और शीतल जल से अपनी प्यास बुझाते ! 

अपनी बारी का इंतजार करते हुए उसकी नजर कुएं के जगत पर पड़े निशान पर गयी !

अकस्मात ही उसके मन में एक विचार कौंधा,-  कि यदि जुट के कोमल रेशों से बनी इस रस्सी के बार बार रगड़ने से, कठोर पत्थर, घिस सकता है एक पत्थर पर निशान पड़ सकता है तो बारंबार अभ्यास से भला मैं भी सफल हो सकता हूँ ! बारंबार अभ्यास से मैं भी निश्चित ही बुद्धिमान बन सकता हूँ ! 

हालांकि वह अपने गाँव के काफी समीप पहुँच चुका था लेकिन उसने वापिस लौटने का मन बनाया और वहीं से अपने गुरुकुल की ओर लौट पड़ा ! 

उसे लौटकर आश्रम तक पहुंचते पहुंचते  शाम हो चली थी | गुरु ने उसे डाटते हुए वापिस गुरुकुल आने का कारण पूछा ? शिष्य ने सारी बात सुनाई । 

पहले तो गुरु ने मना कर दिया लेकिन अपने शिष्य के अनुनय विनय से गुरुजी का हृदय द्रवित हो उठा ! उन्होने इस विद्यार्थी की प्रार्थना स्वीकार करते हुए, उसे पुनः, गुरुकुल में प्रवेश की अनुमति दे दी । 

अबकी बार इस विद्यार्थी ने परिश्रम करते हुए रात और दिन एक कर दिये । अब तक मंदबुद्धि माना जाने वाला यह बालक न केवल उतीर्ण हुआ था बल्कि उसने पूरे गुरुकुल मे प्रथम स्थान प्राप्त किया था । इसके परिश्रम और अभ्यास ने पूरे गुरुकुल को अचंभित कर दिया था । 

कभी मंदबुद्धि माना जाने यह विद्यार्थी आगे चलकर संस्कृत के प्रख्यात वैयाकरण आचार्य वरदराज के नाम से प्रसिद्ध हुआ जिन्होंने  लघु सिद्धान्त कौमुदी और मुग्धबोध जैसे महान ग्रन्थों की रचना की । 

एक समय इनसे पढ़ना विद्यार्थियों के लिए गौरव की बात मानी जाती थी । लेकिन यह सब यूं ही संभव नहीं हुआ था … यह चमत्कार संभव हुआ था प्रबल इच्छाशक्ति और कठोर अभ्यास से ! 

सीख-Moral Of The Story

कामयाब लोग ठीक ही कहते हैं कि संकल्प ही सफलता का प्रथम सूत्र है । एक सच्चा संकल्प वह अमोघ अस्त्र है जिसका वार अचूक होता है । 

यदि हम एक बार विकल्पहीन संकल्प कर ले तो वह कौन सी बाधा है जो हमारी सफलता का मार्ग रोक सके ! नि:संदेह, कोई नहीं !

इस संसार में विकल्पहीन संकल्प, अन्य किसी भी चीज से अधिक शक्तिशाली है ! अटल इच्छाशक्ति के आगे हरेक चीज को नतमस्तक होना ही पड़ता है !  एक संकल्प व्यक्ति को अधिक आत्मवान बनाता है और आत्मवान व्यक्ति ही जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है ।

आप ने जिस दिन शुद्ध और पूर्ण अन्तःकरण से कुछ करने की ठान ली यकीन मानिए आप को वह कामयाबी मिल कर रहेगी । एक सच्चा संकल्प और अनवरत अभ्यास ही सफलता की कुंजी है । 


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