आप कहाँ जाना चाहते हो ?? Idea Vs Activity

Written by-आर के चौधरी

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भारतीय सनातन परंपरा में कहा गया है – “अहं ब्रह्मास्मि ” । अर्थात हम सभी परम चेतनामय परमात्मा की संताने हैं … और उस परम चैतन्य परमात्मा का अंश होने के कारण धरती पर जो भी शुभ और सुंदर है उसे हम निश्चित ही प्राप्त कर सकते हैं बशर्ते हमारा कर्म और हमारा प्रयास उस दिशा में हो ।

इसलिए कभी भी छोटे-छोटे लक्ष्य बनाना उचित नहीं है हमें बड़े goals बनाने चाहिए बड़े लक्ष्य बनाने चाहिए और बड़ी कार्य योजना के साथ बड़े लक्ष्य पर अमल करने की कोशिश करनी चाहिए । क्योंकि बड़ी कार्य योजना एवं बड़े लक्ष्य में ही हमारे खून के भीतर उबाल लाने का सामर्थ्य होता है छोटे लक्ष्यों पर अक्सर आदमी बस अंगड़ाई लेकर वापस अपने पहली स्थिति में लौट आता है… लेकिन यह बड़े लक्ष्यों में ये ताकत है कि वह हमें चैन से रहने नहीं देते । इसलिए अपना उदेश्य,अपना मकसद अपना लक्ष्य बड़ा रखिए ।

भविष्य की बड़ी सफलता की प्राप्ति के लिए वर्तमान ही वह समय है ,जहां हम कार्य कर सकते हैं । तो क्या हैं वे लक्ष्य जिसके लिए आप अपना अगला 5 या 10 साल समर्पित करना चाहते हैं ? कौन कौन सी कमयबियां जिसे अब अगले कुछ सालों में पाना चाहते हैं?

क्या है वह शारीरिक,मानसिक,वित्तीय,सामाजिक,पारिवारिक या आध्यात्मिक भंडार जिसकी आपको तलाश है ? क्योंकि जीवन में क्या बहुत महत्वपूर्ण है जब आपका यह क्या वाला कांसेप्ट है क्लियर हो जाएगा तभी आप अपने वर्तमान गतिविधियों का मूल्यांकन तथा भविष्य के क्रियाकलापों के लिए आत्मचिंतन कर पाएंगे कि अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उस दिशा में आगे बढ़ने के लिए आप और कौन से कदम उठा सकते हैं ?

आपको किन नई बातों को अपने क्रियाकलापों में अपने दैनंदिन क्रियाकलापों में आपको जोड़ने की आवश्यकता है तथा अपने किस आदत या व्यवहार में आपको समायोजन की जरूरत है ताकि आप अपने गंतव्य की ओर अपने लक्ष्य की ओर स्वयं को अधिक सुगमता से ले जा सके … ।

जीवन में कामयाबी को केवल भगवान के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता । आपको प्रयास भी करने होंगे बिना प्रयास के कभी परिणाम नहीं मिलेगा । बिना परिश्रम किए केवल उंगलियों पर उंगलियां चढ़ाने से परिणाम आपके पक्ष में नहीं आने वाले । बिना किसी प्रयास के बिना कोई काम किए बिना कोई प्रयास किए परिणाम का उम्मीद करना ही भ्रम है और सफलता प्राप्त करने के लिए भ्रम के भूत से दूर होना बहुत जरूरी है

तो अगले कुछ सालों में आप जहां जाने की, जहां पहुंचने की ख्वाहिश रखते हैं उसके लिए आप आज क्या कर रहे हैं? अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए आप अपनी शारीरिक क्षमता में, अपने मानसिक क्षमता में तथा अपने व्यक्तित्व में परिवर्तन के लिए क्या कर रहे हैं? कौन कौन से कदम उठा रहे हैं… इसका कोई हिसाब किताब है आपके पास !

आपने अपने डेली रूटीन में क्या कुछ छोटे-छोटे परिवर्तनों को समायोजित किया है, जो आपको लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद करेंगे । या फिर आप वही कर रहे हैं जो आप आज से 5 साल 3 साल या 2 साल पहले कर रहे थे ? यदि आप आज भी वही कर रहे हैं और आने वाले कल में भी वही करने वाले हैं जो आप आज से 1 साल 3 साल या 5 साल पहले कर रहे थे तो फिर आने वाले समय में आप लगभग उसी जगह के आसपास रहने वाले हैं जहां 5 से 5 साल पहले थे । शायद ये भी हो सकता है कि आप की स्थिति पहले की तुलना में थोड़ी और खराब ही हो जाए ।

लेकिन यदि आप परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध हैं… आपने छोटा ही सही लेकिन अपनी आदतों में परिवर्तन के लिए कुछ कदम उठाए हैं… मसलन सोने जागने का समय ठीक कर लिया है, आप थोड़ा व्यायाम करने लगे हैं… आपने अपनी आदतों को अपने क्रियाकलापों को थोड़ा अनुशासित किया है…. आप उन अच्छी चीजों के बारे में पढ़ रहे हैं जो कि आपके गंतव्य से जुड़ी हुई है जो आपके लक्ष्य तक पहुंचने में आपकी मदद करेंगे .. तो निश्चित ही आने वाले 5 से 10 सालों में आप स्वयं के भीतर एक अविश्वसनीय परिवर्तन का साक्षात्कार करने वाले हैं और यह परिवर्तन आपके अंदर होकर रहेगा ।

यह भी हो सकता है कि आप बहुत लंबे अरसे से प्रयास कर रहे हों लेकिन आपके प्रयासों को कोई सुखद परिणति नहीं मिल रहा हो कोई परिणाम नहीं मिल रहा हो, लेकिन यहां आपके लिए धैर्यवान होना बहुत जरूरी है । हो सकता है आपने सुधार के 90% काम कर लिया हो लेकिन 10% काम बचा हुआ है जिसके बाद परिणाम व्यापक रूप से सामने प्रकट होने लगे । तो ढूंढिए उन 5 से 10% चीजों को जहां पर सुधार की गुंजाइश है ।

इसके लिए अच्छे अनुभवी तथा जहां अच्छा करना चाहते हैं वहां पहले से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ जुड़ना उनसे कोचिंग लेना आपके लिए मददगार साबित हो सकता है । आप अपने लक्ष्य की प्राप्ति के और करीब जाने के लिए प्रयास कीजिए कदम उठाइए ना कि उंगली पर उंगली चढ़ा कर केवल भगवान से प्रार्थना करते रहिए । प्रार्थना भी तब स्वीकार होगी जब आपके प्रयासों में आपके विश्वासों में आपके मेहनत और संकल्प का बल होगा

दुनिया में एक कामयाब इंसान बनना आज जितना आसान है पूरे मानव इतिहास में कभी इतना आसान नहीं रहा है । आज एक आइडिया और इंस्पिरेशन की बस जरूरत है आपको । बाकी हर चीज जिसे पढ़कर जिसे सुनकर या जिन से जुड़ कर आपको अपनी मंजिल मिलेगी उस सब आपकी पहुंच में है।

जरूरत है तो बस अपने भीतर एक जिज्ञासु स्वभाव और खोजी मनोवृत्ति विकसित करने की । बहुत खूबसूरत सी कहावत है अंग्रेजी में “if you will search you will find “ जिसे भी खोजने के लिए आप कदम बढ़ाएंगे वह आपको मिलेगा और खुद को और अच्छा बनाने के आपकी खोज में संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की एक छोटी सी कोचिंग आपके जीवन में आमूलचूल परिवर्तन ला सकता है ।

चीजें कैसे काम करेंगी

समय संसाधन या सलाहकार की कमी आज कोई समस्या नहीं है । समस्या है तो यह कि आईडिया के कमी की, नए विचारों के कमी की है । यह दुनिया ideas से ही बदली है और आपकी भी दुनिया किसी एक अच्छी आईडिया से ही बदलेगी ।

और आइडिया जेनरेट करने के लिए परिवर्तनकारी विचारों को अपने भीतर प्रस्फुटित कर पाने के लिए आपको पढ़ना पड़ेगा आपको संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों को सुनना पड़ेगा तथा पढ़ी और सुनी हुई चीज को गुणना भी पड़ेगा…

क्या खूब कहा है किसी ने-

यही जज्बा रहा तो मुश्किलों का हल भी निकलेगा,
जमीं बंजर हुई तो क्या वहीं से जल भी निकलेगा,
न मायूस हो न घबरा अंधेरों से मेरे साथी,
इन्हीं रातों के दामन से सुनहरा कल भी निकलेगा।

बड़े लोगों को पढ़ने सुनने और आत्म चिंतन करने एसे जो भी सुविचार जो भी आइडिया आपके मन में आते हैं उनको अपने जर्नल में लिखते जाइए अपने आइडिया को अपने जर्नल में लिखते जाइए… और जब समय मिले तो बीच-बीच में उनको दोहराते भी रहिए पढ़ते भी रहिए ।

बड़े लोगों का जीवन, बड़े लोगों की सलाह हमारे लिए एक खुली किताब की तरह होती है जिसे जितनी बारीकी से पढ़ा जाए, जितनी तन्मयता से पढ़ा जाए उतनी अच्छे विचार, उतना बेहतर आइडिया हमारे मन के अंदर प्रस्फुटित होगा।

लेकिन इसके लिए जरूरी है कि हमें हम जिस भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं उस क्षेत्र में एक विद्यार्थी बने रहना । Be a student not a follower …. यदि हम स्वयं को विद्यार्थी बनाकर रखेंगे तो हमारे मन में बाल सुलभ जिज्ञासा बनी रहेगी और जिज्ञासा ही हमें कुछ अच्छा पढ़ने के लिए कुछ पाने के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करती है ।

प्रेरित होने के लिए अपने मन में नए ideas लाने के लिए जिज्ञासा एक बहुत ही अहम चीज है जिसको हमें अपने भीतर जिंदा रखना होगा । जीवन में बड़ी उपलब्धियों के लिए चार चीजें जरूरी है- पहली जिज्ञासा(curiosity) दूसरा उत्साह(excitement) तीसरा आस्था और चौथी महत्वपूर्ण चीज है विश्वास स्वयं के ऊपर विश्वास । और इन चारों चीजों पर पर ही जीवन की किसी भी प्राप्ति का रहस्य छिपा हुआ है ।

बाल सुलभ जिज्ञासा आस्था और विश्वास बहुत साधारण चीज है देखने में लेकिन अमल करने में उतना ही कठिन है और बाल सुलभ जिज्ञासा से परिणाम मिलते हैं बाल सुलभ आस्था और विश्वास से परिणाम मिलते हैं यह सोलह आने सच है ।

जब आप इस लेख को पढ़ रहे हैं तो हो सकता है कि आप अपने जीवन में किसी अलग दौर से गुजर रहे होंगे । दिन महीने साल और मौसम एक होने के बावजूद हर व्यक्ति अपने जीवन अलग-अलग समय से गुजर रहा होता है … कुछ लोगों के लिए वर्तमान समय बहुत अच्छा होगा तो कुछ समस्याओं का सामना कर रहे होंगे ।

किसी के लिए ये उत्सव मनाने का समय होगा और हो सकता है आप जीवन की वीभत्स स्थिति में होंगे जहां पर वह अपने धैर्य और सामर्थ्य के कठोर इम्तिहान के दौर से गुजर रहे होंगे ।

कुछ चीजें प्रारब्ध से निर्धारित होती हैं लेकिन अधिकांश चीजें हमारे कर्मों से निर्धारित होता है । और एक्शन लेना कार्य करना ही हमारे हाथ में परिणाम पर हमारा कोई बस नहीं चलता ।

यदि आप अभी निराशा के दौर से गुजर रहे हैं आपके जीवन का यह शीत ऋतु आपके लिए निर्णय लेने का क्षण है यह आपके लिए उन क्रियाकलाप और गतिविधियों को अपनाने का समय है जो आपको वर्तमान समस्याओं से निजात दिलाकर एक संपन्न खुशहाल और आनंदमय गंतव्य की ओर ले जा सकता है ।

अपने जीवन से दुष्टता का भाव हटाइए और अपने परिवार पड़ोसी और परिवेश के साथ ही अपने साथ काम करने वाले लोगों के प्रति छोटे-छोटे बातों के लिए भी धन्यवादज्ञापक, कृतज्ञ बनिए । आप जो भी चाहते हैं वो इस दुनियाँ मे पर्याप्त मात्रा में, प्रचुरता में उपलब्ध है इसके लिए वो चीज किसी और को न मिले ये कोई शर्त नहीं है । हाँ ये आपको मिलेगी कि नहीं इस बात पर निर्भर करती है कि आपकी योग्यता कितनी है …. इसके लिए सकारात्मक सोच और कृतज्ञता का भाव (Thankfulness) सबसे पहली जरूरत है ।

जीवन में Thankful होना बहुत जरूरी है क्योंकि आपके जीवन को रूपांतरित करने वाले सकारात्मक विचार दुनिया बदलने वाले आइडियाज तभी आएंगे अपने वर्तमान के प्रति अनुग्रहित हैं थैंकफुल है ।

जब आपको अपनी गलतियों का एहसास हो और सही क्रियाकलापों और विचार के बारे में जानकारी हो लेकिन फिर भी आप सही कार्यनहीं कर रहे हो तो यह विनाशकारी है क्योंकि इस एटीट्यूड के साथ आप परिवर्तन की उम्मीद नहीं कर सकते हैं ।

अपने जीवन के सबसे खराब समय में आप को सबसे अधिक धैर्यवान बनने की जरूरत है । शांत होकर आत्म चिंतन करने की जरूरत है अपने लिए कठोर निर्णय लेने की जरूरत है ताकि आपके जीवन में कठिन समय के बाद खुशहाली का एक दौर लौट सके ।

सही चीजों को पढ़िए सही चीज सुनिए और सही लोगों से जुड़िए.. धीरे-धीरे ही सही लेकिन आपकी जिंदगी में चीजें सही होने लगेगी । हमारा आज का सिलेक्शन ही कल का डेस्टिनेशन है

आपके जीवन में सब कुछ शुभ हो इसी शुभकामना के साथ अगले अंक तक के लिए

Important Takeaways

  • नए ideas लाने के लिए जिज्ञासा एक बहुत ही अहम चीज है ।
  • बिना कोई प्रयास किए परिणाम का उम्मीद करना ही भ्रम है और सफलता प्राप्त करने के लिए भ्रम के भूत से दूर होना बहुत जरूरी है ।
  • यदि आप परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध हैं तो निश्चित ही आने वाले सालों में आप स्वयं के भीतर एक अविश्वसनीय परिवर्तन का साक्षात्कार करने वाले हैं और यह परिवर्तन आपके अंदर होकर रहेगा ।
  • प्रार्थना भी तब स्वीकार होगी जब आपके प्रयासों में आपके विश्वासों में आपके मेहनत और संकल्प का बल होगा ।
  • जिसे भी खोजने के लिए आप कदम बढ़ाएंगे वह आपको मिलेगा ।
  • Ideas की कमी,नए विचारों की कमी  ही असली समस्या है ।
  • जिस भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं उस क्षेत्र में एक विद्यार्थी बने रहना ।
  • बाल सुलभ जिज्ञासा आस्था और विश्वास  है जरूरी सफलता के लिए ।
  • जीवन से दुष्टता का भाव हटाइए और थैंकफुल बनिए ।
  • आज का सिलेक्शन ही कल का डेस्टिनेशन है ।

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