poem on friendship in hindi

मित्रता पर कविताएं | Poem on Friendship in Hindi

Written by-Khushboo

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इस लेख में हमने प्रस्तुत किया है मित्रता पर कुछ बेहतरीन कविताएं (poem on friendship in hindi) , जो आपको निश्चय ही अच्छी लगेंगी । मित्रता संबंधों के खजाने का वो अकेला बहुमूल्य रत्न है जिसकी उपस्थिति मात्र से ही इस खजाने की खनक और जीवन की सदाबहार चमक हमेशा बरकरार रहती है । मित्रता पर अब तक बहुत कुछ कहा जा चुका है हमने कोशिश की है मित्रता पर मेरी कुछ प्रिय रचनाओं (poems on friendship in hindi ) को आपके सामने प्रस्तुत करने का ।

इस पोस्ट को मैं समर्पित करता हूँ अपने लँगोटिया यारों को जिनकी साथ बिताए जीवन के स्वर्णिम समय का अनमोल अनुभव मेरे जीवन की एक विशिष्ट उपलब्धि है । जीवन के जंजाल से मिले कुछ फुरसत के पलों में बने मिलन-संयोग की नियति का हमें पूर्वाभास था ,लेकिन नम आंखे और मायूस चेहरों से दी गई वो शुभकामना पूर्ण विदाई शब्दों की सीमाओं से परे हैं ।

दिल में बसे और दिल में बसाये उन्हीं दोस्तों को समर्पित यह कविता(friendship poem) …

दोस्ती पर कविताएं poem on friendship in Hindi


कविता 1 : कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं ।

मैं यादों का किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं ।

मैं गुजरे पल को सोचूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।

अब जाने कौन-सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से

मैं देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।

कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मैं शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।

सबकी जिंदगी बदल गई,
एक नए सिरे में ढल गई,

किसी को नौकरी से फुरसत नहीं
किसी को दोस्तों की जरूरत नही

सारे यार गुम हो गए हैं
तू से तुम और आप हो गए हैं

मैं गुजरे पल को सोचूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं ।

धीरे धीरे उम्र कट जाती है
जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है,
कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है
और कभी यादों के सहारे ज़िन्दगी कट जाती है

किनारों पे सागर के खजाने नहीं आते,
फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते

जी लो इन पलों को हंस के दोस्त,
फिर लौट के दोस्ती के जमाने नहीं आते

मैं यादों का किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं ।

हरिवंश राय बच्चन

कविता 2 : हां मित्रता विश्वास है ।

हां मित्रता विश्वास है ।

मन गगन उपवन
चित चपल चंचल
सहयोग भी निस्वार्थ है
हां मित्रता विश्वास है ।

निज मित्र के उत्थान में
अपना भी गौरव गान है ।
हों तन भले ही दो
मन एक विद्यमान है ।
संबंध के अनुबंध में
संबंध यह कुछ खास है
हां मित्रता विश्वास है ।

निज मित्र के कल्याण को
श्री कृष्ण ने प्रण तोड़कर
बलिदान हो गया कर्ण भी
सर्वस्व अपना छोड़कर
इस प्रेममय संबंध का
बस त्याग ही विज्ञान है
हां मित्रता विश्वास है ।

हो हर तरफ आनंद या
फिर जिंदगी की धूप हो
दुःख की घिरी हो बदलियां
या कुछ’ और समय का रूप हो
जीवन के झंझावात में
मित्रता एक आस है
हां मित्रता विश्वास है ।

रितेश जी

कविता 3: मित्रता और पवित्रता

आडम्बर में
समाप्त न होने पाए
पवित्रता

और समाप्त न होने पाए
मित्रता
शिष्टाचार में

सम्भावना है
इतना-भर
अवधान-पूर्वक

प्राण-पूर्वक सहेजना है
मित्रता और
पवित्रता को !

श्री भवानी प्रसाद मिश्र

कविता 4 : दोस्ती क्या है

दोस्ती रंग है
जीने का ढंग है
जीवन की जंग का
अल्हड़ हुड़दंग है
फिर पूछते हो दोस्ती क्या है

दोस्ती मुस्कान है
जीवन विज्ञान है
प्रेममय जीवन का, औषधि महान है
और थोड़ा जानो दोस्ती है क्या

दोस्ती गीता का ज्ञान है
सुग्रीव के राम का अभिमान है
कर्ण का त्याग है
और सुदामा का मान है

और थोड़ा जानो दोस्ती है क्या

भगवान का वरदान है
अपनेपन का भान है
निष्कपट है निश्छल है
हर द्वन्द से अनजान है
इंसान की इंसानियत

इंसान की इंसानियत
और कुदरत का इलहाम है
सत्य की पहचान है

दोस्ती पूजा है
दोस्ती ईबादत है
आस्था और विश्वास है
दुनिया को सुंदर बनाने का प्रयास है दोस्ती

रितेश जी

कविता 5 : दोस्त ही हमको है काम आने वाला

जब कहीं कोई और न हो साथ निभाने वाला
हमारा दोस्त ही हमको है काम आने वाला

सुख की डगर हो या दुख की पगडंडी हो
जिंदगी की धूप से दोस्ती की छांव ही है बचाने वाला
हमारा दोस्त ही है हमको काम आने वाला

कठिन समय में मन की पीड़ा मन ही घुटती रहती है
मन की बातें कहां सभी से कही जाती हैं
दोस्त बिन चैन नहीं दिल को आने वाला
हमारा दोस्त ही हमको यह काम आने वाला

जिसके साथ हमेशा बचपन जीते हैं
कठिन समय में प्रेम सुधा हम पीते हैं
और नहीं कोई अपना बचपन लौट आने वाला
अपना दोस्त ही हमको यह काम आने वाला

जीवन की ऊंचाई में खुशियां की बांटे
कठिन समय में जो हर बोझ उठाता है
मलिन मुखौटा तुरत फेकता है बाहर
हंसकर जो गम बांट लेते हैं हमारा
इस दुनिया में ऐसा कौन है हिम्मतवाला
अपना दोस्त ही हमको है काम आने का

कविता 6: दोस्ती का रिश्ता

दोस्ती का रिश्ता
ही निराला होता है

दोस्ती दिलों को जोड़ती है
जिंदगी को खुशियों की ओर मोड़ती है
दिलों में प्रेम की धार छोड़ती है
दोस्ती का रिश्ता ही निराला होता है

दोस्ती जीवन में विश्वास जगाती है
जीने की आस जगाती है
दोस्त को दोस्त के लिए खास बनाती है
दोस्ती का रिश्ता ही निराला होता है

दोस्ती मुश्किलों से बचाती है
हारे हुए बंद को प्यार से चलाती है
प्रेम पीपसा को प्यार से बुझाती हैं
दोस्ती का रिश्ता ही निराला होता है

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