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Hindi Moral Story: छीनने का फल

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Hindi Moral story : एक बार एक नदी के तट पर दो लोग मछली पकड़ रहे थे। सुबह से शाम तक वो नदी किनारे बैठे रहे, लेकिन दोनों में से किसी के भी कांटे में मछली नहीं फसी। शाम हो चली दोनों  चलने को तैयार हो गए। तभी एक के कांटे में एक मछली फसी। वह व्यक्ति बहुत खुश हुआ “कि चलो सुबह से शाम तक बैठे रहे… दिन भर तो कुछ नहीं मिला, शाम में ही मिला  पर मिला तो सही। हे भगवान बहुत अच्छा हुआ! 

लेकिन यह बात उसके साथ जो दूसरा व्यक्ति बैठा हुआ था उसे अच्छा नहीं लगा। उसने पहले वाले से कहा -“यह मछली मुझे दे दो।” अब यह कहां मछली देने वाला था पूरी दिन के परिश्रम का  फल जो  था । उसने मना कर दिया ! लेकिन दूसरा व्यक्ति जो खाली हाथ घर जा रहा था थोड़ा दबंग प्रवृत्ति का था उसने जबरदस्ती मछली छीन ली  । 

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दोनों घर की ओर चल पड़े। 

जिसके कांटे  में मछली फंसी थी वह थोड़ा उदास होकर घर जा रहा था और जिस ने छीन ली वह थोड़ा खुश होकर घर जा रहा था। लेकिन जैसे ही दूसरा बंदा जिसने मछली छीन ली थी, थोड़ा आगे बढ़ा, मछली ने उसके हाथ में काट लिया। उसकी उंगली से बहुत ज्यादा खून बहने लगा। वह घर तक गया मछली को घर पर रख सीधे डॉक्टर के पास चला गया।डॉक्टर ने उसके हाथ में मरहम पट्टी कर दी और बोला” 4 दिन के बाद एक बार आकर मिल लेना ।”

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वह व्यक्ति 4 दिन के बाद डॉक्टर के पास गया लेकिन यह क्या ? घाव सूखने की बजाय और बढ़ गया। डॉक्टर ने फिर पट्टी वगैरह  की और उससे कहा -“अगले 3 दिन में जरूर आके दिखा जाना…!”

जब नियत समय पर वह पहुंचा। डॉक्टर उसे देखने के बाद कहने लगा :-” हाथ की उंगलियां सड़ने लगी हैं। इन्हें काटना पड़ेगा, नहीं तो घाव पूरे हाथ में फ़ैल जाएगा।”

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उसे मजबूर होकर हामी भरनी पड़ी । डॉक्टर ने उसकी उंगली काट कर निकाल दी..और फिर मरहम पट्टी कर दी।  फिर एक 4 दिन में मिलने को कहा । जब दोबारा वह डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर ने कहा कि घाव तो ठीक नहीं हुआ और उल्टा बढ़ता जा रहा है ..! अब हाथ काटना पड़ेगा … मरहम पट्टी हुई दवाई दारू हुआ और डॉक्टर ने कहा “कि एक बार 10 दिनों के बाद वापिस दिखा जाओ ।”  जब तीसरी बार पहुंचा तो डॉक्टर ने कहा कि यह क्या हो रहा है ! अभी तक मैंने हजारों लोगो की चिकित्सा की है, इस तरह की समस्या,ऐसी गंभीर समस्या का सामना किसी को भी नहीं करना पड़ा. .. उसका घाव ठीक होने की बजाय और बढ़ता जा रहा था।

डॉक्टर ने उससे पूछा :-“तुमने किसी का कुछ बहुत बुरा तो नहीं कर दिया ..! क्योकि तुम बिलकुल स्वस्थ हो फिर भी दवाओं का तुम पर असर नहीं हो रहा ।” उसने बोला -“नहीं डॉक्टर साहब !अभी तक तो मैंने किसी का बुरा नहीं किया। ”  

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तभी सहसा उसे वो मछली छीनने की  बात याद आ गयी। अगले दिन जैसे ही सवेरा हुआ वह भागता हुआ उस व्यक्ति के पास गया जिसकी उसने मछली छीन ली थी ,और बोला:-” भाई ! तुमने मुझे क्या बद्दुआ दी , क्या तंत्र-मंत्र कर दी कि मेरा जीना मुश्किल होता जा रहा है  मैं ठीक नहीं हो पा रहा हूँ ।”  

उस व्यक्ति ने कहा :-” नहीं ,मैंने कुछ नहीं किया ! बस जब तुमने मुझसे मछली छीन ली, तो मैंने एक नजर ऊपर डाली और भगवान से कहा हे प्रभु ! इसने मेरी पूरी मेहनत की कमाई चुटकियों में छीन ली। इसने मुझे अपनी ताकत दिखाई…. मेरे घर में आज मेरे बच्चे भूखे रह जाएंगे…। मैं कुछ नहीं कर सकता यह बहुत ताकतवर है… हे प्रभु !  आज इसने मुझे अपनी ताकत दिखाई मालिक तू इसे अपनी ताकत दिखा दे…! और मैं अपने बच्चों के लिए आज खाना नहीं जुटा सका इसलिए मुझे माफ़ कर !

कहानी से सीख :-

Lesson from Hindi Moral Story-मछली छीनने का फल

दोस्तों कर्म का फल मिलता जरूर है . इसलिए कभी भी बल का दुरूपयोग करके असहाय और निर्बल लोगो की  हाय मत लीजिये . क्योंकि उसकी हाय..! यदि ऊपर वाले ने सुन ली फिर आपकी सुनने वाला कोई मिलेगा नहीं…. !

हमेशा अपने बाजुओं पर भरोसा रखिये और भगवान् पर विश्वास .आप अपनी मेहनत से वो सब पा सकते हैं जितना किस्मत आपको देना चाहती है लेकिन कभी भी दूसरों का माल हड़प कर बड़ा बनने की कोशिश मत कीजिये .यही कर्म के सिद्धांत का असली सम्मान है …!

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आर के चौधरी
आर के चौधरीhttps://vicharkranti.com/category/motivation/
लिखने का शौक है और पढ़ने का जूनून । जिंदगी की भागमभाग में किताबों से अपनी यारी है ... जब भी कुछ अच्छा पढ़ता हूँ या सुनता हूँ लगता है किसी और से बाँट लूँ । फुरसत के लम्हों में बस इसी मोह के मातहत मेरे लिए कलम उठाना लाचारी है । मेरी लेखनी आपकी सफलता का संबल बने, तो फिर - इससे अधिक अपनी जिंदगी में मुझे क्या चाहिए !!!

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