क्या है यूपीएससी : करियर से संबंधित इस लेख में आप जानेंगे यूपीएससी तथा इसके संचालन एवं गठन से संबंधित अहम तथ्यों के बारे में । इसके साथ ही आपको इसके द्वारा संचालित परीक्षाओं एवं संभावित नियुक्तियों के बारे में जानकारी मिलेगी ।
यूपीएससी देश के सबसे प्रतिष्ठित भर्ती एजेंसियों में से एक है । जो देश के बड़े और प्रतिष्ठित पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया का कार्य भार संभालती है । देश के कुशल प्रशासनिक संचालन के लिए सुयोग्य अच्छे और सच्चे नौकरशाहों के चयन और नियुक्ति की ज़िम्मेदारी का सफलतापूर्वक संचालन के लिए बनाई गयी संस्था का नाम है यूपीएससी (Union Public Service Commission) या संघ लोकसेवा आयोग ।
संवैधानिक अनुच्छेदों का जिक्र
यूपीएससी क्या होता है ? जानने के क्रम में आगे जानिए यूपीएससी के गठन से संबंधित कुछ प्रमुख और अहम तथ्यों के बारे में । यूपीएससी का इतिहास पुराना है । भारत में सफल प्रशासन के संचालन के लिए पराधीन भारत में अंग्रेजों ने 1 अक्तूबर 1926 को सर्विस कमिशन का गठन किया था जिसका उद्देश्य भारत में प्रशासन के संचालन हेतु अधिकारियों की नियुक्ति करना था ।
भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति और संविधान लागू होने के बाद 26 अक्तूबर सन 1950 को इसका नाम बदल कर लोक आयोग कर दिया गया । भारतीय संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों के द्वारा यूपी एससी की स्थापना और संचालन हेतु नियमों का उल्लेख किया गया है ।
अनुच्छेद 315
अनुछेद 315 में संघीय भारत गणराज्य में सफल प्रशासन के संचालन हेतु सभी राज्य और केंद्र को अधिकारियों की नियुक्ति हेतु अपने अपने स्तर पर लोक सेवा आयोगों के गठन करने का निर्देश दिया गया है।
अनुच्छेद 316
अनुच्छेद 316 – में प्रशासनिक सेवा आयोगों में सदस्यों की नियुक्ति और उनके कार्यकाल से संबंधित नियमों का उल्लेख है । इन्हीं प्रावधानों के अंतर्गत यह निर्धारित नियमों के आधार पर यूपी एससी में सदस्यों की कुल संख्या 10 होती है और 1 चेयरमैन होता है ।
इन सभी सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है । सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है और इस संगठन का सदस्य के लिए अधिकतम उम्र सीमा 65 वर्ष है । 65 वर्ष से अधिक की उम्र का व्यक्ति यूपी एससी का सदस्य नहीं हो सकता है ।
यूपीएससी का सदस्य बनने के लिए कम से कम 10 वर्ष का प्रशासनिक क्षेत्र में अनुभव भी जरूरी है ।
यूपीएससी द्वारा जिन पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षाएँ संचालित होती हैं वो हैं – आईपीएस , आईएएस , आईएफ़एस , आईएएस , एनडीए , सीपीएफ़ सहित केंद्र सरकार की नौकरियों और केन्द्रीय सेवाओं के अलग-अलग पद । संविधान के अनुच्छेद 320 के अंतर्गत यूपी एससी के कार्य इस प्रकार निर्धारित किए गए हैं ।
- प्रशासनिक सेवाओं में विभिन्न पदों पर नियुक्ति हेतु परीक्षा आयोजित करना
- सरकार के अधीन विभिन्न सेवाओं के लिए भर्ती एवं नियुक्ति संबंधी नियमावली तैयार
करना एवं उनमें संशोधन करना । - सिविल सेवाओं से संबंधित अनुशासनिक मामलों को निपटाना |
- राष्ट्रपति द्वारा भेजे गए किसी प्रश्न या मांगे गए स्पष्टीकरण पर सरकार को परामर्श देना
क्या है यूपीएससी की चयन प्रक्रिया और नियुक्ति एवं परीक्षा पैटर्न
यूपीएससी विभिन्न पदों पर चयन हेतु जो परीक्षाएँ आयोजित करती है उनमें अभ्यर्थियों को तीन चरणों से गुजरना पड़ता है । इन तीनों चरणों में सफलता पूर्वक उतीर्ण होने वाले अभयर्थियों को ही नियुक्ति दी जाती है ।
ये तीन चरण हैं । प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा और फिर साक्षात्कार । जहां तक परीक्षा पैटर्न की बात है तो प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन और सामान्य मानसिक योग्यता से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं ।
प्रारंभिक परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में बुलाया जाता है जिसमें अनिवार्य और वैकल्पिक विषयों में उनकी परीक्षा होती है। मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है और इस साक्षात्कार के बाद अंतिम रूप से मेधा सूची प्रकाशित कर दी जाती है ।
इसमें स्थान पाने वाले परीक्षार्थियों को उनके रंक के अनुसार विभिन्न पदों पर नियुक्ति दी जाती है |
यूपीएससी की परीक्षा में विभिन्न पदों के Full Form
UPSC Post Full Form
- IAS – indian Administrative Service
- IPS – Indian Police Service
- IFS– Indian Foreign Service
- IRS– Indian Revenue Service
यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाएँ हैं –
- Indian Forest Service
- Combined Defence Services
- Engineering Services
- Naval Academy Examination
- National Defence Academy Examination
- Combined Medical Services Examination
- Special Class Railway Apprentice
- Indian Economic Service/ Indian Statistical Service Examination
- Combined Geoscientist and Geologist Examination
- Central Armed Police Forces (Assistant Commandant)
Prelims Examination
पेपर टाइप | प्रश्नों की संख्या | Marks | Duration |
जीएस 1 (GS-1) | 100 | 200 | 2 घंटा |
सीसेट(CSAT) | 80 | 200 | 2 घंटा |
प्रीलीम्स की परीक्षा एक qualifying परीक्षा है और इसमें अर्जित अंक को मेधा सूची बनाने में शामिल नहीं किया जाता है
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Reference (संदर्भ ) :-
- विकिपिडिया , यूपीएससी एवं इंटरनेट के अन्य स्त्रोत