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Traffic Signs in Hindi | यातायात के नियम समझिए हिन्दी में

इस लेख(Traffic Signs in Hindi) में हम चर्चा कर रहे हैं भारत में सड़क सुरक्षा हेतु उपयोग होने वाले प्रमुख यातायात संकेतों (Traffic signs in India for Road Safety) के बारे में तथा सुरक्षित यात्रा के लिए इन ट्रैफिक नियमों (Traffic Rules in Hindi ) और ट्राफिक संकेतों (Traffic Signs and Signals ) की जानकारी के बारे में जिसके बारे में जानना सड़क पर चलने वाले हर वाहन चालक(driver) तथा आम आदमी के लिए बहुत जरूरी है।

लेख थोड़ा विस्तृत किन्तु महत्वपूर्ण है, इसलिए मेरा अनुरोध है कि आप इसे पूरा पढ़ें लेकिन यदि आपके पास समय कम है तो आप नीचे स्क्रॉल कर के अपने लिए उपयोगी हिस्सों को पढ़ सकते हैं ।

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ट्रैफिक संकेतों के बारे में यह अहम जानकारी जहां एक ओर दुर्घटनाओं से बचाव करती है, वहीं दूसरी ओर यातायात के नियम को तोड़ने के कारण लगने वाले जुर्माने को भी बचाता है। इन नियमों तथा संकेतों की जानकारी होने से ड्राइविंग लाइसेंस देने के लिए ली जाने वाली परीक्षा को भी सफलतापूर्वक पास करके लर्निंग लाइसेंस लेना बहुत आसान हो जाएगा।

मित्र ! जिस किसी भी चीज से बहुत सारे लोगों का हित और अहित जुड़ा हुआ हो , वहां पर चीजों को सुव्यवस्थित करने के लिए नियम बनाने’ आवश्यक हो जाते हैं। नियमों का पालन करने से बड़े बड़े कार्यों को भी आसानी से किया जा सकता है , तथा अकस्मात विपत्तियों के आने की संभावना भी कम हो जाती है।

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हर दिन अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए करोड़ों करोड़ लोग अपने निजी अथवा सार्वजनिक वाहन से निकलते हैं, जिससे सड़क पर गाड़ियों का हुजूम सा बना रहता है, पूरे दिन !   इतनी बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही को सरल एवं सुव्यवस्थित बनाने के लिए विभिन्न देशों की सरकारें अपने-अपने क्षेत्रों में नियम बनाती हैं, जिनका पालन करने से ड्राइविंग में तो सुगमता होती ही है जान और माल का नुकसान भी नहीं होता है।

शायद ही कोई दिन ऐसा होता हो जब अखबारों के पन्नों में सड़क दुर्घटना से संबंधित कोई खबर नहीं आती हो।  ऐसे में सड़क पर निकलने वाले हर व्यक्ति के लिए यातायात के नियम(traffic rules) और सड़क सुरक्षा(road safety) के उपायों को जानना बहुत आवश्यक हो जाता है। 

आज इस आर्टिकल में हम सड़क पर यातायात से सम्बंधित प्रमुख संकेतो और कुछ नियमों (traffic signs in hindi)के बारे में बात करने वाले है। इन प्राथमिक नियमों की जानकारी वैसे तो हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है, लेकिन यह विशेष रूप से ड्राइविंग लाइसेंस के इच्छुक व्यक्तियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

अनुक्रमणिका | Index दिखाएं

सड़क सुरक्षा संकेत (Traffic Signs in Hindi for Raod Safety)

सबसे पहले यातायात संकेत की बात करते हैं।  सुरक्षा संकेतों (traffic signs) को मुख्यतः तीन भागों में बांटा जा सकता है, पहला अनिवार्य संकेत दूसरा चेतावनी देने वाले संकेत और तीसरा सूचनात्मक संकेत

अनिवार्य संकेत(Mandatory Sign)

अनिवार्य संकेत सड़क का उपयोग करने वाले वाहन चालकों और पैदल यात्रियों के लिए मानना आवश्यक होता है। यह संकेत यातायात के सुव्यवस्थित संचालन के लिए आवश्यक होते हैं। इन संकेतों की अनदेखी करने पर कानून के आधार पर व्यक्ति को दंडित भी किया जा सकता है। 

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सूचनात्मक संकेत (Informatory Signs)

सूचनात्मक संकेत के अंतर्गत रास्ते में आगे आने वाले प्रमुख स्थान, पेट्रोल पंप, अस्पताल, शौचालय, होटल तथा किसी गंतव्य तक जाने के लिए दाएं या बाएं कैसे मुड़ना है ?  इन सब चीजों के बारे में  बताया जाता है।

ट्रैफिक लाइट एवं उनका विवरण (Traffic Lights with Explanation in Hindi)

यातायात संकेत(traffic sign in hindi) जिन्हें हम ट्रैफिक लाइट के नाम से जानते हैं, के निर्देशों का पालन करना बहुत आवश्यक होता है ताकि किसी भी दुर्घटना या हादसे से बचा जा सके।  अमूमन जहां भी अधिक व्यस्त क्रॉस रोड है , वहां पर आपको ऐसे संकेतक मिल जाएंगे।  ट्रैफिक लाइट में मुख्य रूप से तीन रंग होते हैं  लाल , पीला और हरा …।

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लाल रंग: लाल हमेशा एक प्रकार से खतरे की सूचना देता है।  इसलिए जब भी ट्रैफिक सिग्नल लाल रंग का होता है तो यह गाड़ी को रोकने का संकेत देता है। यानी अगर आप ड्राइव करते समय सिगनल लाल देखते हैं तो आपको अपनी गाड़ी को उस सिग्नल पर रोकनी चाहिए ।

पीला रंग : ट्रैफिक लाइट का पीला रंग यह दर्शाता है कि बस कुछ ही सेकंड में सिग्नल ग्रीन हो जाएगी और आपको गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए तैयार हो जाना चाहिए।  

हरा रंग: हरे रंग का मतलब है आगे कोई रुकावट नहीं है।   आप निर्बाध रूप से अपनी गाड़ी को आगे बढ़ा सकते हैं अमूमन आपने  किसी भी ट्रैफिक सिग्नल पर यही तीन रंग देखे होंगे ।

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प्रमुख यातायात संकेत एवं उनके अर्थ (Traffic Signs with Meaning in Hindi)

नीचे प्रस्तुत है प्रमुख संकेत और उनके मतलब । अनिवार्य चिन्हों के बारे में हम सबसे पहले चर्चा कर रहें हैं। इन संकेतों के बारे में जानकारी नहीं होने से आप को कई प्रकार की अन्य समस्या सहित आर्थिक दंड भी उठाने पड़ सकतें हैं। सड़क सुरक्षा की दॄष्टि से यह सबसे महत्वपूर्ण हैं , अतः क्रमिक रूप से इन संकेतों का विवरण हम नीचे प्रस्तुत कर रहें हैं।

नो एंट्री-No Entry Sign

no entry

No Entry Sign का मतलब है कि जहां नो एंट्री बोर्ड लगा हुआ है उसके आगे गाड़ी ले जाना मना है, अथवा उस रास्ते से गाड़ी ले जाना मना है। अमूमन यदि कोई सड़क बन रही हो अथवा आगे कुछ हादसा हो गया हो उस स्थिति में नो एंट्री लगाई जाती है।

नो पार्किंग-No Parking

no parking

नो पार्किंग साइन बोर्ड अगर कहीं लगा हुआ है तो वह स्पष्ट रूप से बता रहा है कि उस जगह गाड़ी को पार्क करना मना है। हमें ऐसी जगह पर गाड़ी पार्क नहीं करनी चाहिए।

No Overtake -ओवरटेक ना करें

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No Overtake साइन बोर्ड बताता है कि आगे रोड संकरा है, या ओवरटेक करने की जगह नहीं है अतः ओवरटेक मत करिए। वैसे भी सड़क सुरक्षित यात्रा के लिए है किसी प्रतियोगिता के लिए नहीं ! अतः हमें ओवरटेक करने से हमेशा बचना चाहिए।

No Right Turn

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No Right Turn यह बताने के लिए कि आगे से दाएं मुड़ने की अनुमति नहीं है अतः गाड़ी उसी हिसाब से चलाएं।

No Left Turn

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No Left Turn यह बताने के लिए कि आगे से बाएं मुड़ने की अनुमति नहीं है अतः गाड़ी उसी हिसाब से चलाएं।

No Motor Vehicle

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इस चिन्ह के द्वारा यह स्पष्ट निर्देश दिया जाता है कि आगे इस रोड पर कोई भी गाड़ी नहीं ले जानी है। चाहे वो दोपहिया वाहन हो या चौपहिया वाहन हो ।

No Hand Cart

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इस चिन्ह का मतलब है कि आगे कोई भी हाथ से खींची जाने वाली गाड़ी की अनुमति नहीं है ।

No Heavy Vehicle

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इस चिन्ह के द्वारा यह निर्देशित किया जाता है कि आगे उस सड़क पर कोई भी भारी गाड़ी ले जाने की अनुमति नहीं है। ऐसा संभावित दुर्घटनाओं को टालने के लिए किया जाता है।

No Pedestrian

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इस चिन्ह का मतलब है कि इस सड़क पर पैदल चलने की अनुमति नहीं है और वहां से पैदल चलना नुकसानदेह हो सकता है।

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इस चिन्ह का उपयोग यह बताने के लिए किया जाता है की उस जगह पर खड़ा होना मना है, वहां खड़ा होना खतरनाक हो सकता है इसलिए अपने वाहन को आगे बढ़ाइए।

No Horn

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हॉर्न बजाना यहाँ मना है इस चिन्ह का यही मतलब है। ये सारे चिन्ह बाध्यकारी हैं अतः इनका पालन आवश्यक हो जाता है। हमें बेवजह हॉर्न बजाने से परहेज करनी चाहिए यह ध्वनि प्रदुषण का एक प्रमुख कारण है।

No Entry Both Side

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Speed Limit

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यह चिन्ह यह बताता है की जिस सड़क से आप जा रहें हैं उस पर अधिकतम गतिसीमा क्या है ? अलग -अलग रोड पर गति की सीमा अलग-अलग होती है। यह इस बात पर बहुत हद तक निर्भर करता है कि वह सड़क किन इलाकों से होकर गुजरता है। शहर के अंदर से गुजरने वाली सड़कों पर स्पीड लिमिट 40 किलोमीटर या उससे कम होती है, तथा बाहर के सड़कों पर बनावट के हिसाब से अलग-अलग स्पीड लिमिट सेट की जाती है।

Cycle Prohibited

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यह रोड sign इस चिन्ह का तात्पर्य यह है कि आप उस मार्ग में साईकिल नहीं चला सकते हैं।

Cart Prohibited

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इस चिन्ह के द्वारा घोड़ा गाड़ी अथवा तांगा को उस सड़क से जाने से मना किया जाता है। सीधा सा मतलब है तांगा ,घोड़ागाड़ी अथवा बैलगाड़ी उस सड़क पर नहीं जा सकता है।

Height Limit

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इस चिन्ह के द्वारा उस सड़क से आगे जाने वाली गाड़ियों की ऊचाइयों को निर्धारित दिया जाता है । height Limit board के द्वारा वाहन चालकों को सूचित किया जाता है कि अगर उनकी गाड़ी की ऊंचाई इस बोर्ड पर लिखे गए ऊंचाई के बराबर अथवा उस से कम है तभी वह उस सड़क से आगे जाए अन्यथा आगे उनके लिए परेशानी हो सकती है।

Length Limit

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इस चिन्ह के द्वारा वाहन चालकों को सूचित किया जाता है कि अगर उनकी गाड़ी की लम्बाई इस बोर्ड पर लिखे गए लम्बाई के बराबर अथवा उस से कम हो, तभी वह उस सड़क से आगे जाए अन्यथा आगे उनके लिए परेशानी हो सकती है। इस चिन्ह का उपयोग तीव्र मोड़ पर मुड़ने में गाड़ियों को परेशानी नहीं हो इस उदेश्य से किया जाता है।

Give Way

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इस चिन्ह के द्वारा वाहन चालकों को सूचित किया जाता है कि इस सड़क पर अपने से बड़ी गाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए जगह दें तथा लेन में बायीं और रहते हुए चले।

One Way

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इस चिन्ह के द्वारा वाहन चालकों को सूचित किया जाता है कि आगे इस रोड पर वन वे है तथा गाड़ियां एक ही तरफ से जा सकती है।

Stop

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इस चिन्ह के द्वारा रुकने के लिए निर्देश दिया जाता है ।

ऊपर जितने भी ट्राफिक संकेतों (traffic signs in hindi) के बारे में हमने बताया है । वह सभी अनिवार्य संकेत की श्रेणी में आते हैं । यानी इन संकेतों का पालन करना अनिवार्य है अन्यथा व्यक्ति पर कार्रवाई हो सकती है। इसके इतर दूसरे संकेत चेतावनी संकेत हैं जो आगे आने वाले संभावित स्थितियों के बारे में बताते हैं ।

चेतावनी संकेत (Warning Traffic Signs in Hindi)

यहां पर सभी संकेतों के बारे में चर्चा करेंगे तो पोस्ट बहुत बहुत बहुत लंबा हो जाएगा , इसलिए जो मुख्य चेतावनी संकेत है उसके बारे में संक्षिप्त चर्चा करेंगे ।

Animal Sign

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यह चिन्ह इस बात की ओर ईशारा करता है कि इस मार्ग पर जानवर अथवा उनके झुण्ड मिल सकतें हैं अतः वाहन को यथासंभव धीमी गति एवं सावधानी से ले जाएं। इससे वाहन चालक तथा पशु दोनों ही नुकसान से बच जायेंगे। यहाँ पशुओं में विभिन्न जगहों पर अलग अलग प्रतीकों का उपयोग किया जाता है ।

Loose Gravel

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इस चिन्ह का उपयोग यह बताने के लिए किया जाता है कि ख़राब सड़क के कारण छोटे छोटे गिट्टी के टुकड़ें उड़ते हैं जो नुकसान कर सकतें हैं अन्य लोगों को और’ स्वयं को भी। इसलिए गाड़ी को धीमी गति से सावधानी पूर्वक चलाये।

Falling Rock

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फॉलिंग रॉक चिन्ह ये बताते हैं कि आगे मौसम ख़राब होने पर भूस्खलन हो सकता है अतः संभल कर गाड़ी चलाएं ।

Unguarded level crossing ahead

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इस चिन्ह से यह बताया जाता है कि आगे रेलवे क्रॉसिंग है लेकिन वहां फाटक नहीं है इसलिए वहां से रेलवे क्रॉसिंग को पार करते समय दाएं बाएं देख कर फिर सावधान होकर क्रॉस करें ।

Guarded Level Crossing Ahead

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इस चिन्ह के द्वारा यह बताया जाता है कि आगे फाटकयुक्त क्रासिंग है।

इस श्रेणी में बहुत सारे अन्य प्रकार के चिन्ह भी होतें हैं जिनकी एक सूची यहाँ हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहें हैं ,अगर इनके विषय में कुछ जानना हो तो कमेंट बॉक्स में अपने प्रश्न लिखें ।

क्रम संख्याप्रतीक चिन्ह का नाम(traffic signs in hindi)अर्थ/ मतलब 
1साइकिल क्रासिंगइस चिह्न का मतलब है  कि आगे साइकिल क्रासिंग हैं ।
2पैदल चलने की क्रासिंगइसे ज़ेबरा क्रासिंग आने के पहले बनाया जाता हैं. जिससे की वाहन चालक इसे देखकर वाहन की रफ्तार कम कर दें 
3पशुइस चिन्ह का मतलब है कि आगे रास्ते में पशुओं के झुण्ड हो सकतें हैं । 
4नैरो ब्रिजअगर आगे संकरा पुल है तो उसको दिखाने के लिए नैरो ब्रिज के चिन्ह का उपयोग किया जाता है । 
5बायीं ओर मुड़ता तीर यह चिन्ह बताता है कि आगे सड़क बायीं ओर मुड़ती है । 
6दायीं ओर मुड़ता तीर यह चिन्ह बताता है कि आगे सड़क दायीं  ओर मुड़ती है । 
7स्पीड लिमिटइस चिन्ह का मतलब है की इस सड़क पर इसी गति सीमा के अंदर वाहन चलानी है। 
8क्रॉस का चिन्हयह चिन्ह बताता है की आगे चौराहा है आप उसी अनुसार संभल कर जाएं ।
9स्कूल बैग लेकर जाता हुआ बच्चायह निशान बताता है कि आगे स्कूल है और बच्चे होंगे अतः आराम से जाएं ।
10गिरते हुए पहाड़ों के टुकड़ें इस चिन्ह का उपयोग यह बताने के लिए किया जाता  है की आगे अगर मौसम ख़राब हुआ तो भूस्खलन हो सकता है चट्टानें गिर सकती है  ।
11उचाईं पर चढ़ता गाड़ी इस चिन्ह के द्वारा यह बताने की कोशिश की जाती है कि आगे बहुत तेज चढ़ाई है कृपया संभल कर आगे बढ़े।
12चौकी अथवा बेड का निशान  यह निशान बताता है कि आगे विश्राम करने की जगह है। आवश्यकतानुसार आप उसे उपयोग कर सकते हैं। 
13पैदल यात्री के ऊपर  लाल रंग की अधकटी वृतयह चिन्ह बताता है की अमुक जगह या उससे आगे पैदल चलना मना है ।
14बाजा के ऊपर अधकटी  लाल वृतयह बताता है कि जिस क्षेत्र से गाड़ी भी गुजर रही है वहां हॉर्न बजाना मना है। 
15ढलान से उतरती गाड़ी इस चिन्ह के द्वारा यह बताने की कोशिश की जाती है कि आगे तेज ढलान है और गाड़ी को संभल कर ड्राइव करें ।
16सड़क में फिसलन
इस चिह्न का प्रयोग आगे आने वाली फिसलन भरी सड़क के लिए किया जाता है ।
17हेयर पिन मोड़ (Right Hairpin Turn)
इस चिह्न का प्रयोग अत्यंत महत्वपूर्ण तीव्र दिशा परिवर्तन को इंगित करने के लिए किया जाता है । विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में यह एक तीव्र दाईं ओर के मोड़ के बारे में बताने के लिए उपयोग होता है । यह वाहन चालकों को अपनी गति कम करके तीव्र मोड़ को सुरक्षित पार करने का समय देता है अन्यथा अधिक गति के कारण कुछ अप्रिय भी हो सकता है !
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हैंड कर्व (Hand Curve)
इस चिन्ह का प्रयोग आगे रास्ते में आने वाले मोड़ को दर्शाने के लिए किया जाता है ताकि वाहन की गति को कम करके सुरक्षित यात्रा को सम्पन्न किया जा सकें ।

 Hand Curve – Left Hand और Right Hand दोनों प्रकार के होते हैं ।

तीसरे प्रकार के संकेत जिसकी चर्चा हमने ऊपर की है सूचनात्मक संकेत हैं । जिसमें रास्ते में आगे पड़ने वाले प्राथमिक उपचार केंद्र, पेट्रोल पंप, रेस्टोरेंट आदि की जानकारी दी जाती है। इसे विस्तार से बताने की शायद जरूरत नहीं है इसे आप इमेज देख कर ही पहचान सकतें हैं। वैसे हमने इन सभी संकेतों को एकत्रित कर के एक ही फोटो(traffic sign image) में दे दिया है।

सूचनात्मक संकेत

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Informatory traffc signs

यहां हमने चित्रों(traffic signs images) के नीचे संख्या लिखी है पहला चित्र (चित्र संख्या एक ) दिखाता है कि सार्वजनिक टेलीफोन सुविधा है आसपास, दूसरा बताता है कि बस स्टॉप है आगे तीसरा पेट्रोल पंप के बारे में बताता है चौथा चित्र बता रहा है कि वहां पार्किंग है। पांचवा चित्र इंगित कर रहा है कि रिफ्रेशमेंट(Tea-coffee) के लिए आप रुक सकतें हैं,नाश्ता पानी हम कर सकते हैं। छठा चिन्ह रेस्टोरेंट के बारे में बताता है। सातवां चित्र होटल का चित्र है जहाँ पर रुका जा सकता है। अंत में चित्र संख्या आठ यह बताता है कि प्राथमिक उपचार सेवा उपलब्ध है।

भारत में यातायात के नियम (Traffic Rules in india) 

हर व्यक्ति जो सड़क पर निकलता है ,अगर यातायात के नियमों का पालन करने की ठान ले, तो यह स्वयं उसके लिए तो एक सुरक्षा की बात होगी ही वह अपने इस व्यवहार से सड़क पर निकलने वाले दूसरे लोगों की यात्रा को भी सुरक्षित करने में अपना योगदान दे पाएगा। 

इससे जहां सड़कों पर यातायात व्यवस्थित होगा वहीं हर वाहन चालक की यात्रा  सरल और सुगम होगी । नीचे हम ऐसे ही कुछ आसान  नियमों का उल्लेख कर रहे हैं, जिसका अनुपालन करके कोई भी व्यक्ति सड़क पर सुरक्षित यात्रा में, सड़क सुरक्षा में अपना योगदान कर सकता है। 

गति सीमा(Speed Limit) :

अच्छी सड़क हो तो गाड़ी को तेज भगाने में सबको मजा आता है, लेकिन यह भी एक स्थापित सत्य है कि अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं भी अनावश्यक और तेज गति से गाड़ी चलाने की वजह से ही होता है .ऐसे में हर वाहन चालक की यह जिम्मेदारी है कि वह वाहन को यातायात प्रशासन द्वारा बताये गए स्पीड लिमिट के अंदर ही चलाएं । 

सीट बेल्ट एवं हेलमेट (Seat Belt & Helmet) :

सीट बेल्ट और हेलमेट- दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट तथा चार पहिए चलाने वाले लोगों को सीट बेल्ट अवश्य बांधनी चाहिए। यह दोनों ही आपातकालीन स्थितियों में प्राण रक्षक साबित होती हैं । ऐसा देखा गया है कि इन सुरक्षा उपायों पर कठोरता से पालन करने से दुर्घटनाएं कम जानलेवा साबित होती हैं । 

यातायात संकेतक का पालन :

यातायात संकेतक (traffic signs in hindi) की चर्चा हमने ऊपर की है। उनके बारे में अच्छे से जान लेना बहुत आवश्यक होता है ताकि आप सड़क पर निकलते समय, चलते समय यातायात के नियमों का ठीक से पालन कर पाए। स्वयं को सुरक्षित रखते हुए दूसरों को भी सुरक्षित रखने में योगदान कर सकें। 

लेन अनुशासन :

सड़क पर चलते समय हमें हमेशा अपने लाइन में चलना चाहिए तथा बड़ी गाड़ियों को साइड देनी चाहिए। अपने लेन में चलने से आपके पीछे आ रही गाड़ियों को जहां चलने अथवा आगे बढ़ने में कोई दिक्कत नहीं होगी आपकी यात्रा भी सुरक्षित रहेगी।  जब भी आप किसी कारण से कहीं रुकना चाह रहे हों तो उस स्थिति में रियर मिरर में पीछे की ओर देख कर तथा धीरे धीरे आगे जाकर ही साइड ले और फिर रुकें ।

इंडिकेटर का उपयोग:

हर गाड़ी में आगे और पीछे इंडिकेटर्स लगे होते हैं। जब भी आप आगे से बाएं या दाएं मुड़ने वाले हों, उस स्थिति में इंडिकेटर का जरूर उपयोग करिए ताकि आपके पीछे आने वाले लोगों को आपके लिए रास्ता देने में आसानी हो। साइड लेने के लिए इंडिकेटर का उपयोग करना एक अच्छी और सड़क सुरक्षा के लिए अहम् बात है । 

मनमाने ढंग से कहीं भी गाड़ी पार्क करने से बचना चाहिए तथा गाड़ी को केवल आधिकारिक पार्किंग के स्थान पर ही लगाना चाहिए। सही स्थान  पर की गयी पार्किंग भी सुव्यवस्थित यातायात के लिए बहुत जरूरी है। इसके आलावा मनमाने ढंग से ओवरटेक करने से बचना चाहिए।  यदि किसी गाड़ी को जल्दीबाजी है तो उसको साइड भी जरूर देनी चाहिए । 

रास्ते पर चलते समय वाहन ध्यान पूर्वक चलाएं  तथा अपनी नजर सड़क के ऊपर ही बनाए रखें । जिससे आपके पीछे कौन सी गाड़ी आ रही है ?तथा आगे कौन सी गाड़ी इंडिकेटर से दाएं या बाएं मुड़ने का इशारा कर रही हैं।  इसकी जानकारी आपको समय से पहले मिल जाय और आप  समय रहते  उपयुक्त निर्णय ले पाए। 

सड़क किनारे मार्गदर्शिका बोर्ड पर लगे इस चिन्ह का मतलब होता है की उस सड़क पर गाड़ियों की आवाजाही की मनाही है । यानि सड़क के दोनों में से किसी भी छोड़ से आप नहीं जा सकते हैं ।

Road Safety से जुड़े तथ्य एवं आंकड़े

विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा 2018 में किये गए  एक अध्ययन के मुताबिक दुनिया के कुल 199 देशों में से भारत में  सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा मौतें होतीं हैं।   इस सूची में चीन दूसरे तथा अमेरिका तीसरे स्थान पर था।  पूरे भारतवर्ष में जहां गाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर में उस स्तर पर सुधार नहीं हो पा रहा है।  केवल वर्ष 2019 में कुल 3 मिलियन नई गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन भारत में हुआ है। भारत में कुल सड़कों की लंबाई लगभग 5 मिलीयन किलोमीटर है जो 90% यात्रा के लिए जिम्मेदार है तथा इन्हीं सड़कों से कुल माल ढुलाई का 65% माल की ढुलाई भी होती  है । 

कुछ अन्य संस्थानों द्वारा किए गए सर्वेक्षण से यह सामने आया है कि भारत में हर  मिनट एक दुर्घटना होती है, तथा दुर्घटना की वजह से हर 4 मिनट में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। यह आंकड़े बहुत भयावह सच्चाई को सामने रख रहीं हैं जहाँ ये आंकड़े लाखों में पहुंच जाते हैं।

इन रिपोर्ट में यह भी बहुत स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मुख्य रूप से इन दुर्घटनाओं का कारण शराब पीकर वाहन चलाना , मौजूद कानूनों को सही और सख्ती से लागु नहीं करना, सीट बेल्ट और हेलमेट नहीं पहनना तथा बड़ी आसानी से बिना कोई टेस्ट दिए ड्राइविंग लाइसेंस हासिल कर लेना भी है।

निष्कर्ष My Thoughts:-

यातायात नियमों के पालन हेतु यातायात के सांकेतिक चिन्ह की जानकारी देने के लिए हमने इस लेख में लगभग सभी महत्वपूर्ण ट्राफिक साइन अथवा यातायात सांकेतिक चिन्हों के बारे में बात की है ।

इसके अतिरिक्त हमने सड़क सुरक्षा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण आंकड़ों को भी प्रस्तुत करने का प्रयास किया है जिसमें आपने देखा कि किस तरह हमारे देश भारत में सड़क सुरक्षा के उपायों की अवहेलना के नकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं और हर 4 मिनट में कोई न कोई एक व्यक्ति दुर्घटना का शिकार हो जाता है । ऐसे में भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में ट्रैफिक नियमों एवं सड़क सुरक्षा के उपायों की समुचित जानकारी एवं इसका सख्त अनुपालन हम सबके हित में हैं ।

जैसा कि हमने ऊपर बताया ट्रैफिक के संकेतक चिन्हों(traffic signal) को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जाता है । अतः सभी चिन्हो (traffic signs in india) के बारे में चर्चा बहुत बड़ी हो जाएगी हमने मोटे मोटे तौर पर समझाने की कोशिश की है। 

इसके अलावा अमूमन जिस किसी भी चिन्ह के ऊपर लाल रंग के का आधा कटा हुआ वृत्त का निशान लगा हो, इसका मतलब वह काम करना मना है, लेकिन जहाँ दो तीर हो वहां इसके कुछ विशेष अर्थ भी होतें हैं। इसे भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। 

हमने यथासंभव तथ्यों को प्रमाणिकता से रखने की कोशिश की है। ऐसे में इस इस लेख को अपने साथियों तक भेज कर इस अवेयरनेस को फैलाने में , ट्रैफिक नियमों और सुरक्षा मानदंडों के प्रति जागरूकता को फैलाने में हमारा सहयोग करिए । स्वयं को और अपने आसपास के लोगों को सुरक्षित रखिए ।

इस लेख traffic signs in hindi में अपेक्षित सुधार हेतु आपके सुझावों का कमेंट बॉक्स में स्वागत है । विचार क्रांति डॉट कॉम पर आकर, अपना अमूल्य समय देकर इस लेख को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार ! यदि संभव हो तो एक बार शेयर जरूर करें ।

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5 टिप्पणी

  1. यातायात नियमों में एक नियम यह भी होना चाहिए, जिस वाहन के पीछे रात्रि के समय दूसरा यन्त्र या वाहन जुड़ा हुआ हो, तो उस वाहन की बैक लाइट रात्रि के समय अनिवार्य रूप से जलाये रखना चाहिए और उस लाइट का फोकस ऐसे सेट करना चाहिए जिसके जिसके प्रकास में उस वाहन के पीछे जुड़ा यन्त्र स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता रहे, उदाहरणार्थ जैसे रात्रि के समय Tractor के पीछे जुड़ा हुआ कल्टिवेटर, अथवा हैरो आदि आदि यदि जुड़े हुए हों तो बैक लाइट अनिवार्य रूप से आन होनी चाहिए जिससे पीछे जुड़े यन्त्र को सामने से आ रहे, पद यात्रियों, साइकिल सवार, मोटर सायकिल सवार, अन्य छोटे बड़े वाहन चालकों को पीछे जुड़े यन्त्र दिखाई पड़ते रहेंगे जिससे उचित दूरी बनाकर आमने
    सामने की क्रासिंग सुरक्षित रुप से होती रहेगी, यदि जिस वाहन के पीछे कोई यन्त्र जुड़ा है और उस वाहन की बैक लाइट रात्रि के समय आने नहीं है तो सामने से आने वाले रात्रि में क्रासिंग करते समय पीछे जुड़े यन्त्र की चपेट में आ सकते हैं, कारण स्पष्ट है कि पीछे जुड़ा यन्त्र वाहन की हेडलाइट के प्रकाश के प्रभाव कारण चौंधा के कारण दिखाई नहीं देगा, और क्रासिंग के तुरंत बाद सामने से आ रहे व्यक्ति और वाहन चालक तुरंत रोड के बीच में आने की जल्द बाजी में पीछे जुड़े यन्त्र की चपेट में आने से दुर्घटना का सिकार हो जाते ऐसा बहुत बार हो चुका है, जिसमें बहुत से लोगों की जानें भी जा चुकी है| उपरोक्त का विवेचन करने के बाद किसी भी वाहन के पीछे रात्रि के समय कोई भी अतिरिक्त यन्त्र जुड़ा होने की स्थिति में उस वाहन की बैक लाइट अनिवार्य रूप से जलती रहनी चाहिए रात्रि में सड़क पर चलते समय, जिसमें बैक लाइट के प्रकाश में पीछे जुड़े यन्त्र स्पष्ट रूप से सामने से आ रहे व्यक्तियों और वाहन चालक को दिखाई पड़ते रहना चाहिए ऐसी बैक लाइट की सेटिंग होनी चहिए | लेखक:– विनोद कुमार जायसवाल , ग्राम : चफरिया, जनपद: बहराइच, थाना: सुजौली

    • विनोद जी आपका सुझाव निश्चित ही उपयोगी है । ऐसे ही अपने विचारों से हमें और हमारे पाठकों को अवगत करवाते रहें ।
      इस विषय पर अपने रचनात्मक सुझाव देने के लिए पूरी विचारक्रान्ति टीम की ओर से आपका हृदय से धन्यवाद !

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