आज जहां एक तरफ नौकरी और अच्छी नौकरी की चाहत में भारत का 95% हिस्सा सरकारी नौकरियों के पीछे भाग रहा है. तो कुछ युवा अपनी मेहनत लगन और उद्यमिता से कामयाबी की नई इबारत लिख रहे हैं. ऐसी ही असाधारण सफलता की साधारण कहानियों की कड़ी में हम आज आपके लिए लेकर आए हैं सुप्रसिद्ध फूड डिलीवरी नेटवर्क Food Delivery Network-Swiggy के सफलता की कहानी…
अगर आप यह ब्लॉग पोस्ट अपने Mobile, Tablet या Computer पर पढ़ रहे हैं तो कोई कारण नहीं है यह मानने का कि आप Swiggy के नाम से परिचित नहीं होंगे. हां मैं उसी स्विगी की बात कर रहा हूं जिसके माध्यम से आप, हम और हमारे जैसे लाखों लोग प्रतिदिन अपनी पसंद का खाना अपने पसंद की होटल अथवा रेस्टोरेंट से मंगा कर घर पर उस का आनंद लेते हैं.
हमारे व्यस्ततम जिंदगी को आसान बनाने के लिए और घर से दूर भी घर जैसा खाना हम तक पहुंचाने के लिए कुछ बनाने का विचार जिन तीन युवाओं के मन में आया उनके नाम है क्रमशः श्रीहर्ष मजेटी नंदन रेड्डी और राहुल जैमिनी.जी हां swiggy की स्थापना श्रीहर्ष मजेटी नंदन रेड्डी और राहुल जैमिनी ने ही की .इतनी बड़ी कंपनी जिसे हम आज जानते हैं, यह इन युवाओं का कोई पहला स्टार्टअप नहीं था. इससे पहले भी इन्होंने Item Delivery के लिए एक लॉजिस्टिक्स कंपनी की स्थापना की थी. जहां अनुभव और तकनीक की कमी ने इन्हें असफल घोषित कर दिया.
अपनी असफलता से इन्होंने हार नहीं मानी और कुछ और बड़ा करने का निर्णय लिया .बेहतर से बेहतर टेक्नोलॉजी के लिए विशेषज्ञों को अपने साथ लेकर पहली असफलता से सबक लिया. नई योजना को क्रियान्वित करने से पहले जमीन पर अच्छे से सर्वे किया. एक सुदृढ़ कार्ययोजना के साथ 2014 में Swiggy (स्विगी) की शुरुआत भारत के बेंगलुरु शहर से की. बेंगलुरु से शुरू हुआ यह बिजनेस आज भारत के तमाम बड़े शहरों के साथ दुनिया के बहुत सारे देश में सफलता और सेवा के नए कीर्तिमान गढ़ रहा है.
Present status and Revenue model:
महज वर्ष 2014 में स्थापित Swiggy कंपनी आज अरबों रुपए की कंपनी हो गई है. सेवा का यह क्षेत्र(online food delivery) जिससे कभी दलाली के नाम से जाना जाता था वहां नेटवर्किंग और कमीशन ने अपना कमाल दिखाया और महज 5 सालों में कंपनी का टर्नओवर अरबों रुपए का पहुंच गया है.स्विगी जैसी कंपनियां दो तरफा कमिशन चार्ज करती हैं एक तो रेस्टोरेंट्स से नए लीड जनरेट करने के लिए और दूसरा फूड ऑर्डर करने वाले कस्टमर से खाना उनको उनके घर तक पहुंचाने के लिए. इससे कस्टमर्स को ग्राहकों को घर बैठे उनकी पसंद का खाना मिल जाता है और रेस्टोरेंट्स को उनके भोजन और उत्पादों को बेचने का जरिया
Recognition and funds
Swiggy ने पूरे देश में फूड डिलीवरी का इतना खतरनाक नेटवर्क बना रखा है कि भोजन आर्डर करते ही कुछ मिनट में आपके पास पहुंच जाता है वह भी गरमा-गरम. अपनी विशाल फूड डिलीवरी नेटवर्क और कस्टमर्स के भरोसे के दम पर Swiggy ने व्यवसायिक दुनिया में वह मकाम हासिल किया है जो बहुत कम कंपनियों को नसीब होता है, इतने कम समय में. आज swiggy को लगभग 75 मिलियन डॉलर के फंड विभिन्न प्रतिष्ठित विदेशी निवेशकों से मिल चुके हैं. India Forbes ने इसे under 30 Magazine में शामिल किया तथा वर्ष 2017 के लिए Swiggy को इकोनामिक टाइम्स स्टार्टअप अवार्ड मिला.
यह सब फल उस कठोर मेहनत दूरदृष्टि और अथक श्रम करने का परिणाम है, जो सफलता और प्रसिद्धि पाने से पहले, किसी को करना पड़ता है. क्योंकि कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है इस दुनिया में कोई भी वस्तु कोई भी चीज मुफ्त में नहीं मिलती.
Founders of Swiggy
Swiggy के तीन संस्थापकों में से पहले हर्ष मजेती आई आई एम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट कोलकाता के एल्यूमिनी है . वह वर्ष 2014 से Swiggy के CEO भी हैं. नंदन रेड्डी ने बिरला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी & साइंस से डिग्री कंप्लीट करने के बाद बहुत सारी कंपनियों जैसे कि GALLA,ZURNA,IDinsight & Intellecap में काम किया है . अभी स्विग्गी के ऑपरेशंस को देख रहे हैं ,वह Operation Department के हेड हैं. राहुल जैमिनी IIT Kharagpur के प्रोडक्ट हैं इससे पहले Myntra & NetApp में काम करने का उनका अनुभव है और अभी Swiggy के Cheif Technical Officer(CTO) हैं.
लेकिन इस कंपनी को स्थापित करने का मुख्य श्रेय जाता है श्रीहर्ष मजेटी को. इंजीनियरिंग के बाद 1 साल का गैप लेकर उन्होंने आईआईएम कोलकाता से बिजनेस मैनेजमेंट में मास्टर्स किया और फिर उसके बाद लंदन के एक प्रतिष्ठित संस्थान में एक इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर भी काम किया. एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया है कि लंदन उनके लिए काफी एक्साइटिंग जगह रहा है, लेकिन वहां की नौकरी शायद उतनी एक्साइटिंग नहीं थी. उस समय भारत में स्टार्टअप पर ध्यान दिया जा रहा था और इन्हीं सब चीजों को देखकर हर्ष ने लंदन में अपनी नौकरी छोड़ने का निर्णय किया और वह भारत आ गए. जैसा वह सोच रहे थे कि उन्हें कहीं न कहीं किसी स्टार्टअप में मौका मिल जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं, तो फिर उनके मन में खुद का स्टार्टअप लगाने का ख्याल आ गया. उन्हें नया स्टार्टअप लगाने की प्रेरणा रेड बस के फनींद्र से मिली जो जब अपने नए विचार दुनिया के सामने रख रहे थे; तो लोग उन्हें एक पागल व्यक्ति समझते थे और उनके विचार को दिवास्वप्न. आज रेड बस ने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर दिए हैं…..
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Thankyou
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महोदय, मैं आपकी साइट पर लेखन का कार्य करना चाहता हूं।आप मुझको पूरी प्रकिया बताने की कृपा करें। धन्यवाद
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