importance of attitude in life

सफल एवं आनंदित जीवन के लिए कितना जरूरी है-सही अंतर्दृष्टि !

Written by-आर के चौधरी

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हमारे पास बाह्य भौतिक जगत में जो भी वस्तु परिस्थिति अथवा संपदा है वह बहुत ही गूढ़ अर्थों में हमारे आंतरिक मनोवृति और हमारे भीतर उठ रहे विचारों का प्रतिबिंब ही है ।

हमारा आय-व्यय, हमारा स्वास्थ्य, पारिवारिक संबंध एवं भौतिक एवं आध्यात्मिक संपदा सब कुछ जो भी हमें प्राप्त है वह हमारे अंतस में उठ रहे विचारों का प्रतिफल है ।

अगर हम स्वस्थ हैं तो हमारा स्वास्थ्य हमारे भीतर भोजन, स्वास्थ्य, व्यायाम और शारीरिक श्रम आदि को लेकर के जो विचार हैं उसका प्रतिबिंब है । बुद्धिमान लोग इस बात को बखूबी समझते हैं कि बाहर उनके जीवन में जो कुछ भी घटित हो रहा है वह बहुत ही गूढ़ अर्थों में उनके भीतर घटित होने वाली घटनाओं और उनके विचारों का प्राकट्य है ।

इसलिए वह अपने मन के भीतर चलने वाले विचारों के प्रति बहुत सचेत रहते हैं और बाह्य-घटनाओं के बारे में विश्लेषण करते हैं कि इन घटनाओं को लेकर के हमारे मन के भीतर किस प्रकार के विचार मौजूद हैं ।

औसत दर्जे का मनुष्य हमेशा अपने असफलताओं के लिए किसी और को जिम्मेदार ठहरा था है वह दूसरे मनुष्यों और घटनाओं को अपनी असफलता का जिम्मेदार मानता है जबकि एक उत्कृष्ट व्यक्तित्व का मालिक एक सफल व्यक्ति बखूबी समझता है कि उसके बाह्य वातावरण के लिए कुछ अर्थों में उसके भीतर उठने वाले विचार जिम्मेदार हैं, तथा वह अपने विचारों और अपने मन के भीतर उत्पन्न होने वाले मनोवृतियों पर काम करता है ।

हमारे शास्त्रों ने भी कहा है “यथा दृष्टि तथा सृष्टि” । हमारे आसपास प्राय: जो कुछ भी घटित हो रहा है वह हमारे मन में उठ रहे ख्यालों का प्रतिबिंब है ही तो है ।

हमारे मन में उठ रहे सकारात्मक या नकारात्मक विचार ही हमारा एटीट्यूड के रूप में बाहरी जगत में हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करती हैं । और दोस्तों एक अच्छे जीवन और उज्जवल भविष्य के लिए हमारे एटीट्यूड का अच्छा होना बहुत जरूरी है ।

हमारे एटीट्यूड के अनुकूल ही हमारा व्यक्तित्व व आभामंडल बनता है और हमारे आभामंडल के अनुकूल हमारे आसपास की परिस्थितियां बनने लगती हैं और हमारे आभामंडल के अनुसार ही हमारे आसपास मौजूद लोगों का व्यवहार भी हमारे प्रति बनने लगता है ।

इंसान इस दुनिया के सबसे संवेदनशील प्राणियों में से एक है इसलिए हमारे एटीट्यूड का प्रभाव निश्चित रूप से हमारे व्यक्तिगत संबंधों पर पड़ता ही है ।

इस दुनिया में कोई भी बड़ा काम प्रायः अकेले नहीं हुआ है बड़ी और भारी सफलताओं के लिए हमें लोगों के साथ मिलकर काम करना पड़ता है। ऐसे में आप कैसा अनुभव करते हैं ? से अधिक आप अपने साथ काम करने वाले अन्य लोगों के प्रति कैसा अनुभव करते हैं उनके प्रति आपका व्यवहार कैसा है यह महत्वपूर्ण हो जाता है ।

इस दुनिया में हर आदमी के पास कुछ ना कुछ गिफ्ट है । जब भी आप उचित लोगों को टीम में शामिल करते हैं या उनके साथ काम करते हैं तो उनकी प्रशंसा करना सीखें, वह कितने जरूरी हैं तथा कितने अच्छे हैं इन चीजों का उन्हें एहसास कराएं । क्योंकि जरूरी होना और महत्वपूर्ण अनुभव करना प्रायः हर व्यक्ति की एक आत्म-अंतर्निहित चाहत होती है ।

एक उत्तम जीवन के लिए उत्तम अंतर्दृष्टि, उत्तम एटीट्यूड चाहिए जीवन के प्रति । भूतकाल में आपके साथ कुछ बुरा हुआ या किसी ने बुरा किया उसके बारे में सोच सोच कर अपने वर्तमान को बर्बाद नहीं करना है । हमें अपने अतीत से मिले लर्निंग को अपना उत्तम भविष्य निर्माण करने के लिए वर्तमान में एक इंधन की तरह इस्तेमाल करना चाहिए

एक उत्तम भविष्य निर्माण करने के लिए हमारे पास उन चीजों की सूची लिखित सूची होनी चाहिए जो हम अपने जीवन में प्राप्त करना चाहते हैं या करना चाहते हैं जैसे कि- हम कौन सा बुक पढ़ना चाहते हैं ? किन लोगों के साथ रहना चाहते हैं? किन शहरों के आदेशों की यात्रा करना चाहते हैं? कहां और क्या कहां किया और किस में निवेश करना चाहते हैं? किन लोगों के साथ रहना चाहते हैं? किन स्किल्स को सीखना चाहते हैं? इत्यादि

फिर अपनी सूची में से सबसे महत्वपूर्ण चीज को पहले करने की कोशिश करें और जब हम कोई उपलब्धि हासिल करें या कोई चीज जो हम करना चाहते हैं वह कर लें तो हमें उसका उत्सव भी मनाना चाहिए क्योंकि जीवन में आनंद एवं उत्सवों का एक अलग महत्व है ।

हमारे द्वारा लिए गए एक्शन तथा उनसे उत्पन्न भावनाएं आपस में जुड़े हैं । अर्थात भावनाओं से प्रेरित होकर हम कार्य करते हैं और कार्यों के अनुसार हमारे मन में भावनाएं उत्पन्न होती हैं तभी सनातन हिन्दू मान्यताओं में व्यापक रूप से साधन को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है ।

मित्र, अच्छा कार्य अच्छी भावनाएं उत्पन्न करता है और अच्छी भावनाएं अच्छा कार्य करने के लिए प्रेरित करती हैं इसे दूसरे विपरितार्थ में भी सही समझा जा सकता है कि कभी भी गलत प्रक्रियाओं का अनुपालन करके सही परिणाम की अपेक्षा नहीं की जा सकती है ।

हम दूसरों के बारे में क्या अनुभव करते हैं यह बहुत अर्थों में इस बात का प्रतिबिंब है कि हम स्वयं के बारे में कैसा अनुभव करते हैं? और स्वयं के बारे में अच्छा अनुभव करना एक सुंदर और सफल जीवन जीने के लिए आवश्यक है । चुकि आत्म सम्मान आत्मविश्वास से बहुत ही गुड अर्थों में जुड़ा हुआ है । साथियों, आत्म-सम्मान ही आत्मविश्वास पैदा करता है और आत्मविश्वास के बिना कोई भी सफलता मिल पाना संभव नहीं है ।

हमारी सफलता हमारे आत्मविश्वास का और हमारा आत्मविश्वास हमारे आत्मसम्मान का प्रतिबिंब है । इसलिए इन क्षेत्रों में जरूर काम करिए । सही मनोवृति के साथ जब हम काम करने के लिए आगे बढ़ेंगे तो किसी भी कार्य में सफलता मिलना तय है ।

कोई भी चीज बाहर प्रकट होने से पहले हमारे मन में हमारे भीतर प्रकट होती है । मन की उर्वर जमीन में तैयार होती हैं । इसलिए यदि हमने अपना एटीट्यूड सही नहीं रखा तो मन के भीतर उठ रहे विचार नकारात्मक होंगे,चीजें मन में खराब होंगी और फिर धीरे-धीरे हमारे आसपास की चीजों में भी वह नकारात्मकता प्रकट होने लगेगी और समय के साथ हावी भी होने लगेगी।

किसी भी देश काल परिस्थिति और परिवेश में सुधार की संभावना तो बनी ही रहती है । भगवान ने हम इंसानों को सबसे खूबसूरत उपहार यह दिया है कि हम सोच सकते हैं तथा अपने लिए उचित निर्णय ले सकते हैं । एक सही एटीट्यूड को अपनाकर हम अपनी जिंदगी की धारा को सही दिशा में ले जा सकते हैं । अपनी जिंदगी को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं हमारा सकारात्मक एटीट्यूट हमें जीवन के किसी भी अंधेरे से सुरमयी उजाले की ओर ले जाने के लिए पर्याप्त हैं ।

बहुत खूबसूरत है हमारा जीवन इसलिए अपने जीवन का आनंद लेने के लिए हमें उत्कृष्ट जीवन धर्मी विचारों के साथ जीवन जीने की चेष्टा करनी चाहिए । इन्हीं शब्दों के साथ या लेख यही तक… आपके लिए कुछ महत्वपूर्ण ग्रहण करने योग्य बातों को नीचे बिंदुवार लिख दिया गया है ।

सारांश

  • अपने आत्मसम्मान को बनाए रखिए ।
  • बड़ी सफलताएं हमेशा लोगों के साथ मिलकर काम करने से मिलती है इसलिए लोगों को महत्वपूर्ण होने का आभास करवाना तथा उनकी उपलब्धियों के लिए उनकी सराहना करने का हुनर सीखिए ।
  • अपने आसपास का माहौल सकारात्मक बनाए रखिए ।
  • किसी भी चीज के प्रति अपना नजरिया अपना एटीट्यूड सकारात्मक रखिए ।
  • ऊंचाई पर पहुंचने के लिए अभ्यास की पराकाष्ठा करने का हौसला रखिए । क्योंकि मजा मेहनत का उप-उत्पाद है बायप्रोडक्ट है ।
  • चीजों को देखने की दृष्टि या चीजों के प्रति आपके द्वारा दर्शाया गए एटीट्यूड में जादुई शक्तियां हैं जो आपको और आपके परिवेश को रूपांतरित कर सकती हैं ।

उम्मीद है यह लेख आपके के लिए अत्यंत उपयोगी रहेगा फिर मुलाकात होगी अगले लेख में

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