ऋतु परिवर्तन एवं अन्य चीजों के बारे में जानने से पहले थोड़ी बात ऋतु शब्द की । ऋतु शब्द, भारत की सभी भारतीय भाषाओं में लगभग एक ही अर्थ -‘ वातावरण में परिवर्तन ‘ का द्योतक है । ऋतु शब्द ऋत से बना है । वेदों में ऋत का प्रयोग ऐसे नियमों के लिए हुआ है जो सर्वमान्य हैं । जिससे सारा ब्रह्मांड बंधा हुआ है … ! जैसे -परिवर्तन का नियम !
पृथ्वी जहां अपने अक्ष पर घूमती है वहीं सूर्य के चारों ओर परिक्रमा भी करती है । पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमने के कारण दिन और रात होते है और सूर्य की परिक्रमा धरती पर ऋतुओं (Seasons in Hindi) में परिवर्तन का कारण बनती है । चूंकि पृथ्वी भी सौर परिवार का हिस्सा है इसलिए यह भी सौरमंडल के नियमों के अधीन है और अन्य ग्रहों की भांति यह भी घूमती है सूर्य के इर्द गिर्द !
दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां पर साल भर गर्मी पड़ती है , तो दुनिया में कई ऐसे भी देश है जहां साल भर सर्दी ही पड़ती है । विविधताएं ही भारत की विशेषता हैं … हमारे प्यारे देश भारत में साल भर में 6 बार ऋतु बदलती है ।
भारत में होने वाले छह ऋतु हैं –
Topic Index
- 1 भारत में होने वाले छह ऋतु हैं –
- 2 भारत की 6 ऋतुएँ-Seasons of India in Hindi
- 3 ऋतु और त्योहार
- 4 ऋतु परिवर्तन का कारण
- 5 भारत की ऋतुओं पर FAQ
- 5.1 भारत के 6 ऋतु कौन कौन सी हैं ?
- 5.2 कौन सा ऋतु ऋतुओं का राजा कहलाता है ?
- 5.3 शरद ऋतु कब शुरू होती है ?
- 5.4 भारत में वर्षा का कारण क्या है ?
- 5.5 ऋतु को अंग्रेजी में क्या कहते हैं
- 5.6 12 महीने में कितने ऋतु होते हैं?
- 5.7 क्या मौसम और ऋतु में कोई अंतर होता है ?
- 5.8 किसी भी देश में होने वाले ऋतु परिवर्तन किस बात पर निर्भर करती हैं
- 6 निष्कर्ष एवं सारांश
इस लेख में मेरा उदेश्य अपने बच्चों को अपनी जमीन से जुड़ी जानकारी देकर उन्हें confident बनाना और सनातन के प्रति उनकी निष्ठा को बढ़ाना ही है ताकि हमारे बच्चें किसी भी प्रकार से हीन भावना का शिकार न होने पाएं और वो खुद को अपनी विरासत और परंपरा से अधिक जुड़ा हुआ पाएं ।
- वसंत
- ग्रीष्म
- वर्षा
- शरद
- हेमंत
- शीत
इनके बारे में विस्तृत विवरण तो इस लेख (Seasons in Hindi) में आपको मिलेगा ही ,लेकिन अभी यह जान लेते हैं कि प्रचलित अंग्रेजी कैलंडर एवं हमारे देशी हिंदी कैलंडर में कौन सी ऋतु किस-किस महीने में पड़ती है ।
भारत की 6 ऋतुएँ-Seasons of India in Hindi
हमने भारत में 6 ऋतुए और उनके बारे में विस्तृत जानकारी (Indian Seasons in Hindi) आगे प्रस्तुत किया है । आप की सुविधा के लिए ऋतु एवम साल के वो महीने जिसमें ये ऋतुए आती हैं से संबंधित एक सूची आगे प्रस्तुत किया है जो कम समय में चीजों को याद रखने के लिए उपयोगी होंगी –
6 seasons of india in hindi
ऋतु का नाम हिन्दी में | ऋतु का नाम अंग्रेजी में | अंग्रेजी महीने में ऋतु | हिन्दी महीने में ऋतु |
---|---|---|---|
वसंत ऋतु | spring season | मार्च से अप्रैल | चैत्र -वैशाख |
ग्रीष्म ऋतु | summer season | अप्रैल से जून | ज्येष्ठ – आषाढ़ |
वर्षा ऋतु | rainy season | जुलाई से सितंबर | श्रावण व भाद्रपद |
शरद ऋतु | autumn season | सितंबर से अक्तूबर | आश्विन व कार्तिक |
हेमंत ऋतु | pre winter season | नवंबर से आधा दिसंबर | मार्गशीर्ष व पौष |
शीत ऋतु | winter season | दिसंबर से फरवरी | माघ व फाल्गुन |
Seasons Of India in Hindi List
- बसंत ऋतु – चैत्र व वैशाख
- ग्रीष्म ऋतु – ज्येष्ठ वआषाढ
- वर्षा ऋतु – श्रावन व भाद्रपद
- शरद ऋतु – आश्विन व कार्तिक
- हेमंत ऋतु-मार्गशीर्ष व पौष
- शीत ऋतु – माघ व फाल्गुन
ऋतुएं मुख्य रूप से किसी भी देश के भौगोलिक स्थिति पर निर्भर करती है । दुनिया के कई हिस्सों में सिर्फ सर्दी और नाम मात्र की गर्मी पड़ती है, तो कुछ को पूरे साल भर गर्मी में ही जलना पड़ता है । लेकिन विविधताओं से भरे हमारे इस देश में 6 ऋतु हैं । आगे जानिए ऋतु एवं त्योहारों से संबंधित महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य
ऋतु और त्योहार
अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण हमारा प्रिय देश भारत ऋतुओं के मामले में बहुत समृद्ध और धनी है । दुनिया के कुछ हिस्सों में तो जहां हमेशा तापमान एक ही जैसा रहता है मौसम में कोई खास परिवर्तन नहीं होता । वहीं हम भारतवासियों को साल भर में कुल 6 ऋतुओं का आनंद मिलता है ।
उत्सव मानव जीवन का अभिन्न अंग है तो ऋतु परिवर्तन को आधार बना कर ही अलग-अलग संस्कृतियों ने अपने अपने पर्व-त्योहार और उत्सवों का सृजन किया !
ऋतुओं के आधार पर उत्सवों का आयोजन एक प्रकार से ऋतु चक्र का मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों की स्वीकारोक्ति ही है । जो हमारे जीवन में ऋतु परिवर्तन के महत्व को रेखांकित करतीं हैं और यह निर्देशित भी कि एक सहज और स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए समयानुकूल परिवर्तन जरूरी है ।
बिना अधिक समय बिताए बात करते हैं भारत के 6 ऋतुओं के बारे में … इन ऋतुओं के विस्तृत विवरण में हमने यह भी लिखा है कि वो किस हिन्दी महीने में पड़ते हैं और साथ ही उस ऋतु विशेष में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार भी हमने आपको बताने का प्रयास किया है ।
सबसे पहले बात अत्यंत मनमोहक और मनभावन ऋतु – ऋतुराज बसंत की ।
1 बसंत ऋतु
बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा जाता है क्योंकि इस समय मौसम काफी सुहावना होता है । जब इस मौसम का आगमन होता है , तो ना ही अधिक ठंडा होता है , ना अधिक गर्मी पड़ती है । थोड़ी थोड़ी ठंडी ठंडी हवाएँ चलती है । वसंत ऋतु हमारे तन और मन को नई ऊर्जा और स्फूर्ति से भर कर तरोताजा कर देता है । इस दौरान कुछ प्रमुख त्योहार (Festival) भी आते हैं जिनकी सूची कुछ इस प्रकार है –
- वसंत पंचमी,
- उगादि
- गुड़ी पर्व
- बीहू
- वैशाखी
- हनुमान जयंती
- होली
- और रामनवमी ।
2 ग्रीष्म ऋतु
ग्रीष्म ऋतु में वातावरण का तापमान बढ़ जाता है । दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं । सूरज की तेज किरणों से जन जीवन अस्त व्यस्त होने लगता है । ऐसी गर्मी में लोगो की हालत खराब होने लगती है ।
इस ऋतु में ऐसा नहीं है कि प्रकृति सिर्फ हमें सूरज की तेज किरणों में जलाती है रहती है । ग्रीष्म ऋतु मूल रूप से फल वाला समय भी होता है । इन ताजे और मौसमी फलों के सेवन से हमारा स्वास्थ्य भी काफी अच्छा हो जाता है । ग्रीष्म ऋतु के प्रमुख फल हैं – आम, कटहल, जामुन , लीची और तरबूज सहित अन्य फल
प्रमुख त्योहार जो ग्रीष्म ऋतु में मनाया जाता है इस प्रकार से हैं –
- गुरु पूर्णिमा
- रथ यात्रा
- और महावीर जयंती
3 वर्षा
हमारी प्रकृति आधुनिक मानव के मन जितना निष्ठुर भी नहीं है ! जब ग्रीष्म ऋतु में गरम हवाओं के थपेड़ों और सूर्य की तीक्षण किरणों से दुनिया त्राहिमाम करने लगती है । सरोवर नदी नाले सूखने लगते हैं, तब आती है वर्षा ऋतु । वर्षा को ऋतुओं की रानी भी कहा गया है ।
इस ऋतु के आते ही पूरी प्रकृति का आँचल धानी हो जाता है । हर ओर हरीतिमा फैल जाती है । चहूदिसि फैली हरियाली से मन प्रफुल्लित हो उठता है । वर्षा सच में एक सुहावना और मनभावन समय होता है ।
हिन्दी फिल्मों के तो कई गाने तो प्रकृति के इसी मनोहारी छटा को समर्पित हैं । भला क्यों न हो , प्रकृति का सामीप्य ही तो जीवन में ख़ुशियों का आधार है । तुलसीदास जी अपने दोहे में कहते हैं -” वर्षा विगत सरद रितु आई । लछिमन देखहू परम सुहाई ।। फूले कास सकल महि छाई । जनु बरसा कृत प्रगट बुढ़ाई ॥ “
कृषि प्रधान देश में वर्षा किसानों के लिए किसी वरदान से कम कहां है ? वर्षा ऋतु के मानव जीवन पर प्रभाव को इस हिन्दी मुहावरे – का वर्षा जब कृषि सुखाने। समय चूकि पुनि का पछताने। से समझते हुए चलिए चलते हैं अगले ऋतु यानि शरद ऋतु पर !
लेकिन इससे पहले जान लेते हैं वर्षा ऋतु के प्रमुख त्योहारों के बारे में । वर्षा ऋतु के प्रमुख त्योहार हैं –
- रक्षा बंधन ,
- गुरु पूर्णिमा,
- और कृष्ण पूजा ….
4 शरद ऋतु
शरद ऋतु ,ऋतु चक्र (Seasons in Hindi ) में वर्षा ऋतु के बाद आता है । । हिन्दी महीने आश्विन और कार्तिक के दरम्यानी ऋतु को शरद ऋतु कहा जाता है ।
ग्रिगोरियन कैलंडर के अंग्रेजी महीने के हिसाब से यह समय होगा अगस्त और सितंबर का ! इसे वसंत ऋतु जैसा ही माना जा सकता है । चूंकि इसमें बारिश में तो कमी आ जाती है और गर्मी भी लगभग नहीं रहती है । यह खरीफ फसलों की कटाई का समय होता है ।
शरद ऋतु के प्रमुख त्योहार हैं –
- शरद पूर्णिमा
- नवरात्रि दुर्गापूजा
- विजयादशमी
इसके साथ ही हम चलते हैं आगे और आप पढिए हेमंत ऋतु के बारे में …
5 हेमंत ऋतु
इस ऋतु में आकाश स्वच्छ और सुखद रूप से मुस्कुराता हुआ दिखता है । आसमान स्पष्ट और नीला दिखाई पड़ता है । यह अक्टूबर से दिसंबर का समय होता है ।
हेमंत ऋतु खिले फूलों और मीठे फलों का ऋतु है । यह एक प्रकार से हमें आने वाले ठंड और जाड़े के लिए तैयार कर देता है । रातों में हल्की ओश की बुंदे गिरनी शुरू होती हैं और दिसंबर आते आते यानी अगहन से पूस मास की ओर जाते जाते भयंकर ठंड में बढ़ोतरी होने लगती है ।
इस ऋतु के प्रमुख त्योहार हैं –
6 शीत ऋतु
हेमंत ऋतु के बाद आती है शीत ऋतु ! जी हां जाड़ा ! । इस ऋतु में वातावरण का तापमान बहुत घट जाता है । खासकर भारत के मैदानी और पहाड़ी भागों में तो तापमान इतना कम हो जाता है कि सामान्य जन-जीवन ही ठप्प हो जाता है । पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी भी होती है । भारत के मैदानी भागों में इसी ऋतु में रबी फसल की बुवाई भी होती है ।
शरद ऋतु के प्रमुख त्योहार हैं ।
- मकर संक्रांति
- लोहरी
- पोंगल
ऋतु परिवर्तन का कारण
मेरे प्यारे साथियों यदि आपने अब तक इतना पढ़ लिया तो आपके मन में यह जिज्ञासा सहज है कि आखिर ऋतु परिवर्तन होता ही क्यों हैं ? तो चलिए आगे जान लेते हैं ऋतु परिवर्तन होने के मुख्य कारणों को …
ऋतु परिवर्तन इसलिए होता है कि धरती अपने अक्ष पर झुकी हुई है जिस कारण धरती के अलग-अलग हिस्सों तक सूर्य की किरणें अलग-अलग कोणों में पहुँचती हैं । जिस हिस्से को अधिक देर तक सूर्य से सीधी किरणें मिलती हैं वहाँ का तापमान अधिक और जहां कम मिलता है वहाँ का तापमान कम होता है ।
धरती अपने अक्ष पर तो घूमती ही है साथ ही यह सूर्य की परिक्रमा भी करती है ।अब यदि आप पृथ्वी की इन दोनों गतियों को ध्यान में रखते हुए स्थानीय तापमान का विश्लेषण करेंगे तो आपको ऋतुओं की जानकारी सहजता से मिल जाएगी ।
कभी किसी और आर्टिकल में इस विषय पर पूर्ण विमर्श करेंगे इस संक्षिप्त लेख में इतनी जानकारियां देना उचित नहीं लगता ।
इस आर्टिकल में हमने अपने दोस्तों को संक्षेप में भारत के 6 ऋतुओं (seasons in Hindi) के बारे में जानकारी देने का प्रयास किया । उम्मीद करता हूं आपको ये जानकारियाँ उपयोगी और ज्ञानवर्धक लगी होंगी । इसे आप ऋतु के नाम और जानकारी पर निबंध (essay on six seasons of India in Hindi) लिखने में भी उपयोग कर सकते हैं।
नीचे इन 6 ऋतुओं से संबंधित एक विडिओ दिया गया है उम्मीद है यह video भी आपके लिए उपयोगी रहेगा।
भारत की ऋतुओं पर FAQ
भारत के 6 ऋतु कौन कौन सी हैं ?
भारत के 6 ऋतु हैं – ग्रीष्म, वर्षा,शरद, हेमंत, शीत एवं वसंत ऋतु
कौन सा ऋतु ऋतुओं का राजा कहलाता है ?
वसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है । हिन्दी महीने में प्रायः चैत्र एवं वैशाख के मध्य का समय वसंत ऋतु का समय होता है ।
शरद ऋतु कब शुरू होती है ?
आश्विन व कार्तिक महीने के मध्य पड़ता है शरद ऋतु । अगर अंग्रेजी महीने को देखे तो सितंबर से अक्तूबर के बीच का समय शरद ऋतु कहलाता है ।
भारत में वर्षा का कारण क्या है ?
भारत में वर्षा का मुख्य कारण है मानसून । भारत में आते हुए और लौटते हुए दोनों ही मानसून से बारिश होती है जिसमें लौटते हुए मानसून से बारिश खास कर दक्षिण भारत में होता है ।
ऋतु को अंग्रेजी में क्या कहते हैं
ऋतु शब्द के लिए अंग्रेजी में season शब्द का प्रयोग होता है ।
12 महीने में कितने ऋतु होते हैं?
भारत में 12 महीने में 6 ऋतुएं होती हैं – क्रमशः ग्रीष्म ऋतु , वर्षा ऋतु ,शरदऋतु , हेमंतऋतु , शीतऋतु एवं वसंतऋतु ।
क्या मौसम और ऋतु में कोई अंतर होता है ?
निश्चित रूप से मौसम और ऋतु में एक बड़ा अंतर होता है । भले ही हम इन दोनों शब्दों का प्रयोग समानार्थक या दोनों एक ही ऐसा समझ कर करते हों लेकिन इनमें अंतर है ।
मौसम जहां छोटे समय के वातावरण को इंगित करता है वहीं ऋतु एक बड़े समयावधि में होने वाले वातावरण के परिवर्तन या अवस्था को सूचित करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है ।
उदाहरण के लिए – आज का मौसम ठंडा है कहना बिल्कुल सही है, लेकिन आज की ऋतु में ठंडक है ऐसा कहना अनुपयुक्त होगा ।
किसी भी देश में होने वाले ऋतु परिवर्तन किस बात पर निर्भर करती हैं
ऋतुएं मुख्य रूप से किसी भी देश के भौगोलिक स्थिति पर निर्भर करती है । दुनिया के कई हिस्सों में कई देशों में उनकी भौगोलिक स्थिति के कारण सिर्फ सर्दी और नाम मात्र की गर्मी पड़ती है, तो कुछ को पूरे साल भर गर्मी में ही जलना पड़ता है ।
निष्कर्ष एवं सारांश
दोस्त, ऋतु शब्द, ऋत से बना है । वेदों में ऋत का प्रयोग ऐसे नियमों के लिए हुआ है जो सर्वमान्य हैं और जिससे सारा ब्रह्मांड बंधा हुआ है … ! 6 ऋतुओं वाले इस देश में वसंत जहां ऋतुओं का राजा है वहीं वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी कहा जाता है ।
इस लेख में आपने जाना ऋतु विशेष के फलों,फसलों एवं पर्वों के फलसफ़ों के बारे में । ऋतु का परिवर्तन एक प्रकार से समय परिवर्तन का ही द्योतक है । यह इस बात की ओर भी इशारा करता है कि परिवर्तन अवश्यंभावी घटना है जिससे प्रकृति के सभी जीव जंतुओं एवं पदार्थों को गुजरना ही पड़ता है । बुद्धिमान व्यक्ति समय की धार को देख कर स्वयं को रूपांतरित कर लेता है ।
जिस प्रकार से एक सहज और स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए समयानुकूल आचार-व्यवहार परिवर्तन जरूरी है,ठीक उसी तरह विचारक्रान्ति वेबसाईट के इस आर्टिकल को शेयर करना भी जरूरी है ताकि हम और भी महत्वपूर्ण लेख आप तक पहुंचाते रहें ।
इस लेख में मेरा उदेश्य अपने बच्चों को अपनी जमीन से जुड़ी जानकारी देकर उन्हें confident बनाना और सनातन के प्रति उनकी निष्ठा को बढ़ाना ही है ताकि हमारे बच्चें किसी भी प्रकार से हीन भावना का शिकार न होने पाएं और वो खुद को अपनी विरासत और परंपरा से अधिक जुड़ा हुआ पाएं ।
अपेक्षित सुझाव एवम अन्य प्रतिक्रिया आप हमें कमेन्ट बॉक्स में जरूर लिख भेजिए । यदि संभव हो तो इस पोस्ट को शेयर भी कीजिए चूंकि आपके शेयर करने से हमारा मनोबल बढ़ेगा और आप के द्वारा अनजाने में ही सही लेकिन लाखों छात्रों की मदद भी हो जाएगी ।
आपके जीवन में आनंद का प्रवाह हो इसी शुभकामना के साथ !
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विचारक्रांति के लिए – पवन कुमार