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समय का सदुपयोग पर निबंध | samay ka sadupyog essay

Written by-VicharKranti Editorial Team

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समय का सदुपयोग,समय की महत्ता के विषय में टॉलस्टॉय ने कहा है कि व्यक्ति के जीवन में दो ही चीज़ें उसे सफलता के मार्ग पर प्रशस्त कर सकती है, पहला उसका धैर्य और दूसरा समय।

समय किसी भी व्यक्ति के जीवन में सबसे अधिक मूल्यवान होता है। एक बार यदि समय बीत जाता है, तब व्यक्ति के पास अफसोस करने के अलावा कुछ और शेष नहीं रह जाता है। इसलिए कहा जाता है कि समय रहते हमें अपने जीवन में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल कर लेना चाहिए। अन्यथा समय यूं ही व्यर्थ चला जाता है, और हम कभी भी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाते हैं।

ऐसे में आज हम आपके लिए “समय के सदुपयोग पर निबंध” लेकर आए हैं। जिसे पढ़कर आपको अवश्य ही समय की कीमत का अंदाजा लग जाएगा। दूसरा, यह निबंध परीक्षा की दृष्टि से भी आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

1. प्रस्तावना

समय किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसके बीतने के साथ ही व्यक्ति के जीवन में नित्य नई घटनाएं घटित होती हैं। समय मानव को प्रकृति द्वारा मिला एक अमूल्य तोहफा है। यह मानव जीवन की सफलता का एकमात्र रहस्य है। ऐसे में जो व्यक्ति समय के इस मूल्य को नहीं जानता है, वह अपने लक्ष्यों को कभी नहीं हासिल कर पाता है। फिर चाहे उसके पास कितनी भी अधिक सामर्थ्य क्यों ना हो? 

2. समय मूल्यवान है

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक ऐसा मोड़ आता है, जब वह इसी समय को पकड़कर या तो अपना भाग्य बनाता है या उसे बिगाड़ता है। उन क्षणों में यदि व्यक्ति का मन जरा सा भी लड़खड़ाया या उसने समय का सदुपयोग नहीं किया। तब मानो उसके जीवन में सब कुछ समाप्त हो जाता है। ऐसे में जो व्यक्ति समय की महत्ता को समझता है, वहीं इसका प्रतिफल प्राप्त कर पाता है। इसलिए हमें अपने समय को व्यर्थ गंवाने के स्थान पर उसे उपयोगी कार्यों में लगाना चाहिए। तभी हम अपनी जीवन रूपी नैया को आसानी से पार लगा सकते हैं। 

अक्सर देखा गया है कि व्यक्ति आलस्य और प्रमोद के चलते अपने जरूरी काम को कल पर टाल देते हैं, लेकिन वह यह भूल जाते हैं कि जो काम दूसरे समय पर छोड़ा, वह सदा के लिए चला जाता है। ऐसे में यदि आज निर्धारित किए गए कार्य को आज ही कर लिया जाए तो कल आगे बढ़ने का एक और अवसर मिल जाता है। 

समय को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है, वर्तमान, भूतकाल और भविष्य। जिनमें से वर्तमान सबसे अच्छा समय होता है। भूतकाल तो बीता हुआ समय होता है। जिसे वापस नही पाया जा सकता है और भविष्य के विषय में कोई कुछ नहीं कह सकता है। ऐसे में मानव जीवन के लिए सबसे बेहतरीन आज का समय होता है। जिसे यदि उसने गंवा दिया तब वह अपनी जीवन में पिछड़ जाता है।

3. समय गतिशील है

समय कभी भी किसी के साथ नहीं चलता है। वह हमेशा अपनी गति से आगे बढ़ता रहता है। समय का उचित उपयोग ही जीवन में सफलता की सच्ची कुंजी होती है। ऐसे में यदि हम अपने जीवन के बीतने वाले एक एक क्षण का ठीक से उपयोग कर सकें तो संसार का बड़े से बड़ा कार्य भी हमारे लिए सरल हो जाता है। इस संसार में जितने भी महान व्यक्ति हुए हैं। प्रत्येक ने समय के मूल्य को पहचान के ही आगे कदम बढ़ाया था। 

आपने बचपन में वह कहानी तो सुनी ही होगी की एक बार एक खरगोश और कछुए के बीच दौड़ लगाने की शर्त हुई। जिसमें खरगोश अपनी सामर्थ्य के अनुसार कछुए से पहले ही आधा रास्ता पार कर गया। लेकिन आलस्य के चलते उसने सोचा कि अभी तो कछुआ आधे रास्ते भी नहीं पहुंच पाया है, तो क्यों ना नींद पूरी कर ली जाए। ऐसा सोचते ही वह एक पेड़ की ठंडी छाया में लेटकर सो गया। उधर, कछुए निरंतर आगे बढ़ते हुए खरगोश से काफी आगे निकल गया। जब खरगोश की आंख खुली तब उसने सोचा कि चलो! अब चला जाए और जब वह अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच गया। तब उसने देखा कि कछुआ वहां पहले ही पहुंच चुका है। इस तरह से, खरगोश जोकि कछुआ से अधिक सामर्थ्यवान था, लेकिन कीमती समय गंवाकर वह शर्त हार गया। 

इस प्रकार कहा जा सकता है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा समय के मूल्य को पहचानना ही समय का सदुपयोग कहलाता है। 

4. बीता समय लौटकर नहीं आता है

यदि कोई व्यक्ति अपना आज का समय व्यर्थ कार्यों में निकाल देता है तो उसका वह मूल्यवान समय कभी वापिस लौटकर नहीं आता है। जिसको चरितार्थ करते हुए कबीरदास जी का दोहा भी काफी प्रचलित है:-

काल करै सो आज कर, आज करै सो अब ।
पल में परलै होयगी, बहुरि करैगो कब ॥

दूसरा, यदि आप कोई काम आगे समय पर टाल देते हैं, तो इसका तात्पर्य यह होता है कि आप उस कार्य को सदा के लिए छोड़ चुके हैं। क्योंकि कोई काम यदि आप कहें कि आप करने वाले हैं तो इसका मतलब यह होता है, कि आप बीते समय में उस काम को नहीं कर पाए हैं। ऐसे में जो व्यक्ति आलस्य या किसी भी कारणवश कार्य निर्धारित समय पर करने से चूक जाता है। तब वह उस वक्त के सुअवसर को खो देता है। जिसके बाद व्यक्ति के पास केवल पश्चाताप ही रह जाता है। इसलिए व्यक्ति को समय का सदुपयोग करते हुए अपने कामों को पूरा कर लेना चाहिए। तभी वह अपने जीवन में सफल हो पाता है।

5. उपसंहार 

इस प्रकार, यदि आप अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं और समय को अपनी मुट्ठी में करना चाहते हैं, तो अपना प्रत्येक कार्य नियमित समय पर करने की आदत डालें। साथ ही किसी भी कार्य के प्रति उदासीन रवैया ना अपनाएं। क्योंकि यदि आप अपने निर्धारित लक्ष्य को पाने के लिए अटल रहते हैं, तभी उसे हासिल कर पाते हैं। यहीं कारण है कि समय का सदुपयोग करके ही एक व्यक्ति राजा से रंक और रंक से राजा बन सकता है। जिस व्यक्ति ने समय के महत्व को समझ लिया, वहीं जीवन में आगे बढ़ सकता है।


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मूल लेखन – विचारक्रांति के लिए अंशिका जौहरी

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