महंगाई भत्ता में अपेक्षित 5% की वृद्धि को भारत सरकार ने आज दिनांक 9 अक्टूबर 2019 को मंजूरी दे दी है.मीडिया को संबोधित करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा की केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते(DA) को वर्तमान के 12% से बढ़ाकर 17% कर दिया गया है. यानी कि इस बार कुल 5% की वृद्धि की गई है.
हालांकि कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि लगातार इस बात पर अपना रोष प्रकट कर रहे थे कि महंगाई भत्ते को लागू करने में अनावश्यक रूप से देरी की जा रही है. जबकि थोक एवं खुदरा मूल्य सूचकांक की वृद्धि के आंकड़े को भारत सरकार की इकाइयों ने ही जारी किया है.अब कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में अनावश्यक देरी नहीं की जाए. हालांकि देर से ही सही लेकिन सरकार ने कर्मचारियों की मांगों को आज स्वीकार कर लिया .
सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इससे 50 लाख कार्यरत एवं लगभग 62 लाख पेंशनभोगी कर्मचारियो को सीधा फायदा मिलने वाला है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इससे भारत सरकार के खजाने पर कुल 16000 करोड़ का अतिरिक्त दबाव बनेगा .
महंगाई भत्ते को एक जुलाई 2019 से ही लागू करने की बात कही गई है.
कैसे तय होता है महंगाई भत्ता
केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन, वेतन आयोग द्वारा निर्धारित होता है . इस वेतन का निर्धारण वेतन आयोग के गठन के समय विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को देखते हुए तय किया जाता है.
चूंकि महंगाई हर साल बढ़ती है जिसका निर्धारण अलग-अलग प्राइस इंडेक्स को देखकर किया जाता है.बढ़ी हुई महंगाई से कर्मचारियों के जीवनयापन में कोई तकलीफ नहीं आए इसलिए सरकार 6 महीनों पर जारी आंकड़ों के आधार पर महंगाई भत्ते में वृद्धि करने पर विचार करती है.
छठे वेतन आयोग से पहले आधार वर्ष 1982 का था, छठे वेतन आयोग के बाद बेस ईयर को 2006 तय किया गया था. सातवें वेतन आयोग में यह प्रावधान किया गया है कि Base year को हर 6 साल पर बदला जाएगा.
कुछ लोग इसे सरकार की ओर से कर्मचारियों को दीपावली का गिफ्ट कह रहे हैं कुछ लोग चुनाव से पहले का लॉलीपॉप.बात चाहे जो भी हो यह कर्मचारियों के हित का फैसला है …