मित्र इस संक्षिप्त लेख letter format in hindi में हिन्दी में पत्रों के प्रारूप की जानकारी के पहले हमने थोड़ी सी चर्चा- पत्र क्या है ? और पत्रों के प्रकार पर भी किया है । यदि आपकी रुचि इसमें है तो इसे पढिए अन्यथा सीधे पढिए हिन्दी लेटर फॉर्मैट के बारे में आगे ।
वैसे तो ये दौर सूचना क्रांति का है । एक दूसरे से जुड़ने के लिए झटपट ईमेल एसएमएस और विडिओ कॉल का सहारा लेना ,कम से कम अब… कोई अचरज की बात नहीं रह गई है ! इसके बावजूद पत्रों का महत्व और उपयोगिता आज भी बरकरार है । औपचारिक बातचीत के लिए हमेशा एक प्रारूप की जरूरत पड़ती है और उस समय पत्र लेखन की कला और पत्रों के प्रारूपों की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है ।
पत्र क्या हैं -letter format in hindi?
Topic Index
कागज पर लिखे संदेश को आम तौर पर पत्र कहा जाता है । कुछ समय पहले तक पत्र ही दो व्यक्तियों के बीच संचार का सबसे विश्वसनीय माध्यम हुआ करते थे । वर्तमान में भले ही इसकी भूमिका कम हो गई हो लेकिन फिर भी पत्रों का हमारे जीवन में महत्व विद्यमान है । जब हम अपनी बातों को किसी कागज़ के टुकड़े लिख कर अपनी भावनाओं से किसी व्यक्ति विशेष को सूचित करते हैं , तो उस को हम पत्र कहते हैं ।
सामान्य तौर पर पत्र या तो हम किसी ऐसे व्यक्ति को लिखते हैं जिससे हमको कोई कार्य (जैसे कि- विभिन्न सरकारी या गैर सरकारी कार्यालय ) हो या फिर अपने किसी परिचित व्यक्ति को ( कुशलक्षेम के आदान-प्रदान या निमंत्रण आदि की सूचना हेतु ) ही लिखते हैं ।
सदियों से अपनी बात दूसरे तक पहुंचाने के लिए मौखिक संवाद के साथ लिखित संवाद भी सम्प्रेषण का एक अहम जरिया रहें हैं । अलग-अलग समयों पर ताम्र और भोज पत्रों पर सूचनाएँ उकेरकर अहम सूचनाएँ तथा शिलालेख आदि के द्वारा शासनादेश को संप्रेषित करने को एक उचित माध्यम माना गया ।
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पत्रों के प्रकार
पत्रों को मुख्यतः दो श्रेणियों में रखा जाता है।
- औपचारिक पत्र (Formal Letter)
- अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)
औपचारिक पत्र-Formal Letter
औपचारिक पत्रों की श्रेणी में आते हैं – ऐसे कोई भी पत्र जिसमें हम अपने निजी कार्य की पूर्ति के लिए किसी से अभ्यर्थना/अनुरोध करते हैं । औपचारिक पत्र की श्रेणी में आते हैं – संपादक के नाम पत्र , किसी कंपनी के मैनेजर या फ़र्म के मालिक के नाम पत्र या किसी भी अन्य प्रशासनिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को लिखी गयी चिट्ठी ।
औपचारिक पत्रों की श्रेणी में आते हैं –
- नौकरी स्वीकृति पत्र
- संदर्भ पत्र
- संपादक के नाम पत्र
- अधिकारी को पत्र
- फॉलोअप
- कवर पत्र
- रिज्यूम सहित अन्य पत्र
अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)
अनौपचारिक पत्रों की श्रेणी में आते हैं –
- धन्यवाद पत्र
- शिकायत पत्र
- निमंत्रण
- सांत्वना पत्र
- क्षमा याचना हेतु पत्र
- प्रसंशा पत्र
- बधाई पत्र
अनौपचारिक श्रेणी के पत्रों(letter format in hindi) में आते हैं – बधाई पत्र , शुभकामना पत्र, निमंत्रण और सांत्वना पत्र अथवा किसी अन्य प्रकार की जानकारी या विषय को संबोधित करता हुआ पत्र।
अनौपचारिक पत्र लेखन में जहां दोस्ताना संबोधन का प्रयोग होता है वहीं शब्दावली आसान और लहजा सहज होता है जबकि औपचारिक पत्र की शब्दावली और संबोधन थोड़ी अलग होती है । औपचारिक पत्र लेखन में आसान शब्दों और सरल संक्षिप्त वाक्यों में जिस अधिकारी को पत्र लिख रहें हैं उसको उचित सम्मान देते हुए उस तक अपनी बात पहुँचानी होती है ।
औपचारिक पत्रों की लंबाई या शब्द संख्या कम होती है , जबकि अनौपचारिक पत्र ,चूंकि वो किसी परिचित व्यक्ति को ही लिखे जाते हैं इसलिए उनमें शब्दों की संख्या अधिक भी हो सकती है। अनौपचारिक पत्रों में हम मुद्दे के अलावा किसी अन्य विषय पर भी बात करते हैं ।
कुछ लोग व्यावसायिक पत्र लेखन को एक अलग श्रेणी में रखते हैं परंतु वास्तव में व्यावसायिक पत्र लेखन भी औपचारिक पत्रलेखन का ही एक उप-प्रकार होता है ।
औपचारिक और अनौपचारिक पत्र लेखन में एक और अंतर यह होता है कि प्रायः औपचारिक पत्र किसी संस्था या संस्था का प्रतिनिधित्व करने वाले किसी व्यक्ति को लिखा जाता है, जबकि अनौपचारिक पत्र अपने किसी संबंधी अथवा परिचित व्यक्ति को ही हम लिखते हैं ।
अच्छे पत्र की विशेषताएँ
एक अच्छे पत्र की विशेषताएँ है-
- स्पष्ट विचार
- सरल शब्द और सहज भाषाशैली
- संक्षेपण
- और प्रभाव
पत्र लेखन और सावधानियाँ :
किसी भी प्रकार के पत्र लेखन(letter format in hindi) में कुछ खास बातों का ध्यान जरूर रखा जाना चाहिए, जिससे सामने वाले व्यक्ति तक अपनी बात सही से पहुंचाया जा सके।
- पत्र लेखन में आसान और सहज शब्द एवं वाक्य विन्यास का प्रयोग करें
- किसी भी प्रकार के पत्र लेखन में इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि भाषा सरल हो और उद्देश्य एकदम स्पष्ट ।
- पत्र लेखन में कभी भी अमर्यादित , कठोर और असभ्य शब्दों का प्रयोग नहीं करें ।
- पत्र पाने वाले व्यक्ति / पावती – के विषय में संबोधन हमेशा सही रखें |
- कोशिश करे कि पृष्ठ के चारों तरफ समान चौथाई भाग जगह खाली छोड़ दें।
- शब्दों और वाक्यों के बीच में दूरी बराबर रहे इसका भी ख्याल रखें।
- कोशिश करें कि व्याकरणिक (व्याकरण की ) अशुद्धियाँ यथासंभव नहीं हो ।
पत्र का फॉर्मैट (Format)
औपचारिक और अनौपचारिक दोनों पत्र का अपना अलग-अलग फॉर्मैट होता है । जिसे संबोधित किए जाने वाले व्यक्तियों के अनुरूप लिखा जाता है । आगे सबसे पहले पढिए औपचारिक पत्र का फॉर्मैट फिर औपचारिक पत्र का उदाहरण तत्पश्चात अनौपचारिक पत्र के बारे में ।
औपचारिक पत्र का फॉर्मैट
Formal Letter Format Hindi
सेवा में,
श्रीमान ——-
(पदनाम) ——
(कार्यालय का नाम पता)
विषय :- जिस विषय में उनको सूचित करना चाहते हों ।
आदरणीय …. जी
यहाँ अपनी मुख्य मुख्य बातें लिखिए …
समापन
अपना नाम पता
स्थान
औपचारिक पत्र का उदाहरण
संपादक के नाम पत्र
सेवा में,
श्रीमान प्रधान संपादक महोदय
दैनिक जागरण
दिल्ली
विषय :- बिजली कटौती के संदर्भ में
महोदय ,
हमारे आवासीय क्षेत्र जो कि सेक्टर-6 में पड़ता है में आए दिन बिजली की अनुपलब्धता से आम लोग परेशान हो रहे हैं । महाशय हमारी परीक्षाएं नजदीक हैं और रात्रि में बिजली नहीं होने की वजह से पढ़ाई में भयंकर व्यवधान उत्पन्न हो रहा है ।
आपसे हमारा अनुरोध है कि हमारी इस समस्या को अपने समाचार पत्र में जगह देकर नगर प्रशासन का ध्यान इस ओर लाने की कृपा करें । जिससे स्थानीय लोग तथा उसमें भी विशेष रूप से विद्यार्थियों को इस समस्या से छुटकारा मिल सके ।
निवेदक
अतुल कुमार
सेक्टर -6
नोएडा ( दिल्ली )
अनौपचारिक पत्र के उदाहरण
Hindi informal letter format
आदरणीय / प्रिय / चिरंजीवी (उपयुक्त संबोधन )
प्रणाम / आशीर्वाद (उपयुक्त जो भी हो आपकी उम्र और संबंध के हिसाब से)
पूरी बॉडी लिख डालनी हैं / पूरा संवाद लिख दें..
अंत में एक बार फिर से यदि संभव हो तो अपनी प्रमुख बात को दुहराते हुए अपनी बात खतम करें ।
तुम्हारा / आपका अपना नाम
अपने भांजे के जन्मदिन पर आशीर्वाद पत्र
प्रिय अतुल
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं !
हम सब कुशल मंगल से हैं और ईश्वर से तुम्हारे दीर्घायु एवं सुस्वास्थ्य की कामना करते हैं । तुम पढ़ाई और खेलकूद में बहुत अच्छा कर रहे हो ऐसा दीदी के मुहँ से सुन कर मैं बहुत खुश हुआ हूँ । तुम से कहना चाहता हूँ कि जीवन अनमोल है और बहुत खूबसूरत भी तो इसे इन्जॉय करते रहो ।
आगे बड़ा होकर तुम अपने परिवार और समाज के लिए कुछ अच्छा करो यही हमारी शुभकामना है । मैं ने amazon से तुम्हारे लिए एक प्रेरक पुस्तक भी भेजी हैं , जिसे पढ़ने से तुम्हें अपने जीवन में कुछ करने की एक नयी दृष्टि मिलेगी । तुम ऐसे ही हँसते मुसकुराते रहो और प्रभु की कृपा से तुम्हारी हरेक ईच्छा पूरी हो … इन्हीं शुभकामनाओं के साथ …
तुम्हारा मामा – अशोक
उपसंहार
वैसे तो जो दो format हमने ऊपर दिया है उसमें वांछित परिवर्तन करके आप किसी भी कार्यालय और उसके संबंधित अधिकारी तक अपनी बात(अपनी समस्याएं ) पहुंचा सकते हैं । ठीक उसी प्रकार से आप अपने परिजन के साथ भी पत्राचार कर सकते हैं। समय कितना भी बदल गया हो लेकिन पत्रों की एक अपनी आवश्यकता है । ईमेल , शॉर्ट मैसेज सर्विस तथा मोबाइल के युग में भी अपनी पूरी बात किसी संबंधित व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए पत्राचार और पत्र प्रारूपों की समझ आवश्यक है।
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