internship in hindi for students at different technical course

इंटर्नशिप एवं इसके फायदे | Internship in Hindi

Written by-VicharKranti Editorial Team

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आपने अक्सर कॉलेज स्टूडेंट्स को यह कहते सुना होगा कि हम फलां संस्था या कंपनी के साथ जुड़कर इंटर्नशिप internship in hindi कर रहे हैं या कर चुके हैं। इंटर्नशिप एक प्रकार की ट्रेनिंग होती है, जोकि किसी भी निजी और सार्वजनिक संस्था द्वारा कॉलेज स्टूडेंट्स को दी जाती है।

जिससे नौकरी में आने से पहले कोई भी छात्र यह सीख सके कि किसी संस्था के अंतर्गत कार्य किस प्रकार से होता है?  क्योंकि कोई भी छात्र जो कॉलेज में पढ़ाई कर रहा होता है, उसके पास केवल किताबी ज्ञान ही मौजूद होता है।

ऐसे में कार्यक्षेत्र को लेकर उसका व्यवहारिक दृष्टिकोण भी मजबूत हो सके। इसी उद्देश्य के साथ कॉलेज स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप कराई जाती है। हालांकि पहले जहां केवल मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी ही इंटर्नशिप करते थे, तो वहीं अब मैनेजमेंट और इंजीनियरिंग छात्र भी इंटर्नशिप कर रहे हैं। जोकि कई प्रकार की होती हैं:-

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Types of Internship in Hindi

  • मेडिकल इंटर्नशिप
  • अकाउंटिंग इंटर्नशिप
  • जर्नलिज्म इंटर्नशिप
  • आईटीआई/ जीटीआई इंटर्नशिप
  • मार्केटिंग इंटर्नशिप
  • डिप्लोमा इंटर्नशिप
  • इंजीनियरिंग इंटर्नशिप
  • मैनेजमेंट इंटर्नशिप
  • आर्ट्स एंड कल्चर इंटर्नशिप
  • सोशल इंटर्नशिप

क्या होता है इंटर्नशिप में

internship in hindi में आगे जानिए क्या होता है इंटर्नशिप । इंटर्नशिप को हिंदी में प्रशिक्षुता कहा जाता है। जिसे अधिकतर छात्र अपने पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में किसी संस्था या कंपनी के साथ जुड़कर करते हैं। साथ ही जो विद्यार्थी किसी संस्था या कंपनी से जुड़कर इंटर्नशिप करता है, उसे इंटर्न कहा जाता है।

इंटर्नशिप करने के बाद प्रत्येक विद्यार्थी को एक इंटर्नशिप रिपोर्ट भी तैयार करके सबमिट करनी होती है। जिसमें विद्यार्थी मुख्यतः इस बात का वर्णन करते हैं कि विद्यार्थी ने इंटर्नशिप के दौरान क्या सीखा? इंटर्नशिप की अवधि कितने समय तक रही? इंटर्नशिप के समय आपको क्या-क्या जिम्मेदारियां दी गई? इत्यादि। साथ ही आपको अपना इंटर्नशिप सर्टिफिकेट भी दिखाना पड़ता है, जोकि आपको संबंधित कंपनी से प्राप्त होता है। 

इंटर्नशिप के फायदे Benefits of Internship in Hindi

इस लेख -internship in hindi में आगे जानते हैं इंटर्नशिप के दरम्यान और उसके बाद मिलने वाले प्रमुख लाभों के बारे में । ऐसे में अगर आपने अपने कोर्स के साथ कहीं इंटर्नशिप की है, तो जॉब इंटरव्यू के दौरान आपके नौकरी पाने की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इंटर्नशिप के बाद विद्यार्थी में किताबी ज्ञान के साथ-साथ आवश्यक कौशल, तकनीक की समझ और संवाद की अच्छी शैली का विकास हो जाता है। साथ ही वह कार्यक्षेत्र में आने वाली चुनौतियों से निपटने में पहले से ही सक्षम हो जाता है। 

अधिकतर कॉलेज स्टूडेंट्स जो किसी भी सरकारी या प्राइवेट शिक्षण संस्थान से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, वह कॉलेज अध्यापकों की सहायता से और ऑनलाइन माध्यमों से इंटर्नशिप के लिए आवेदन करते हैं। जिसके लिए कुछ कंपनियां कॉलेज स्टूडेंट्स को छात्रवृति (stipend) भी देती हैं, जबकि कहीं कहीं इंटर्नशिप अनपेड भी होती हैं।  आजकल वर्चुअल इंटर्नशिप चलन में है, जहां विद्यार्थी घर बैठे ही किसी कंपनी से जुड़कर ऑनलाइन माध्यमों से इंटर्नशिप कर रहे हैं। 

इस प्रकार, इंटर्नशिप का अर्थ और प्रकार एवं प्रमुख लाभ को जानने के बाद अब हम आपको अपने इस करियर लेख के माध्यम से इंटर्नशिप से होने वाले अन्य वहावहारिक फायदों के बारे में बताने वाले हैं। जिसे पढ़कर आप अवश्य ही इंटर्नशिप के महत्व और वर्तमान प्रतिस्पर्धा के माहौल में उसकी उपयोगिता को समझ सकेंगे।

व्यवहारिक ज्ञान की प्राप्ति

आजकल किसी भी संस्था या कंपनी के साथ कार्य करने के लिए आपके पास आवश्यक ज्ञान और कौशल का होना जरूरी है। ऐसे में जब आप संबंधित क्षेत्र से जुड़ी किसी कंपनी के साथ इंटर्नशिप करते हैं, तो आपको व्यवहारिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। सामान्य शब्दों में, इंटर्नशिप करने से आपको कार्य का अनुभव प्राप्त होता है, जिसके आधार पर ही आपको आगे किसी कंपनी में नौकरी मिलती है।

करियर को लेकर स्पष्ट नजरिया

कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो बिना सोचे समझे किसी भी कोर्स में दाखिला ले लेते हैं और फिर आगे उन्हें नौकरी के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप किसी कोर्स के साथ इंटर्नशिप करते हैं, तो आपको अपनी कमजोरी, कार्यक्षेत्र में कौशल की आवश्यकता और कार्यक्षेत्र में अपनी रुचि का ज्ञान हो जाता है। जिसके आधार पर आगे आप सही कार्यक्षेत्र का चुनाव करके उसमें अपने करियर को नई दिशा दे सकते हैं।

एक नए कौशल या हुनर का विकास

इंटर्नशिप के दौरान आपको अपने सीनियर्स से काफी कुछ सीखने को मिलता है। जिससे कहीं ना कहीं आपके कौशल में वृद्धि होती है और आप अपने कार्य के प्रति अधिक गंभीर होते हैं। इंटर्नशिप के दौरान आपको अपनी ताकत और कमजोरियों के विषय में जानकारी मिलती है। जिनमें सुधार करके आप आगे भविष्य के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं।

साथ ही आपके सीनियर्स जब आपको आपकी किसी गलती के विषय में बताते हैं, तो आप इन गलतियों से ली गई सीखों का लाभ अपने आगामी नौकरी के दौरान ध्यान रखते हुए आगे बढ़ते हैं। जिससे आपको नौकरी के दौरान कार्यक्षेत्र को समझने में जहां अधिक समय नहीं लगता वहीं आपको उचित promotion सहित अन्य चीजों का लाभ मिलता है ।

आत्मविश्वास में बढ़ोतरी

जब आप किसी संस्था या कंपनी में इंटर्नशिप करते हैं, तो आगे आप जब नौकरी पाने के लिए इंटरव्यू देते हैं। तब internship से मिली वहावहारिक practical ज्ञान से आपका आत्मविश्वास पहले से अधिक मजबूत होता है ।

चूंकि आप संबंधित कार्य और कार्यक्षेत्र के बारे में पहले से ही जानते हैं। जिससे कहीं ना कहीं नौकरी के लिए होने वाले साक्षात्कार में आपका मनोबल ऊंचा रहता है । साथ ही आप इंटरव्यू के दौरान पूछे जाने वाले सवालों का जवाब सटीकता से देने की क्षमता रखते हैं, क्योंकि इंटर्नशिप करने के बाद आपके पास थोड़ा बहुत अनुभव अवश्य ही होता है। ऐसे में साक्षात्कार को सफलतापूर्वक पास कर नौकरी पाने की संभावना बढ़ जाती है ।

नेटवर्क का स्थापित होना

जब आप किसी कंपनी के साथ जुड़कर इंटर्नशिप करते हैं, तो वहां आपकी काफी लोगों से जान पहचान हो जाती है। जिससे कहीं ना कहीं आपकी नेटवर्किंग बढ़ती है, और नौकरी के दौरान आपको उस नेटवर्क का फायदा मिलता है।

आपको इंटर्नशिप के दौरान कई ऐसे लोग भी मिलते हैं, जो एक मेंटर की तरह आपकी कमियों और ताकत को पहचानकर आपकी योग्यता को निखारते हैं। जिससे आप कार्यक्षेत्र पर मिली जिम्मेदारी को अच्छे से निभाते हैं।

चूंकि कॉलेज में रहकर आप उद्योग जगत के लोगों से अधिक व्यवहार नहीं बना पाते हैं। ऐसे में इंटर्नशिप के दौरान आपको अपने क्षेत्र से जुड़े अनुभवी व्यक्तियों के संपर्क में रहने का मौका मिलता है। जिससे आपको भविष्य में कार्य करने के अच्छे और अनेक अवसर प्राप्त होते हैं।

इस प्रकार आप इंटर्नशिप करके कार्यक्षेत्र का वास्तविक अनुभव प्राप्त करते हैं। साथ ही आपकी संवाद और व्यवहारिक शैली भी विकसित होती है। यह आपको भविष्य में मिलने वाली जिम्मेदारियों से रूबरू कराती है, और इससे आपका एक प्रोफेशनल नेटवर्क तैयार होता है।

इसके साथ ही इंटर्नशिप किसी भी इंटर्न में शोध और विश्लेषणात्मक क्षमता को विकसित करती है। उसमें नेतृत्व का गुण विकसित होता है। इंटर्नशिप के माध्यम से मिले अनुभव से आपके रिज्यूमे या सीवी को अधिक प्राथमिकता मिलती है और आगे नौकरी मिलने में यह आपको सहायता प्रदान करती है।


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