अपनी व्यस्तता के बीच आपके लिए कुछ उपयोगी लिखने को अपनी जिम्मेदारी मानता हूँ । आज इस छोटी सी कहानी के माध्यम से जीवन दर्शन की एक गूढ़ बात आपके लिए .. उम्मीद है आपको पसंद आएगी । इस छोटी कहानी को पढ़ने के बाद अपने विचार नीचे कमेन्ट बॉक्स में जरूर लिखें ।
उपयोगिता
नंदनवन के किसी गुफा में एक शेर रहता था । 1 दिन एक चूहा उधर आया और वहीं शेर के गुफा के करीब ही अपना बिल बना कर रहने लगा ! वो चूहा शेर के आसपास काफी धमा चौकड़ी मचाता ! जब शेर सो जाता तो वह चूहा अपने बिल से बाहर आकर कभी शेर के शरीर पर कूदने लगता, तो कभी शेर के बाल कुतरने लगता तो कभी कुछ और कभी कुछ और .. !
और शेर के उठते ही नौ दो ग्यारह हो जाता ! अपने कटे हुए बाल देखकर शेर को गुस्सा तो बहुत आता था लेकिन .. लेकिन वह कुछ कर नहीं पा रहा था , आखिर चूहा उसकी पकड़ में ही नहीं आ रहा था ।
उसने बहुत कोशिशे की लेकिन शेर, चूहे को पकड़ नहीं पाया। छोटा सा चूहा शेर के जागते ही अपने बिल में घुस जाता। आखिर चूहे से परेशान शेर को 1 दिन एक तरकीब सूझी।
उसने एक बिल्ली को अपनी सुरक्षा में लगा लिया। अब चूहा जैसे ही ऊपर आने की कोशीश करता , बिल्ली म्याऊँ करके गुर्राती बस फिर क्या था चूहा डर कर बिल में में घुस जाता । इस तरह शेर बहुत आराम से अपनी नींद पूरी करने लगा और चूहा मारे भूख के बहुत दुर्बल हो गया !
बिल्ली की तो मौज थी । शेर को चूहे से सुरक्षा देने के बदले उसे हर दिन शानदार भोजन जो मिलता और बिल्ली की जिंदगी बड़े आराम से बिना किसी तकलीफ के चल रही थी ।
थोड़े दिनों यह सिलसिला चलता रहा लेकिन एक दिन भूख से बिलबिला कर चूहा अपने बिल से बाहर निकलने को मजबूर हो गया । और जैसा कि स्वाभिक सा डर था बिल्ली ने उसे अपना शिकार भी बना लिया
अब शेर को किसी भी चूहे का डर नहीं रहा फिर वह बिल्ली को भोजन भला क्यों देगा ?
शेर ने बिल्ली को खाना देना बंद कर दिया । बिल्ली को अब बात समझ में आने लगी थी .. लेकिन अब देर हो गयी थी !
और यदि आपको अपनी पूछ बनाए रखनी हो तो अपनी उपयोगिता को भी बनाए रखना जरूरी है ।