inspiring story hindi

लोग क्या सोचेंगे ये तुम मत सोचो !

Written by-आर के चौधरी

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लोग क्या सोचेंगे ये तुम मत सोचो ! कुछ काम लोगों के लिए भी छोड़ दो ! लोग क्या सोचेंगे यह भी यदि तुम सोचने लगे तो फिर लोग क्या सोचेंगे .. आज में रहो सपनों को जियो !

कहानी पूरी पढिए और आप क्या सोचते हैं इस पर नीचे कमेन्ट में लिखिए ..

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Inspiring Story -किसान का घोड़ा

बात पुरानी है । चीन के किसी गांव में एक किसान रहता था। उसके पास एक बहुत ही शानदार घोड़ा था । एक दिन वहाँ का राजा जब उस गाँव से गुजर रहा था, तो राजा की नजर किसान के घोड़े पर गयी । 

राजा को घोडा भा गया । अगले दिन राजा ने किसान को दरबार  में बुलवाया और कहा- “ मुझे तुम अपना घोड़ा  दे दो बदले में मैं तुम्हें मुंह मांगी रकम दूंगा । “ लेकिन  किसान ने राजा के सामने हाथ जोड़कर बड़ी विनम्रता से मना कर दिया । 

किसान घर पर आया ही था कि थोड़ी ही देर में गाँव में उसके आस पड़ोस के लोग उसके घर पर आ गए और लगे समझाने – ” ये तुमने बहुत गलत किया । भाई राजा ने तुमसे घोड़ा खरीदनी चाही.. इसे तो तुम्हें अपना सौभाग्य समझ कर राजा को भेंट कर देनी चाहिए,  भला तुम क्या करोगे घोड़ा लेकर ! “

राजा को मना कर दिया । कैसे बेवकूफ हो यार …! किसान ने कहा यह मेरा निर्णय है और मुझे ही प्रभावित करने वाला है आपलोग कृपा करके इतनी चिंता न करे । आपको बेगानी शादी में अब्दुल्लाह दीवाना बनने की जरूरत नहीं है ! 

लोग चले गए।  

अभी थोड़े ही दिन बीते थे कि किसान का घोड़ा कहीं खो गया, भाग गया । इस खबर को सुनते ही फिर आस पास के लोग किसान के दरवाजे पर आने लगे । कहने लगे बहुत बुरा हुआ .. लेकिन हमने तो तुमसे पहले ही कहा था तुमने हमारी एक न सुनी ..  लेकिन यार बहुत बुरा हुआ तुम्हारे साथ ! 

किसान ने लोगों से कहा – ये तो पता नहीं कि क्या हुआ हाँ लेकिन आपलोग  इतनी चिंता न करे ! घोड़ा मेरा गया है आप लोग इतने परेशान न हो ! 

लेकिन किसान की कौन माने लोग आते रहे और मुफ़्त में मशवरा देते रहे । 

थोड़े दिनों बाद एकाएक  किसान का घोड़ा वापिस लौट आया । और तो और इस बार इस घोड़े के साथ 7-8 और घोड़े कहीं से उस किसान के पास आ गए । 

जैसे ही बात गाँव मे फैली आस पास के लोग फिर आने लगे । 

कहने लगे यार कितनी गजब किस्मत है तुम्हारी ! बहुत चालाक हो तुम ! तुम अपने घोड़े को सीखा कर इतने घोड़े ले आए अपने पास ! 

किसान ने फिर लोगों का धन्यवाद करके उन्हें घर तक भेज दिया 

कुछ दिनों बाद एक दिन घोड़े को ट्रेनिंग देते-देते किसान का बेटा घोड़े से गिर पड़ा और उसके पैर टूट गए ।

लोगों को बस पता चलने की ही देर थी। पता चलते ही  आसपास के लोग फिर किसान के घर तक पहुंचने लगे ,कहने लगे – “ हम तो पहले से ही कहते थे इस घोड़े को राजा को दो ! अरे ! ऐसे घोड़े से हम किसानों का भला क्या काम ! ये घोड़ा है ही मनहूस तुम्हारे लिए ! तुम भी महामूर्ख हो , बेच दो इसे ! “ 

किसान ने बड़ी विनम्रता से हाथ जोड़कर लोगों से कहा- “ मेरा बेटा घोड़े को ट्रेन करते करते गिरा है वह जल्दी ही ठीक हो जाएगा । आप इतने दुखी न हो.. आप अधिक फिक्रमंद न हो ! 

 लेकिन सुने कौन.. लोग आते रहे और अपने-अपने हिसाब से अपना-अपना ज्ञान किसान को देते रहे । 

 2 दिन बाद ही इस राजा के राज्य पर पड़ोसी राजा ने आक्रमण कर दिया लड़ने के लिए सैनिकों की जरूरत थी । गांव के सभी जवान युद्ध लड़ने चले गए सिवाय इस किसान के बेटे के जिसका पैर टूटा हुआ था । 

Learnings from the story- 

इस कहानी से सीख यही है कि –

प्रकृति की सभी घटनाएँ बहुत ही जटिल तरीके से आपस में जुड़ी हुई हैं इसलिए निश्चित होकर कोई भी और कभी भी नहीं कह सकता कि किसी के साथ घटी घटना उसके लिए अच्छा है या बुरा । क्योंकि हमें न तो अच्छे किसमत का अंजाम पता है न ही बुरे भाग्य का परिणाम ! 

जीवन की हर घटना पर चिंतित होने या उस पर प्रतिक्रिया देने की कोई जरूरत नहीं है।  समय के गर्भ में बहुत सारी बातें ऐसी हैं जिसका हमें दूर तक भी कोई आभास नहीं है। 

 इस दुनिया की सारी समस्याओं में से 98% लोगों की समस्याओं के मूल में है – फल और कल कि चिंता !  जबकि दोनों ही चीजें मनुष्य के बस में नहीं है ।

 हमारे बस में है तो हमारा आज … भूत और भविष्य की चिंता ही व्यर्थ है । 

इतिहास साक्षी है कि जिसने भी अपने आज को बेहतर बनाने के लिए परिश्रम किया है उसका कल खूबसूरत जरूर हुआ है । आप भी अपने आज की आगाज करो ,, अभी से 

फ्री में राय देने वालों पर आप क्या सोचते हैं लिखिए नीचे ..

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