हमारी सफलता में लक्ष्य निर्धारण की भूमिका-importance of goal setting in success

Written by-आर के चौधरी

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हमारी सफलता में लक्ष्य निर्धारण की भूमिका:
आज आपके साथ मैं बात करने वाला हूं सफल व्यक्तित्व और करियर निर्माण में गोल सेटिंग की भूमिका पर. इसे पूरा पढ़ने के बाद आप जान पाएंगे- कि लक्ष्य क्या है?  लक्ष्य किस प्रकार के हो सकते हैं? लक्ष्य निर्धारण का क्या महत्व है? और लक्ष्य निर्धारण करने का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है.लक्ष्य के साथ और बिना किसी लक्ष्य के जिंदगी जीने में क्या अंतर है ? और लक्ष्य निर्धारण से हमारी मनोदशा मनोवृति किस प्रकार प्रभावित होती है?

अगर आप जीवन में महान सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह लेख पूर्ण रूप से आपके लिए ही है. अगर आप किसी कविता कहानी का आनंद लेने यहां आए हैं तो आग्रह है कि इस लेख को छोड़कर कहीं और अपना समय व्यतीत करें..

अब अगर आप आपने आगे पढ़ने का निश्चय कर लिया है, तो यकीनन आप अपनी जिंदगी को अर्थ देने के नए रास्ते की खोज में आगे बढ़ना चाहते हैं.तो स्वागत है….!  सबसे पहले… 

लक्ष्य होता क्या है(What is goal) ?

लक्ष्य शब्द की निश्चित परिभाषा तो हमने कहीं देखी नहीं है लेकिन भावनात्मक रूप से अगर इसकी व्याख्या करें तो वह शायद कुछ इस तरह होगा.

लक्ष्य भविष्य की कोई अवधारणा या वांछित परिणाम है. जिसे कोई व्यक्ति अथवा समूह  निर्धारित किए गए समय अथवा काल-क्रम(Time Frame) में अपने असाध्य और अनवरत परिश्रम से प्राप्त करना  चाहता हो.हमारी नज़रों में जिसको हासिल करने से हमारी जिंदगी को नए मायने मिल जाएंगे. ऐसी ही इच्छा को हम लक्ष्य(goal) कहते हैं.

A goal is a  desired result of future that a person or a group of people imagine and plans  to achieve. They want to achieve it(desired result) within specific Time frame.

लक्ष्य कितने प्रकार के हो सकते हैं ?

संदर्भों के अनुसार goals के प्रकार भी बदल सकते हैं. 

समय अवधि के आधार पर यह दो प्रकार हो सकता है.

  1.  अल्पकालिक
  2.  दीर्घकालिक

अगर हम किसी व्यक्ति के जीवन की बात करें, तो हम भारतीय  लोग अपने जीवन में तन मन और धन की भूमिका को काफी अहम मानते हैं. तो इस तरह से  goal  को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है. 

  1. आर्थिक (Economical goal).
  2. व्यक्तित्व विकास (Personal Development goal).
  3. स्वास्थ्य (Health goal).

 इन लक्ष्यों की विस्तृत विवेचना हम अपने किसी आलेख में अलग से करेंगे वहां इसके महत्व की भी चर्चा करेंगे. 




क्या हो सकते हैं लक्ष्य ?

लक्ष्य किसी व्यक्ति का हो सकता है. किसी समूह का उसके लिए हो सकता है.यह व्यक्ति अथवा समूहों के कार्य क्षेत्र से सम्बद्ध हो सकता है. किसी राज्य का हो सकता है और किसी राष्ट्र का भी हो सकता है. जिसे वह आने वाले वर्षों में प्राप्त करना  चाहता हो.  

एक नया स्किल(skill) सीखना यह एक व्यक्ति का लक्ष्य हो सकता है. किसी निश्चित माइलस्टोन को प्राप्त करना, पार करना यह किसी समूह का,साक्षरता के प्रतिशत को सुधारना यह किसी राज्य का और अपनी सीमाओं को सुरक्षित रखते हुए आने वाले कुछ सालों में देश में किसी प्रौद्योगिकी(Technology) को स्थापित कर देना किसी राष्ट्र का लक्ष्य हो सकता है.

एक ब्लॉगर का goal हो सकता है आने वाले एक से दो साल  में देश और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगरो में अपना नाम शामिल करवाना. एक लेखक का लक्ष्य हो सकता है अगले साल तक अपनी एक रचना को प्रकाशित करवाना. 

इसी प्रकार एक कंपनी के मालिक का लक्ष्य कंपनी का विस्तार . एक विद्यार्थी का  लक्ष्य हो सकता है अपनी कक्षा में सर्वोच्च अंक से उत्तीर्ण होना .आगे की पढ़ाई अच्छे से करके अपने मनपसंद कार्यक्षेत्र  में कामयाबी हासिल करना…

 

एक  कर्मचारी का लक्ष्य हो सकता है मेहनत और प्रदर्शन के दम पर पदोन्नति प्राप्त कर लेना.इसी प्रकार नकारात्मक व्यक्तियों के भी अपने लक्ष्य हो सकते हैं, हम उसकी चर्चा नहीं करेंगे.क्योंकि  प्रभु ने हमें खूबसूरत जीवन सकारात्मकता में जीने के लिए दिया है. सकारात्मक जीवन जीना ही मानव जन्म की सफलता है.

क्यों महत्वपूर्ण है लक्ष्य निर्धारण(goal-setting)? 

दुनिया के सभी महान जीवन-दर्शी लोगों ने कहा है कि अपनी जिंदगी में हम वही पा सकते हैं जो हम आज सोच सकते हैं.   हम जो कुछ भी अपनी जिंदगी में करते हैं, बन पाते हैं या प्राप्त कर पाते हैं. वह सब हमारी सोच का ही परिणाम होता है. जिस को पूरा करने के लिए हमने खुद से वादा किया होता है कि हम इस कार्य को पूर्ण करेंगे.

जो ध्यान रखने वाली बात है को यह कि हम दुनिया में जो कुछ भी देख रहे हैं वह भूतकाल में निर्धारित किए गए किसी लक्ष्य का ही परिणाम है.हमारे द्वारा निर्धारित किया गया लक्ष्य हमें भविष्य में किसी न किसी प्रकार से समृद्ध करता ही है.

या यूं कहें कि हम अपनी जिंदगी में आज जो भी है वह अपने द्वारा निर्धारित किए गए लक्ष्य का ही परिणाम है. यानि हमारा वर्तमान हमारे भूतकाल के निर्धारित लक्ष्यों का ही मूर्त रूप है.

यानि भविष्य के वांछित परिणामों की प्राप्ति के लिए आज योजनाबद्ध तरीके से सोचना बहुत जरूरी होता है. 

लक्ष्य निर्धारण का हमारे जीवन में प्रभाव:

लक्ष्य निर्धारित करने के बाद  हमारे जीवन को एक उद्देश्य मिल जाता है.  एक उद्देश्य पूर्ण जीवन ही एक उत्साहित आनंदित और उत्सवमय जीवन का मूल आधार है.उत्सवमय जीवन जीना ही मानव जीवन की परम प्राप्ति है.

एक मानव के जीवन में विफल होने का दुख और सफल होने की खुशी, कुछ छूट जाने का गम और किसी चीज को पा लेने का आनंद  जीवन को प्रभावित करती ही करती हैं .यह अपने आप में एक सार्वभौमिक सत्य है. 

लक्ष्य निर्धारण क्रमिक रूप से हमें हमारे द्वारा वांछित  अभिलाषा की पूर्ति का मार्ग प्रशस्त करता है. हमें हमारे सपनों को प्राप्त करने  की राह को सुगम बनाता है. अंततः हमारे सपने हमारी प्राप्ति में परिवर्तित हो जाते हैं. जो हमारे जीवन में आनंद का अहम कारण बनता है…

इस प्रकार goal-setting  एक शानदार जीवंत और आकर्षक जीवन की दिशा में  हमारे द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. इसे जितनी जल्दी हम समझेंगे, अपने जीवन में महान लक्ष्यों की प्राप्ति उतनी ही जल्दी कर  पाएंगे

 क्योंकि

हम आज वही हैं जिसकी फिक्र हमें कल थी….

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