cow essay in hindi गाय पर निबंध अक्सर स्कूलों में विद्यार्थियों को लिखने के लिए दिया जाता है. हमने आपके सामने गाय पर निबंध को सरल संक्षिप्त और सीमित शब्दों में इस प्रकार रखा है ताकि निबंध बहुत लम्बा भी न हो तथा कोई महत्वपूर्ण बात भी इस गाय पर निबंध में नहीं छूटे.हम आशावान हैं कि आप इसे अपने लिए उपयोगी पाएंगे.तो पढ़िए पूरा लेख
गाय पर निबंध हिंदी में– cow essay in hindi
Topic Index
प्रस्तावना –
गाय एक दुधारू पालतू पशु है जिसे भारत में बहुत ही श्रद्धा और सम्मानपूर्वक देखा जाता है.हमारे देश में पहली रोटी गाय को खिलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार गाय के शरीर में 32 करोड़ देवताओं का निवास होता है. हमारे ज्ञानी पूर्वजों ने मानव जीवन का कल्याण करने वाली प्रकृति की हर एक चीज को आस्था और धर्म से जोड़ दिया.
पद्म पुराण में कहा गया है
अर्थात गाय तथा मनुष्य एक दूसरे के लिए बंधु बांधव के समान है. जिस घर में गाय नहीं है वह घर ऐसा है जहां उसके प्रियजन नहीं रहते. जहां गाय का निवास है वही धन की देवी माता लक्ष्मी सहित समस्त देवताओं का निवास स्थान है.
शायद उन्हें इस चीज का एहसास रहा होगा कि कभी कालक्रम में जब ज्ञान के सूत्र खो जाएंगे तो भी आस्था के महीन धागों में लिपटी यह कल्याणकारी बातें परंपराओं की शक्ल में सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया की महान अवधारणा को आगे बढ़ाती रहेगी.
गाय की शारीरिक संरचना –
cow essay in hindi
गाय की शारीरिक संरचना विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में लगभग एक जैसी ही पाई जाती है.लेकिन विभिन्न नस्ल की गायों के शारीरिक कद काठी में अंतर होता है. कुछ गाय अधिक दूध देती हैं तो कुछ कम दूध देती है.गाय की कद-काठी भी नस्ल और जलवायु से बहुत नजदीकी संबंध रखती है. औसतन देसी गायों का वजन थोड़ा कम होता है.गाय का वजन 240 किलोग्राम से लेकर लगभग 700 किलोग्राम तक होता है.
गाय का शरीर आगे से पतला और पीछे से चौड़ा होता है.गाय के दो कान होते हैं और गाय बहुत ही हल्की सी आवाज को भी सुनने में सक्षम होती है.गाय की दो बड़ी आंखें होती हैं जिनकी सहायता से लगभग 360 डिग्री तक देख लेती है.
गाय एक चौपाया पशु है और चारों पैरों में खुर्र होते है. खुर्र की सहायता से वे किसी भी कठोर स्थल पर चल सकती है. गाय की एक लंबी पूछ होती है जिसका उपयोग अपने शरीर में लगी मिट्टी को हटाने तथा मच्छर और मक्खी से खुद को बचाने में करती है.
गाय के 4 थन होते हैं और इसकी गर्दन लंबी होती है. गाय के मुंह के सिर्फ निचले जबड़े में 32 दांत पाए जाते है इसीलिए गाय लंबे वक्त तक जुगाली कर के खाने को चबाती है. गाय के एक नाक और दो बड़े सिंग होते है
भोजन एवं जीवन काल –
गाय विशुद्ध रूप से शाकाहारी प्राणी है. यह पूर्ण रूप से घास भूसा एवं अनाज के दाने पर निर्भर रहती हैं. और कम से कम 30 से 50 लीटर तक पानी प्रतिदिन पीती है. गाय का सामान्य जीवन काल 15 से 20 वर्ष का होता है. एक गाय अपने जीवन काल में औसतन 6 से 10 बच्चे(बछिया तथा बछड़े) को जन्म देती है.
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की 2012 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में गायों की कुल संख्या लगभग 190 मिलियन है.पूरे विश्व भर में सबसे ज्यादा गाय हमारे भारत में ही पायी जाती है.और तो और देसी गायों के गुणों की तुलना किसी भी अन्य गाय से नहीं की जा सकती है.
cow essay in hindi गाय पर हिंदी निबंध
गाय से प्राप्त उत्पादों का उपयोग –
गाय एक पालतू पशु है . गौपालन अपने आप में पुण्य के साथ साथ आर्थिक लाभ का भी काम है.गाय सुबह शाम दूध देती है. जिस दूध से दही घी तथा मक्खन आदि बनाए जाते हैं. गाय की दूध को सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक माना जाता है. शिशुओं के लिए मां की दूध के बाद गाय की दूध को ही उत्तम माना जाता है.गाय के बछड़े बड़े होकर बैल के रूप में आज भी गांव में खेत जोतने एवं बैलगाड़ी चलाने में काम आते हैं.
गाय के गोबर से उपले बनते हैं जिसका उपयोग अभी भी गांव में खाना पकाने में होता है. गाय के गोबर का उपयोग किसान खेतों में जैविक खाद के रूप में करते हैं. जीवित रहते हुए गाय मानव मात्र को लाभ पहुंचाती है.गोमूत्र(गाय के मूत्र) का एक अलग ही औषधीय महत्व है. आयुर्वेद में इससे कई रोगो का उपचार किया जाता है . कई बीमारियों को जड़ से खत्म करने में यह बहुत ही कारगर उपचार है.
गाय से प्राप्त होने वाले उत्पादों का स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव की चर्चा हम इस आलेख गाय पर निबंध cow essay in hindi में नहीं करके किसी अन्य आलेख में करेंगे.
गाय की नस्लें –
भारतवर्ष में गाय की अनेक नस्लें पाई जाती हैं.संपूर्ण भारतवर्ष में कुछ प्रमुख नस्ले हैं:-साहिवाल, सिंधी,नागौरी, भग्नारी, पवार, राठी,मालवी, काँकरेज, सिंधी, दज्जल, थारपारकर, अंगोल या नीलोर तथा गंगातीरी इत्यादि है. इनमें से कुछ तो बहुत अच्छा दूध देने वाली नस्ल हैं और कुछ कम.
दूध देने के मामले में साहिवाल सबसे ऊपर है उसके बाद सिंधी. साहीवाल नस्ल की गाय औसतन 15 से 20 लीटर दूध प्रतिदिन देती है. गंगातीरी जैसे नस्ल की गाय जो गंगा के मैदानी भागों में पाई जाती है, दूध तो कम देती हैं लेकिन वातावरण अनुकूलन के हिसाब से यह सही है.
उपसंहार –
गाय आर्थिक एवं धार्मिक महत्व का पालतू पशु है. हमारे भारत में गाय को मां का दर्जा इसीलिए दिया गया है, क्योंकि यह हमें जीवन भर कुछ ना कुछ देती ही रहती है. गाय से प्राप्त होने वाला दूध घी दही को मानव स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम एवं गुणकारी माना गया है.जैसे एक मां अपने बच्चे की सेवा और देखरेख जीवन पर्यंत करती रहती है, वैसे ही गाय मानव जाति की आजीवन सेवा करती है.
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