educational counselling and its benefits and necessity in hindi

Educational Counselling क्या है और क्यों जरूरी है ?

Written by-VicharKranti Editorial Team

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इस लेख में हम Educational Counselling के विषय में बात करेंगे और इसके फायदे सहित अन्य तथ्यों को जानेंगे। अक्सर देखा गया है कि अधिकतर विद्यार्थियों के लिए सही करियर का चुनाव करना बेहद ही कठिन कार्य होता  है। ऐसे में उन विद्यार्थियों को अपने करियर की चिंता होना अत्यंत ही स्वाभाविक बात है । 

जैसे-जैसे विद्यार्थी बड़ा होता है और उसे करियर के अनेक विकल्पों के बारे में पता लगता है, तो वह असमंजस की स्थिति में पड़ जाता है । जिसके चलते कई बार उन्हें अपने करियर का चयन करना काफी मुश्किल भरा कार्य लगने लगता है।

इतना ही नहीं, विभिन्न करियर क्षेत्र को लेकर उनके मन में कई तरह के प्रश्न भी उठने लगते हैं , जैसे कि – किस तरह से वह अपने करियर में आगे बढ़ सकते हैं ? या कौन सा विषय उन्हें आगे लेकर चलना चाहिए ?   साथ ही किस क्षेत्र में उन्हें उत्तम भविष्य की  संभावनाएं देखने को मिलेंगी ?आदि आदि … 

विद्यार्थियों के इसी समस्या का समाधान एजुकेशन काउंसलिंग  के माध्यम से की जाती है। एजुकेशन काउंसलर उन्हें उनकी रूचि, योग्यता और क्षमता के आधार पर उचित विषय चुनने में मदद करते हैं, ताकि वह अपने जीवन में अपेक्षित ऊंचाई को प्राप्त कर सकें और अपना अच्छा करियर निर्माण कर सकें। 

इस लेख में हम आपको एजुकेशनल काउंसलिंग क्या है और इसकी उपयोगिता के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं।  

educational counselling and its benefits and necessity in hindi

Educational Counselling क्या है?

कई विद्यार्थी ऐसे होते हैं, जिन्हें 10वीं के बाद इस बात का निर्धारण करने में कठिनाई होती हैं कि आगे उन्हें किस विषय का चुनाव करना है, या करियर के लिहाज से कौन सा क्षेत्र उनके लिए उपयुक्त रहेगा? इस प्रश्न का उत्तर  एजुकेशन काउंसलिंग के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। 

ऐसे में, विद्यार्थियों के करियर संबंधी लक्ष्य निर्धारण के लिए एजुकेशन काउंसलिंग आवश्यक हो जाता है। काउंसलिंग की मदद से किसी भी बच्चे की रुचि और भविष्य को लेकर उसकी योजनाओं को पहले  समझा जाता है फिर उनका समुचित विश्लेषण करके बच्चें को सही निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया जाता है । 

एजुकेशन काउंसलिंग का आयोजन मुख्य रूप से स्कूल और कॉलेज में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए ही किया जाता है। जिसके लिए स्कूल या कॉलेज स्तर पर बाकायदा एजुकेशन काउंसलर की नियुक्ति की जाती है। 

जो विद्यार्थियों की रुचिनुसार कोर्स, स्ट्रीम, कॉलेज और करियर विकल्प आदि का चुनाव करने में उनकी मदद करते हैं। साथ ही एजुकेशन काउंसलिंग के अंतर्गत किसी भी विद्यार्थी को यह विश्वास दिलाया जाता है कि वह श्रेष्ठ  है और उसको अपनी रूचिनुसार ही करियर का विकल्प तलाशना चाहिए। 

एजुकेशन काउंसलिंग Educational Counselling के प्रकार

एजुकेशन काउंसलिंग को कितने भागों में बांटा गया है?

एजुकेशन काउंसलिंग को मुख्यतः तीन भागों में बांटा गया है :

1. शैक्षिक परामर्श 

शैक्षिक परामर्श और मार्गदर्शन एजुकेशन काउंसलिंग का एक ऐसा भाग है, जिसमें हाईस्कूल पास करने वाले विद्यार्थियों को 12वीं की शिक्षा प्राप्त करने के लिए सही स्ट्रीम (कला, विज्ञान, कॉमर्स, मानविकी, प्रौद्योगिकी) आदि की जानकारी दी जाती है। 

इसके लिए एजुकेशन काउंसलर विशेष रूप से विद्यालयों में रखे जाते हैं।  जहां एजुकेशन काउंसलर द्वारा विद्यार्थी की रुचि को ध्यान में रखकर उसे आवश्यक और उचित शैक्षिक परामर्श दिया जाता है।

2. व्यवसायिक परामर्श

व्यवसायिक परामर्श को अंग्रेजी में वोकेशनल काउंसलिंग भी कहा जाता है। इसके अंतर्गत जो व्यक्ति जिस उद्योग व कार्यक्षेत्र में काम करने का इच्छुक होता है, जिस क्षेत्र में जाना चाहता है उसे उसी उद्योग व क्षेत्र से संबंधित तथ्यों उसके हितों और मांगों की जानकारी दी जाती है। 

वोकेशनल काउंसलिंग एक ऐसी काउंसलिंग है जिसमें किसी भी व्यक्ति को उसकी रूचि के अनुसार सही नौकरी करने  व व्यवसाय चलाने/करने का परामर्श दिया जाता है।

3. करियर परामर्श

यह ऊपर बताए गए दोनों प्रकार के counselling का एकीकृत रूप है । करियर परामर्श, के अंतर्गत व्यावसायिक पेशेवरों एवं विद्यार्थियों दोनों ही को उचित मार्गदर्शन देने का कार्य किया जाता है । उनकी सही मेंटेरींग की जाती  है ताकि वो अपने लक्ष्य प्राप्ति के विभिन्न चरणों को  आसानी से प्राप्त कर सकें । 

एजुकेशन काउंसलिंग का महत्व

वैसे तो काउंसलिंग का महत्व हमेशा से रहा है लेकिन वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र में एजुकेशन काउंसलिंग का विशेष महत्व है। एजुकेशन काउंसलिंग के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा और करियर से जुड़े समस्त  प्रश्नों का हल मिल जाता है। उचित मार्गदर्शन भी मिल जाता है । 

अर्थात् जब कोई विद्यार्थी अपने करियर का उचित चुनाव करने में कठिनाई महसूस करता है, या उसे पढ़ाई के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या आ रही होती है। तब एजुकेशन काउंसलिंग की मदद से उस विद्यार्थी को संबंधित समस्या से निजात दिलाया जाता है। 

इस प्रकार एजुकेशन काउंसलिंग विद्यार्थियों को एक गुरु की भांति करियर की राहों में आने वाली चुनौतियों से लड़ना सिखाती है। साथ ही विद्यार्थी को उज्ज्वल भविष्य की ओर प्रोत्साहित करती है।

  • एजुकेशन काउंसलिंग के जरिए आपको पढ़ाई में मदद मिलती है। इसके साथ ही भविष्य में आप जिस भी क्षेत्र में जाना चाहते हैं, उसके विषय में भी आपको जानकारी मिलती है।
  • एजुकेशन काउंसलिंग आपको आपकी शैक्षिक और आवश्यक योग्यताओं के आधार पर करियर विकल्प चुनने में मदद करती है।
  • एजुकेशन काउंसलिंग के जरिए विद्यार्थियों को उनके बजट के मुताबिक ही शैक्षिक विकल्प  चुनने की राय प्रदान की जाती है।
  • एजुकेशन काउंसलिंग के माध्यम से विद्यार्थी को हायर एजुकेशन कैसे प्राप्त करनी है या आगे शिक्षा को जारी रखने के लिए उचित मार्गदर्शन दिया जाता है।
  • एजुकेशन काउंसलिंग विद्यार्थी के जीवन में एक मेंटर के रूप में कार्य करती है। इसके जरिए आपको इंटरव्यू या विभिन्न परीक्षाओं आदि की तैयारियां भी कराई जाती हैं । 

एजुकेशन काउंसलिंग Educational Counselling से लाभ

एजुकेशन काउंसलिंग के माध्यम से विद्यार्थी को कई लाभ प्राप्त होते हैं।

  1. शैक्षणिक द्देश्यों की पूर्ति होना।
  2. आत्मनिरीक्षण की भावना का विकास होना।
  3. स्पष्ट लक्ष्य निर्धारण  होना ।
  4. अपनी पसंद और रुचि के मुताबिक करियर विकल्प चुनना।
  5. उच्च शिक्षा के लिए मार्गदर्शन मिलना।
  6. भविष्य के लिए अनुकूल एवं सर्वोत्तम अवसर प्राप्त करना।
  7. अपनी शक्तियों, कमजोरियां और योग्यताओं की समझ विकसित होना।
  8. करियर संबंधी तनाव और भविष्य में क्या करना है की चिंता से मुक्ति 
  9. विषयों के चुनाव आदि को लेकर असमंजस का दूर होना।
  10. आत्मविश्वास में वृद्धि होना।

एजुकेशन काउंसलर कौन होते हैं और यह कैसे बन सकते हैं?

एजुकेशन काउंसलिंग Educational Counselling के दरमियान जो व्यक्ति विद्यार्थियों को उनके संभावित लक्ष्य निर्धारण और प्राप्ति संबंधी योजनाओं को तैयार करने में उनकी मदद करता है उसे हम एजुकेशन काउंसलर के नाम से जानते हैं।  ऐसे में छात्रों के जीवन और स्वर्णिम भविष्य निर्माण में एजुकेशन काउंसलर की भूमिका बहुत अहम हो जाती है ।  

यदि आप एजुकेशन काउंसिल बनना चाहते हैं तो आपको 12वीं कक्षा में समाजशास्त्र और मनोविज्ञान जैसे विषयों का अध्ययन करना पड़ेगा उसके बाद नहीं विषयों से आगे की पढ़ाई ( उसके बाद स्नातक स्तर पर भी आपको इन्हीं विषयों से पढ़ाई करनी होती है। आप चाहे तो इसके बाद मनोविज्ञान में डॉक्टरेट या पीएचडी की पढ़ाई भी कर सकते हैं। ) करनी होगी। हालांकि अब 12वी और स्नातक के बाद कई तरह की शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध है, जिसमें आपको शिक्षक बनने के साथ काउंसलर बनने का भी ज्ञान दिया जाता है, ताकि आप विद्यार्थी को पूर्ण तरीके से समझकर उसे उचित मार्गदर्शन दे सकें।  जिन्हें करने के बाद आप इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं।। 

आजकल बीएड, बीटीसी, एनटीटी आदि शिक्षण कोर्सेज के दौरान काउंसलर बनने की भी ट्रेनिंग दी जाती है। 

जिसके बाद आप किसी भी शिक्षण संस्थान में बतौर काउंसलर भी नियुक्त हो सकते है । हालांकि एजुकेशन काउंसलर बनने के लिए अभी तक कोई ऐसा स्पेशल कोर्स नहीं है, लेकिन इसके बावजूद आप निम्नलिखित विश्वविद्यालयों से मनोविज्ञान sociology सहित अन्य ऐसे विषय जिसमें आपको मानवीय भावनाओं और मनोवृति को समझने में मदद मिलती हो की पढ़ाई कर के एजुकेशन काउंसलर बनने के सफर में आगे बढ़ सकते हैं। – 

प्रमुख विश्वविद्यालय की सूची :- 

1. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, बनारस

2. दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली

3. जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय, दिल्ली 

4. क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर

5. टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, मुंबई

6. नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन एंड रिसर्च ट्रेनिंग, नई दिल्ली

7. एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा

8. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली

9. महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक

10. पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़

आप उपरोक्त शिक्षण संस्थानों से एजुकेशन काउंसलर बनने के लिए एजुकेशन काउंसलिंग, साइकोलॉजी में बीए/बीएससी/एमए/एमएससी/पीजी डिप्लोमा/डिग्री हासिल कर सकते हैं।

आपके प्रश्न हमारे उत्तर

एजुकेशन काउंसलिंग क्या होती है?

एजुकेशन काउंसेलिंग educational counselling में  एक एजुकेशन काउंसलर विद्यार्थियों को उनके करियर संबंधी लक्ष्य का निर्धारण कर के सही पाठ्यक्रम और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों के बारे में आवश्यक सलाह देता है। 
एजुकेशन काउंसलर किसी भी विद्यार्थी के स्वर्णिम भविष्य के लिए एक अच्छी कार्य योजना तैयार करने में उस विद्यार्थी की मदद करता है। इसके लिए वह स्कूल का चयन एवं समायोजन से लेकर पाठ्यक्रम निर्धारण कक्षा निर्धारण सहित अन्य गतिविधियों में विद्यार्थी को परामर्श देता है। इसके अतिरिक्त विद्यार्थी को सामाजिक व्यवहारिक और व्यक्तिगत समस्याओं से बाहर निकलने में भी मदद करता है। 

educational counselling की शिक्षा के क्षेत्र में क्या उपयोगिता है?

इसके माध्यम से विद्यार्थियों को अपने लिए उचित करियर का चुनाव करते समय आने वाली परेशानियों का हल मिल जाता है। साथ ही यह एजुकेशन काउंसलिंग(educational counselling) विद्यार्थियों के आत्मविश्वास को बढ़ाकर उसे लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। 

एजुकेशन काउंसलर कौन होते हैं?

एजुकेशन काउंसलर एक तरह से विद्यार्थी के लिए मेंटर का काम करते है, जोकि उन्हें करियर या शिक्षा संबंधी सहित अन्य समस्याओं पर उचित परामर्श और मार्गदर्शन देते हैं। स्कूल और कॉलेज स्तर पर एजुकेशन काउंसलर की भर्तियां की जाती हैं, जो कि किसी शिक्षक से कम नहीं होते है। वह विद्यार्थी की मनोस्थिति को समझकर उसे करियर या विषय संबधी उचित सलाह और सुझाव  देते हैं।

उम्मीद है आपको educational counselling से संबंधित यह लेख ज्ञानवर्धक लगा होगा । इसमें संसोधन हेतु सुझाव या इस पर अपने कोई अन्य विचार नीचे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से लिख कर जरूर भेजें । इस लेख को अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल्स पर शेयर भी करे क्योंकि Sharing is Caring !

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विचारक्रान्ति के लिए – अंशिका जौहरी

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