इस आर्टिकल में हमने दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय खेलों में से एक शतरंज के नियमों (chess rules in Hindi ) के बारे में बताया है । इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के उपरांत आपको शतरंज खेल की शुरुआत , शतरंज के कुछ नियम , अलग अलग मोहरों की चाल और चेस बोर्ड पर मोहरों को कैसे लगाना है ? के अलावा कैसे ड्रॉ होता है यह खेल सहित अन्य चीजों की जानकारी मिलेगी ।
यदि आप चेस कैसे खेलते हैं ? सहित शतरंज के बारे में प्रारम्भिक स्तर की जानकारी चाहते हैं तो इस पोस्ट को पढ़ना जारी रख सकते हैं अन्यथा विचारक्रांति डॉट कॉम के ही अपने अन्य पोस्ट को पढ़ सकते हैं , जिसका लिंक आपको थोड़ा नीचे भी मिल जाएगा ।
मित्र ! खेलकूद एक स्वस्थ और मनोरंजक जीवन के लिए बहुत आवश्यक है । व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य आपस में संबद्ध हैं और खेल हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है । दुनियाँ में कई तरह के खेल हैं । खेल से जहां आदमी तन से मजबूत बनता है वहीं मन की मजबूती के लिए भी खेल आवश्यक है ।
खेल को सामान्य रूप से हम दो भागों में बांटते हैं – पहला इनडोर गेम और दूसरा आउटडोर गेम | इनडोर गेम यानि कि ऐसे खेल जो घर के अंदर चाहरदीवारी में , घर में बैठ कर खेला जाता है और आउटडोर गेम खेला जाता है मैदान में खुले आसमान के नीचे ।
घर के अंदर खेले जाने वाले खेलों में शतरंज और लूडो बहुत प्रसिद्ध है । यदि आपने पहले वाली चंद्रकांता धारावाहिक देखी हो तो इसमें पंडित जगन्नाथ , जो खेल खेलता रहता है रमल का खेल …! समझ लीजिये शतरंज भी कुछ इसी तरह का खेल है ।
शतरंज की शुरुआत : –
Topic Index
- 1 शतरंज की शुरुआत : –
- 2 शतरंज खेल के नियम -Chess rules in Hindi
- 3 Chess Rules FAQ
- 3.1 शतरंज की उत्पत्ति कहाँ हई थी ?
- 3.2 शतरंज के खेल में कौन पहले चलता है ?
- 3.3 क्या एक बार में एक से अधिक मोहरे चाल चल सकते हैं ?
- 3.4 सबसे महत्वपूर्ण मोहरा कौन सा है ?
- 3.5 शतरंज के बोर्ड में कुल कितने घर होते हैं ?
- 3.6 शतरंज में कुल कितने मोहरे होते हैं ?
- 3.7 शतरंज के इतिहास में सबसे लंबा खेल कौन सा खेला गया था ?
शतरंज की उत्पत्ति के बारे में एक सर्वमान्य धारणा यही है कि इसकी उत्पत्ति भारत में ही हुई थी । ऐसा माना जाता है कि भारत में गुप्त साम्राज्य के समय शतरंज जैसा ही कोई खेल खेला जाता था । गुप्त साम्राज्य के समय 280-250 BC में इस तरह के कुछ साक्ष्य मिले हैं । 1200 ईस्वी में इस खेल को दक्षिण यूरोप में भी खेला जाने लगा।
इस खेल की उत्पत्ति को कुछ लोग त्रेता युग से भी जोड़ कर देखते हैं । कहा जाता है कि पंच कन्याओं में से एक मंदोदरी ने अपने पति रावण को अपने समीप रखने के लिए इस खेल का आविष्कार किया था ।
पहले इस खेल का नाम चतुरंग था जो कालांतर में पारसियों के भारत आगमन के पश्चात परिवर्तित होकर शतरंज हो गया । लेकिन आधुनिक शतरंज का रूप जिसे पूरी दुनिया में स्वीकार्यता मिली है उन नियमों को बनाने में यूरोप का बहुत बड़ा हाथ है ।
सन 1475 में यूरोप में इस खेल में काफी बड़े बदलाव किए गए , अधिकांश नियम जो आज हम मानते हैं जिसके तहत आज ये खेल खेला जाता है ये सभी उसी समय के ही हैं । इन बदले हुए नियमों को सबसे पहले इटली और स्पेन ने माना | और कमोबेश आधुनिक शतरंज के नियम वहीं हैं। जो वहाँ निर्धारित किए गए थे ।
आज शतरंज के नियमों को नियमित / regulate करने के लिए के लिए Federation Internationale Des Echecs या अंतरराष्ट्रीय शतरंज संगठन (WCO) भी है । दुनिया भर में अनेकों शतरंज की प्रतियोगिताएं होती हैं और शतरंज के खिलाड़ियों का बड़ा ही नाम और fanbase भी है।
शतरंज खेल के नियम -Chess rules in Hindi
शतरंज में दो खिलाड़ी होते हैं । इन दोनों खिलाड़ियों का लक्ष्य होता है अपने प्रतिद्वंदी या अपने दूसरे साथी खिलाड़ी के राजा को बंदी बनाना,मारना ।
कुल कितने मोहरे होते हैं
इस खेल में कुल 32 मोहरें होते हैं , प्रत्येक खिलाड़ी के पास सोलह-सोलह । इन मोहरों को हम लोग साधारण बोलचाल की भाषा में गोटियाँ कहते हैं । शतरंज के मोहरों को अंग्रेज़ी में Piece कहते हैं । इस खेल में प्रत्येक खिलाड़ी के पास कुल 16 मोहरे होते हैं जिनकी संख्या इस प्रकार है –
- राजा : -01
- रानी : -01
- हाथी : -02
- घोडा : -02
- ऊंट : -02
- प्यादा : -08
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मोहरों की चाल
शह और मात के इस खेल में ऊपर बताए गए हर एक मोहरे की चाल अलग होती है । आगे हम बात कर लेते हैं कि हरेक मोहरा कैसे चलता है ? उसकी चाल क्या होती है ?
प्यादा (Pawn)
प्यादा शतरंज में सबसे कमजोर मोहरा है लेकिन यह अग्रिम पंक्ति में होता है । प्रत्येक खिलाड़ी की ओर से सबसे पहले 8 प्यादे लगे होते हैं । ये अपने राजा को प्राथमिक स्तर की सुरक्षा देते हैं। प्यादा चलता सीधा है और हमला तिरछा करता है ।
ऊंट ( Bishop )
यह एक मजबूत मोहरा है लेकिन यह सिर्फ तीरछा चल सकता है । अपने प्रतिद्वंदी पर यह हमला भी तिरछा ही करता है । यानि काले घर में रहने वाला ऊंट सिर्फ काले घर में ही जा सकता है कोणा-कोणी ।
हाथी (Rook)
हाथी भी अपने पक्ष के लिए एक मजबूत मोहरा होता है । इसकी चाल सीधी है । सामने कहीं भी आ और जा सकता है और हमला भी कर सकता है ।
घोडा (knight)
घोड़ा या knight शतरंज में सबसे महत्वपूर्ण मोहरा है । इसकी चाल ही इसे खास बनाती है । ये ढाई घर चलता है । दो घर सीधे और एक दाहिने या बाएँ । यानि यह L आकार में चलता है । ये शतरंज का एक मात्र मोहरा है जो अपने आगे कोई दूसरा मोहरा होने पर भी उसके ऊपर से छलांग लगा कर आगे जा सकता है ।
रानी (Queen)
अमूमन हम लोग इसे मंत्री कहते हैं । ये शतरंज का सबसे शक्तिशाली मोहरा होता है | ये किसी भी दिशा में चल सकता है और कितनी दूर भी ! यह अपने विरोधी दल में जाकर कोहराम मचा सकता है ।
राजा ( King )
शतरंज की बिसात का सबसे महत्वपूर्ण मोहरा ,जिसे बचाने के लिए ही पूरा खेल खेला जाता है | राजा सबसे महत्वपूर्ण होने के साथ सबसे कमजोर भी होता है । यह सिर्फ एक घर चल सकता है किसी भी ओर |
कैसे सजाते हैं बोर्ड पर मोहरों को
शतरंज का बोर्ड या बिसात कुल 64 घरों (squares) का होता है 8×8 का । इसमें दोनों खिलाड़ियों के पास कुल 16 मोहरे होते हैं जिसे वो इस तरह से सजाते हैं | दोनों कोने पर हाथी उसके बाद घोड़ा फिर ऊंट और अंत में राजा रानी ।
यहाँ जो बात ध्यान रखने वाली है वो यह – कि सफेद रंग की रानी सफ़ेद घर में और काले रंग की रानी/ मंत्री काले घर में रहती है। दूसरी पंक्ति के सभी घरों में प्यादे सजाये जाते हैं ।
शतरंज में प्रत्येक खिलाड़ी का लक्ष्य होता है – सामने वाले राजा को कैद करना और उसको चेकमेट करना । अतःराजा बहुत अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है । उसको बचाने के लिए ही पूरा ताम-झाम किया जाता है । इसके लिए किलेबंदी के अलग-अलग तरीके अपनाए जाते हैं ।
शतरंज में खेल समाप्त कैसे होता है
किसी भी खेल में स्पष्ट जीत और हार के साथ खेल समाप्त हो जाता है, तो ये बात यहाँ भी लागू होती है। इसके अलावा दोनों खिलाड़ी किसी की भी स्पष्ट बढ़त नहीं देख कर खेल को ड्रा घोषित कर सकते हैं। कोई खिलाड़ी खेलना बीच में ही छोड़ना चाहे उस स्थिति में भी खेल समाप्त माना जाता है ।
शतरंज में खेल ड्रॉ कैसे होता है ?
किसी भी खेल में जब दोनों में से किसी पक्ष के पास निर्णायक बढ़त नहीं हो, तो खेल ड्रॉ हो जाता है । शतरंज में भी खेल के ड्रॉ होने का प्रावधान और नियम (chess rules in Hindi) है । इसके लिए दोनों खिलाड़ियों का इस बात के लिए राजी होना बहुत आवश्यक है । खेल ड्रॉ होने के लिए कुछ निर्धारित नियम हैं जो इस प्रकार से हैं –
- पहला तो यह कि दोनों खिलाड़ी सहमत हो जाय ।
- खेल को निर्णायक मोड़ तक ले जाने के लिए पर्याप्त मोहरें नहीं हो।
- एक ही स्थिति 3 बार उत्पन्न हो जाय | ऐसा कोई लगातार होना आवश्यक नहीं है ।
- दोनों खिलाड़ियों को मिला कर कुल 50 चालें ऐसी हो जिसमें न तो कोई प्यादा चला हो न ही कोई अन्य मोहरा मारा गया हो । यदि ऊपर बताई गयी बातें सही हो जाय, तो फिर शतरंज की बाजी को ड्रॉ घोषित कर दिया जाता है ।
Chess Rules FAQ
शतरंज की उत्पत्ति कहाँ हई थी ?
शतरंज की उत्पत्ति भारत में हुई थी ।
शतरंज के खेल में कौन पहले चलता है ?
सफेद मोहरों वाला खिलाड़ी पहले चलता है
क्या एक बार में एक से अधिक मोहरे चाल चल सकते हैं ?
ऐसा पहले चाल में तो हो सकता है लेकिन एक बार खेल शुरू होने पर एक मोहरा सिर्फ एक चाल चाल सकता है ।
सबसे महत्वपूर्ण मोहरा कौन सा है ?
शतरंज के खेल में राजा सबसे महत्वपूर्ण मोहरा होता है । राजा खतम तो खेल भी खत्म ! और प्रत्येक खिलाड़ी का प्रयास अपने राजा को बचाने और दूसरे राजा को कैद करने का होता है ।
शतरंज के बोर्ड में कुल कितने घर होते हैं ?
शतरंज के बोर्ड में कुल 64 घर या खाने या Square होते हैं ।
शतरंज में कुल कितने मोहरे होते हैं ?
शतरंज में कुल 32 मोहरे होते हैं प्रत्येक खिलाड़ी के पास सोलह सोलह
शतरंज के इतिहास में सबसे लंबा खेल कौन सा खेला गया था ?
शतरंज के इतिहास में सबसे लंबा खेल 1989 में निकोलिक और आरसोविक के बीच (Nikolić vs Arsović) सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में खेला गया , यह कुल 20 घंटे 15 मिनट चली थी ।
हमें पूरा विश्वास है कि हमारा यह लेख – जिसमें हमने शतरंज के नियम(Chess rules in Hindi) को हिन्दी में समझाने का प्रयास किया है आपको अच्छा लगा होगा । यदि कोई कमी आपको नजर आयी हो तो कृपया उसकी जानकारी सहित अपने अन्य विचारों को नीचे कमेन्ट बॉक्स में लिख कर हमारा मार्गदर्शन करें ।
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संदर्भ : विकिपिडिया सहित विविध स्त्रोत ।