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इतिहास में करियर | career options in history

Written by-VicharKranti Editorial Team

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इस करियर लेख ” career options in history अथवा इतिहास विषय में करियर ” में हमने इतिहास विषय का महत्व एवं इतिहास विषय की पढ़ाई करने के उपरांत उपलब्ध होने वाले करियर विकल्पों के बारे में चर्चा की है । यदि आप को इतिहास से प्रेम और ऐतिहासिक तथ्यों के बारे में जानने में आनंद आता है तो यह लेख आपके लिए काफी उपयोगी होने वाला है ।

इतिहास से तात्पर्य किसी भी व्यक्ति और समाज के अतीत के बारे में जानने से है। अर्थात् यदि आप भी किसी समाज से जुड़ी सभ्यता या संस्कृति के प्राचीन दौर के बारे में जानने की उत्सुकता रखते हैं, तो आप भी इतिहास को एक विषय के तौर पर पढ़कर इसमें अपने करियर की बेहतरीन संभावनाएं तलाश सकते हैं।

इसके लिए आपको 12वीं या स्नातक स्तर पर इतिहास को अपना प्राथमिक विषय चुनना होगा। जिसके बाद ही आप इतिहास का अध्ययन करके अपने करियर को नई दिशा दे सकते हैं। ऐसे में यह लेख ”इतिहास विषय में करियर” आपके लिए अति महत्वपूर्ण होने वाला है । इस लेख में हमने इतिहास से जुड़े करियर के बारे में सारे प्रश्नों का जवाब देने की कोशिश की है । चलिए जानते हैं इतिहास के महत्व एवं इसमें करियर से संबंधित विभिन्न तथ्यों को ।

करियर का महत्व क्या है ?

इतिहास विषय को पढ़ने के बाद आप केवल किसी समाज या सभ्यता के सामाजिक स्तर को ही नहीं, अपितु आर्थिक, राजनैतिक और धार्मिक पहलू को भी जान लेते हैं। जिससे जहां एक तरफ आप उसके प्राचीन दौर से रूबरू होते हैं, वहीं आने वाली पीढ़ी भी आपके ज्ञान से मार्गदर्शित होती है।

हालांकि इतिहास विषय को पढ़ने वाले कितने ही विद्यार्थियों को इससे जुड़े विभिन्न करियर विकल्पों का ज्ञान ही नहीं होता है। ऐसे में वह केवल इसे एक विषय के तौर पर पढ़कर ही रह जाते हैं। जबकि इतिहास पढ़ने के बाद आप बतौर आर्कियोलॉजिस्ट, इतिहासकार, म्युजियोलॉजिस्ट और शोधकर्ता आदि बनकर अपने करियर की अच्छी शुरुआत कर सकते हैं।

मुख्य कार्य एवं नौकरी प्राप्त करने के अवसर

एक इतिहास के निष्णात विद्यार्थी व इतिहासकार के तौर पर आप भारत सरकार के आर्कियोलॉजिकल विभाग में पुरातत्व संबंधी शोध, खुदाई या प्राचीन स्मारकों के संरक्षण इत्यादि काम कर सकते हैं। इसके साथ ही आप टूरिस्ट गाइड बनकर भी अपने करियर को नई दिशा दे सकते हैं। बड़े-बड़े शिक्षण संस्थानों में आप इतिहास के जानकर के तौर पर स्थाई या गेस्ट लेक्चरर बनकर भीअपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं।

इसके अलावा, इतिहास पढ़ने के बाद आपको लाइब्रेरी, शोध संस्थान, हिस्टोरिक सोसाइटीज, इंटरनेशनल हिस्ट्री आर्गेनाइजेशन, नेशनल पार्क, नेशनल म्यूजियम, ऑक्शन हाउस (नीलामी घर), क्यूरेटर (संग्रहालय), आर्काइव्स (पुराने दस्तावेज) ,प्राचीन मुद्रा संरक्षण आदि कार्यक्षेत्र में भी तरक्की के अवसर प्राप्त हो सकते हैं।

इसके अलावा, इतिहास का अध्ययन करने के बाद आपको केवल किसी प्राचीन घटना के विषय में ही जानकारी प्राप्त नहीं होती है, बल्कि आगामी भविष्य के लिए योजनाएं भी पुराने शोध और तथ्यों के आधार पर ही तैयार की जाती है।

ऐसे में इतिहास के जानकर फिर चाहे वह शोधार्थी, पुरातत्वविद, पुरालेख ज्ञाता और मुद्रा विशेषज्ञ ही क्यों ना हो? वह वर्तमान पीढ़ी का परिचय प्राचीन सभ्यता, संस्कृति और जीवनशैली से कराते हैं।

इतना ही नहीं, वह प्राचीन स्मारकों या स्थानों से जुड़े चिह्नों, लिपियों, मुद्रा, खुदाई में प्राप्त वस्तुओं, सिक्कों, मुहरों, प्राचीन स्थान, पुरालेख संबंधी दस्तावेज आदि लोगों के सामने लाकर रखते हैं। जिसे जानना किसी भी व्यक्ति के सामाजिक और बौद्धिक विकास के लिए आवश्यक होता है।

इस प्रकार, एक इतिहासकार ही समाज की भावी पीढ़ी को उसके प्राचीन समय से अवगत कराता है। जिससे उसे समाज को विकास के रास्ते पर आगे ले जाने की प्रेरणा भी मिलती है।

प्रमुख कोर्स और परीक्षाएं

career options in history आगे पढिए प्रमुख कोर्स एवं परीक्षा के बारे में । अगर इतिहास में आपकी दिलचस्पी है और आप इतिहास विषय को गंभीरता से पढ़ना चाहते हैं। तो 12वीं कक्षा या स्नातक के बाद निम्न कोर्सेज कर सकते हैं।

  • बैचलर/ मास्टर डिग्री इन हिस्ट्री
  • बैचलर/ मास्टर डिग्री इन मॉडर्न हिस्ट्री/ एंसिएंट हिस्ट्री/ मिडिल हिस्ट्री
  • एमएससी इन ग्लोबल हिस्ट्री/ इकोनॉमिक हिस्ट्री
  • बैचलर/ मास्टर डिग्री इन हिस्ट्री (ऑनर्स)
  • एमफिल या पीएचडी इन हिस्ट्री

उपरोक्त कोर्स की अवधि 2 से लेकर 3 साल तक होती है। इसके अलावा आप इतिहास विषय की पढ़ाई करने के लिए 6 महीने या 1 साल के शॉर्ट टर्म कोर्सेज में भी प्रवेश ले सकते हैं। जिन कोर्सेज को कई सारे शिक्षण संस्थान हिस्ट्री मैनेजमेंट के तहत संचालित करते हैं। जिनमें निम्न हैं:-

शॉर्ट टर्म कोर्स

  • मैन्युस्क्रिप्ट्स एंड आर्काइव्स
  • हैरिटेज मैनेजमेंट
  • केयर एंड कंजरवेशन ऑफ बुक्स
  • रिकॉर्ड मैनेजमेंट
  • सर्विस एंड रिपेयर ऑफ रिकॉर्ड्स
  • पीजी डिप्लोमा इन आर्कियालॉजी
  • यूजी/ पीजी डिप्लोमा इन आर्काइव कीपिंग
  • डिप्लोमा इन म्यूजियॉलॉजी/
  • संग्रहालय विज्ञान में डिप्लोमा
  • कलाकृति या पुरालेख में डिप्लोमा

प्रमुख कॉलेज

एक बार जब अपने निर्णय ले लिया कि आपको इतिहास विषय को गंभीरता से पढ़ना है और इतिहास विषय में ही अपना कैरियर बनाना है तो आप इतिहास की स्नातक एवं परास्नातक स्तर की पढ़ाई अपने इलाके के किसी भी प्रतिष्ठित कॉलेज से कर सकते हैं।

इसके अलावा देश के कुछ प्रसिद्ध संस्थान जहां से इतिहास विषय का अध्ययन करना आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है,की संक्षिप्त सूची नीचे दी गई है ।

  • दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
  • जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली
  • अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
  • जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, दिल्ली
  • बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, बनारस
  • कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र
  • इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज
  • लेडी श्री राम कॉलेज, दिल्ली
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली
  • हिंदू कॉलेज, दिल्ली

विशेषज्ञता प्राप्त करने के अवसर

उपरोक्त विषय या क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए आप निम्न संस्थानों के साथ शिक्षण या प्रशिक्षण के आधार पर जुड़कर इतिहास विषय में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।

  • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, दिल्ली
  • राष्ट्रीय संग्रहालय कला इतिहास प्रशिक्षण व संग्रहालय विज्ञान संस्थान, दिल्ली
  • राष्ट्रीय अभिलेखागार, दिल्ली

हालांकि इतिहास विषय पढ़ने के बाद उसको व्यावहारिकता में उतारना इतना आसान काम नहीं है। इसके लिए आपको अधिक गंभीर खोजकर्ता, श्रमशील और अध्ययनरत होने की आवश्यकता होती है। साथ ही इस क्षेत्र में शोध करना अपेक्षाकृत काफी जटिल कार्य होता है । जिसके लिए आपको प्राचीन लिपियों और चिह्नों को भी समझने की आवश्यकता पड़ती है, और कई बार नए स्थानों पर जाकर अनेक जोखिम भी उठने पड़ते हैं।

इतिहासकार अथवा इतिहास के विशेषज्ञ के रूप में आप अपने करियर में इन पदों पर पहुँच कर अपने आप को एक नई पहचान दे सकते हैं । एक इतिहास के विद्यार्थी के लिए कुछ अतिमहत्वपूर्ण पद हैं-

  • अक्रियोलॉजिस्ट (पुरातत्वविद):- प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के अध्ययन और शोधकर्ता।
  • म्युजियोलॉजिस्ट :- म्यूजियम में शोध और प्रशासनिक कार्य करना।
  • पुरालेखशास्त्री :- प्राचीन लिखावट या लेखों के संग्रहकर्ता।

चलिए इस लेख career options in history में आगे जानते हैं पढ़ाई वाले खर्च एवं नौकरी और नियुक्तियों के बाद मिलने वाले सैलरी के बारे मे ।

पढ़ाई में आने वाली खर्च का विवरण

12वीं के बाद अगर आप इतिहास में स्नातक की डिग्री लेना चाहते हैं या स्नातक के बाद इतिहास विषय में ही परस्नातक करना चाहते हैं। तो यदि आप सरकारी संस्थान की अपेक्षा निजी संस्थान का रुख करते हैं, तो आपको सरकारी की तुलना में वहां दुगनी फीस जमा करनी पड़ती है। जबकि सरकारी संस्थान में आपको प्रवेश परीक्षा या मेरिट के आधार पर स्नातक में प्रवेश मिलता है। जोकि निजी संस्थानों से काफी सस्ता पड़ता है।

सैलरी

हर क्षेत्र की तरह इस क्षेत्र में भी आपको अनुभव के आधार पर प्रोनत्ति और आर्थिक लाभ मिलता है। यहां करियर के शुरुआती दौर में आपको थोड़ा काम सीखकर आगे बढ़ना होता है। जिसमें आपको आरंभिक दिनों में हजारों रुपए बतौर सैलरी मिलते हैं। जबकि किसी बड़े शिक्षण संस्थान या इतिहासकार के तौर पर स्थापित होने के बाद आपको अवश्य ही सम्मान और अच्छी सैलरी प्राप्त होती है।

आशा करते हैं कि आपको इस लेख career options in history अथवा इतिहास में करियर से आपकी जिज्ञासाओं का हल आपको मिल गया होगा । ऐसे ही ज्ञानवर्धक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट- vichar kranti . com वापस आकर अन्य ज्ञानवर्धक लेख पढ़ते रहिए ।

बने रहिये Vichar Kranti.Com के साथ । अपना बहुमूल्य समय देकर लेख पढ़ने के लिए आभार ! आने वाला समय आपके जीवन में शुभ हो ! फिर मुलाकात होगी किसी नए आर्टिकल में ..

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विचारक्रान्ति के लिए – अंशिका

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