इस लेख career in geography में जानेंगे ज्योग्राफी की पढ़ाई और करियर संभावनाओं के बारे में । यदि आप भूगोल पढ़ने में रुचि लेते हैं और इसी विषय में आगे अपना भविष्य निर्माण करना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए उपयोगी होने वाला है ।
भूगोल के अंतर्गत पृथ्वी और उससे जुड़ी समस्त भौगोलिक परिस्थितियों का अध्ययन किया जाता है। साथ ही इसके माध्यम से हमें ब्रह्मांड की उत्पत्ति और उसकी संरचना के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है। ऐसे में यदि आपको भी पृथ्वी की भौतिक विशेषताओं के बारे में जानना है, तो आप भूगोल विषय में रुचि ले सकते हैं। इसे अंग्रेजी में जियोग्राफी कहा जाता है। जिसको पढ़कर आप अपने करियर को एक नई दिशा दे सकते हैं। ऐसे में हमारे आज के इस लेख में हम आपको ”भूगोल विषय में करियर” के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। जोकि आपके लिए अवश्य ही ज्ञानवर्धक साबित होगा।
करियर का महत्व क्या है
Topic Index
वैसे तो भूगोल की पढ़ाई कक्षा छः से ही आरंभ हो जाती है। लेकिन इसमें करियर के विकल्प आपको 12वीं के बाद प्राप्त होते हैं। भूगोल विषय के माध्यम से ही हमें किसी भी समाज की भौगोलिक स्थिति के बारे में पता लगता है। साथ ही अलग-अलग प्रकार के मौसम की जानकारी भी हमें भूगोल विषय के माध्यम से ही प्राप्त होती है। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी यह विषय अहम भूमिका निभाता है।
भूगोल विषय का अध्ययन करने के बाद आपको ना केवल ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में पता चलता है। बल्कि आप धरती की सतह पर पाए जाने वाले विभिन्न तत्वों के बारे में भी गहन जानकारी हासिल कर लेते हैं। यही कारण है कि वर्तमान में सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अधिकांश अभ्यर्थियों के द्वारा भूगोल को वैकल्पिक विषय के तौर पर चुना जा रहा है। जोकि कहीं ना कहीं इस विषय के माध्यम से प्राप्त हो रही पर्यावरणीय और भौगोलिक जानकारियों के कारण ही संभव हो पाया है।
आवश्यक योग्यता
भूगोल विषय से पढ़ाई करने या इसमें करियर के मौके पाने के लिए आपको 12वीं के बाद स्नातक और परास्नातक के दौरान भूगोल को अपने मुख्य विषय के रूप में वरीयता देनी होगी। तभी आप इसमें अपने करियर की अच्छी संभावनाएं तलाश सकते हैं।
इसके अलावा, भूगोल विषय में करियर बनाने के लिए आपमें कलात्मकता का भी विशेष गुण होना चाहिए। आपकी गणितीय सिद्धांतों, मानचित्र और आंकड़ों पर भी बेहतर पकड़ होनी चाहिए।
साथ ही आपको विश्व के आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक पहलुओं की भी समझ होनी चाहिए। आपको आधुनिक तकनीक का भी अच्छा ज्ञान होना चाहिए, तभी आप तमाम तरह के सॉफ्टवेयर आदि का प्रयोग आसानी से कर सकेंगे। साथ में यह भी कहा जा सकता है कि आपकी शारीरिक और मानसिक दक्षता भी आपको इस क्षेत्र में आगे बढ़ा सकती है।
प्रमुख कोर्स और परीक्षाएं
अगर आप 12वीं या स्नातक के बाद भूगोल विषय की पढ़ाई करना चाहते हैं। तो आप निम्न कोर्स कर सकते हैं:-
1. Bachelor in geography
2. Bachelor of science (geography)
3. Masters in geography
4. Diploma in geomatics
5. Masters of science:-
5.1 geography
5.2 applied geography
5.3 geo infomatics
5.4 geography and tourism administration
5.5 Geographic infomatics science and system
6. Mphil in geography
7. PhD in geography/ geo magnetism
8. Post graduate diploma in geography
9. Post graduate diploma in GIS and remote sensing
10. Post graduate diploma in geo informatics/ disaster management
कोर्स के प्रकार और अवधि
ऊपर बताए गए समस्त कोर्सेज की अवधि लगभग 2 से लेकर 3 साल तक होती है। जिनमें दाखिला प्रवेश परीक्षा या मेरिट के आधार पर किया जाता है।
प्रमुख कॉलेज
उपरोक्त कोर्स या भूगोल की पढ़ाई आप निम्न कॉलेज या शिक्षण संस्थानों से कर सकते हैं:-
1. Banaras Hindu University, Varanasi
2. Jawahar Lal Nehru University, New Delhi
3. Delhi University, New Delhi
4. Aligarh Muslim University, Aligarh
5. Punjab University, chandigarh
6. Birla institute of technology, ranchi
7. Institute of geoinformatics and remote sensing, kolkata
8. Patna University, patna
9. Indian institute remote sensing, dehradun
10. MDS University, Ajmer
विशेषज्ञता प्राप्त करने के अवसर
जिस प्रकार से, धरती की भौगोलिक परिस्थितियों बदल रहीं हैं। ठीक उसी तरह से, प्राकृतिक असुंतलन भी बढ़ रहा है। जिसके चलते दुनिया भर की सरकारों द्वारा प्राकृतिक संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे में भूगोल विषय के जानकारों के लिए इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। जोकि सरकारी या प्राइवेट तौर पर जुड़कर इस दिशा में अपने ज्ञान के बल पर कई महत्वपूर्ण काम कर सकते हैं।
करियर विकल्प
भूगोल विषय में स्नातक, परास्नातक और पीएचडी करने के पश्चात् आपके पास करियर के निम्न विकल्प मौजूद होते हैं।
1. GIS specialist:- वर्तमान समय में GIS (geographic information system) के द्वारा प्राकृतिक आपदाओं समेत दुर्घटनाओं, प्रदूषण और बदलते तापमान की जानकारी आसानी से मिल जाती है। साथ ही इसके माध्यम से प्रदूषण के स्तर को भी नापा जा सकता है। जिसके लिए भूगोल विषय के जानकारों की आवश्यकता होती है, जोकि अपनी विशेषज्ञता और ज्ञान के आधार पर उपरोक्त बातों की जानकारी हासिल करते हैं।
2. Geographer:- हमारे देश में मृदा की गुणवत्ता, मौसम का पूर्वानुमान, प्रकृति में बदलाव, खेती उपयुक्त जलवायु और स्थान, जीव जंतुओं और पौधों के विषय में नई नई जानकरियां और आवश्यक तथ्य एक ज्योग्राफर के माध्यम से ही पता लगाए जाते हैं।
3. Management planner (urban or rural):- भूगोल विषय के जानकारों के लिए यह जानना काफी आसान होता है कि किसी शहर या स्थान के लिए प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग किस तरह से करना है? वहां प्रदूषण नियंत्रण के लिए किस प्रकार से इंतजाम करना है और उपरोक्त जगह की भीड़ को कैसे नियंत्रित या उनका रूट डायवर्सन करना है? एक ज्योग्राफर ही किसी शहर और गांव को विकसित करते समय ट्रैफिक, पार्क, भीड़-भाड़, प्रदूषण, प्राकृतिक संसाधनों का सदुपयोग इत्यादि जरूरी कार्यों पर अपनी राय सुझाता है।
4. Travel profession:- एक ज्योग्राफर को किसी भी जगह के तापमान, मौसम, पहाड़ियों, घाटियों, ग्लेशियर, नदियों और प्रमुख स्थानों के बारे में जानकारी होती है। जोकि उन्हें ट्रैवल और टूरिज्म के क्षेत्र में बेहतर करियर विकल्प दिला सकता है।
5. Environment specialist/ Advisor:- बतौर पर्यावरणविद् आप प्राकृतिक संसाधनों के बचाव, रख-रखाव और उसके अन्य विकल्प के बारे में अच्छी जानकारी रखते हैं। साथ ही आपको बढ़ती आबादी, प्रदूषण, प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु परिवर्तन आदि के विषय में भी पता होता है। ऐसे में भूगोल विषय की पढ़ाई करने के बाद नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट, एनवायरेंटल एरिया आदि आपके लिए करियर के तौर पर काम करने की अच्छी जगह हो सकती हैं।
इसके अलावा, आप ट्रांसपोर्टेशन, सैटेलाइट तकनीक, आपदा प्रबंधन, एजुकेशन, मौसम विभाग, जनसंख्या प्रबंध, शिपिंग रूट टेक्नोलॉजी, रिमोट सेंसिंग, खाद्य सुरक्षा, बायो डायवर्सिटी, एनवायरमेंटल इश्यूज, जीपीएस सिस्टम, माइनिंग इंडस्ट्रीज, रिसर्च, टेलीकॉम, सॉलिड वेस्ट, कार्टोग्राफर, कंजरवेशन, रीसाइक्लिंग, जर्नलिस्ट, लॉ, आर्टिटेक्ट इत्यादि क्षेत्रों में भी भूगोल विषय से अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं।
पढ़ाई में आने वाले खर्च के बारे में
भूगोल से स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई करने में आपको 5 हजार से लेकर 50 हजार तक फीस देनी पड़ सकती है। जोकि अलग-अलग शिक्षण संस्थानों के आधार पर निर्धारित की गई होती है।
इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि यदि आपकी भूगोल विषय में रुचि है, तभी आप इसे अच्छे से पढ़ सकेंगे और इससे जुड़े करियर ऑप्शन में अपना अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे। जहां आपको आपके अनुभव के आधार पर हजारों से लेकर लाखों की आमदनी प्राप्त होती है।
इति
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